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प्रादेशिक

एफडीआई के जरिए उत्तर प्रदेश में विदेशी निवेश बढ़ाने पर योगी सरकार का फोकस

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की उन्नति का मार्ग प्रशस्त कर रही योगी सरकार सीएम योगी आदित्यनाथ के विजन के अनुसार प्रदेश को वर्ष 2027 तक ‘वन ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी’ बनाने की दिशा में तेजी से प्रयास कर रही है। इस क्रम में, प्रदेश की उद्यमिता बढ़ाने के साथ ही वैश्विक बाजार के प्रणेताओं का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिहाज से भी योगी सरकार सकारात्मक कदम उठा रही है। प्रदेश को देश में निवेश के लिहाज से मोस्ट फेवरेबल डेस्टिनेशन के तौर पर प्रोजेक्ट कर रही योगी सरकार ने विशेषतौर पर प्रदेश में फॉर्च्यून-500 लिस्ट में शामिल ग्लोबल लीडिंग कंपनियों के निवेश को बढ़ाने के लिए हाल ही में बाकायदा नई फॉरेन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट (एफडीआई) पॉलिसी 2023 भी लागू कर दी है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 14 फॉर्च्यून-500 एनलिस्टेड कंपनियों की उपस्थिति है। अब इस संख्या को बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश में व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं। इसी के एक प्रयास के तौर पर प्रदेश में एफडीआई को आकर्षित करने व यूपी को निवेश के लिहाज से देश का मोस्ट फेवरेबल डेस्टिनेशन के तौर पर स्थापित करने के लिए स्विट्जरलैंड के दावोस में होने वाले वर्ल्ड इकॉनमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ)-2023 में योगी सरकार अपना प्रतिनिधिमंडल भी भेजने जा रही है। अगले वर्ष जनवरी 15 से 19 के बीच डब्ल्यूईएफ में भाग ले रहे इस प्रतिनिधिमंडल में औद्योगिक विकास मंत्री नंदगोपाल नंदी, वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त (आईआईडीसी) मनोज कुमार सिंह व सीएम के सचिव अमित सिंह भी शामिल होंगे।

उत्तर प्रदेश में एफडीआई के जरिए इकॉनमी बढ़ाने पर जोर

हाल ही में जापान की फूजी सिल्वरटेक कॉन्क्रीट प्राइवेट लिमिटेड वह पहली कंपनी बनी जिसने नई एफडीआई पॉलिसी लागू होने के बाद 1 अरब रुपये से अधिक का नियोजित निवेश किया है। फ़ूजी सिल्वरटेक को विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करने के लिए यीडा क्षेत्र के सेक्टर-32 में 75 प्रतिशत रियायती दरों पर 20 एकड़ भूमि आवंटित की गई है। यह स्थान आगामी नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (जेवर) के पास है। इसके अतिरिक्त, एक और फॉर्च्यून 500 कंपनी जिसे सब्सिडी वाली जमीन मिलने की उम्मीद है वह सिफी इनफाइनाइट स्पेस है जो सेक्टर-28 में डेटा सेंटर के विकास के लिए काम करेगी। इसी तरह, स्विट्जरलैंड के दावोस में होने वर्ल्ड इकॉनमिक फोरम में फॉर्च्यून 500 कंपनियों के लीडर्स के साथ मुलाकात करके सीएम योगी का प्रतिनिधिमंडल इन कंपनियों का एफडीआई माध्यम से व्यापक निवेश प्रदेश में आकर्षित कराने की कोशिश करेगा। वहीं, अन्य वैश्विक आर्थिक मंचों पर भी उत्तर प्रदेश की व्यापक छवि प्रदर्शित करने की दिशा में भी योगी सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इन प्रयासों में और तेजी लाने के लिए ही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार वैश्विक आर्थिक मंचों पर व्यापक उपस्थिति सुनिश्चित करने व वैश्विक दिग्गज कंपनियों को प्रदेश में निवेश के लिए प्रोत्साहित करने के लिए संपर्क व समन्व्य प्रक्रिया अपना रही है।

विदेशी निवेश आकर्षित करने में मिल रही है बड़ी सफलता

उत्तर प्रदेश ने पिछले कुछ वर्षों में विदेशी निवेश आकर्षित करने में बड़ी प्रगति की है। 2001 से 2017 के बीच 17 सालों में जितना विदेशी निवेश उत्तर प्रदेश में आया, उससे करीब चार गुना ज्यादा विदेशी निवेश 2019 से 2023 के बीच सिर्फ पांच सालों में आया। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग व भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक, 2000 से 2017 के बीच उत्तर प्रदेश में सिर्फ 3,000 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश आया, जबकि 2019 से जून 2023 के बीच सीधे तौर पर करीब 11,000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। अक्टूबर 2019 से जून 2023 के बीच देश के विभिन्न राज्यों में एफडीआई लिस्ट में उत्तर प्रदेश 11वें स्थान पर आ गया है। उत्तर प्रदेश से ऊपर महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, दिल्ली, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, झारखंड, राजस्थान और पश्चिम बंगाल हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश ने पंजाब, आंध्र प्रदेश, केरल, मध्य प्रदेश, हिमाचल, बिहार, चंडीगढ़, गोवा और छत्तीसगढ़ समेत 22 राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। इस आर्थिक वृद्धि को देखते हुए माना जा रहा है कि जल्द ही उत्तर प्रदेश के देश के शीर्ष 10 राज्यों में शामिल हो जाएगा। हालांकि, देश में आए कुल एफडीआई की अपेक्षा यह केवल 0.7 प्रतिशत था। साल 2014-15 में 679 करोड़ रुपये, 2015-16 में 524 करोड़ रुपये तथा साल 2016-17 में 50 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश आया। ऐसे में, उत्तर प्रदेश इसीलिए एफडीआई पर सबसे ज्यादा फोकस कर रहा है क्योंकि वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उसे इस अंतराल को पाटना होगा।

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि

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लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।

देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।

🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।

🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।

इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.

‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!

यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…

वनावरण

1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण

1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)

सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड

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