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प्रादेशिक

कर्मचारियों के लिए सस्‍ते आवास बनाने के राज्‍य सरकार के फैसले का कर्मचारी संगठनों ने किया स्‍वागत

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लखनऊ। कर्मचारियों के लिए सस्‍ते आवास बनाने के राज्‍य सरकार के फैसले का कर्मचारी संगठनों ने स्‍वागत किया है। राज्‍य संयुक्‍त कर्मचारी परिषद के अध्‍यक्ष जेएन तिवारी ने समूह ग और घ श्रेणी के कर्मचारियों के लिए इसे सरकार की बड़ी सौगात बताया है।

उन्‍होंने कहा कि पहली बार किसी सरकार ने समूह ग और घ श्रेणी के कर्मचारियों के हित में ऐसा बड़ा फैसला लिया है। सरकार के इस कदम से कर्मचारियों में खुशी की लहर है। इस फैसले से कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा। वो और बेहतर काम के लिए प्रेरित होंगे। कर्मचारियों की तरफ से मैं सीएम योगी को धन्‍यवाद देता हूं।

गौरतलब है कि मुख्‍तार,अतीक और बदन सिंह बद्दो जैसे तमाम माफियाओं के कब्‍जे से मुक्‍त कराई गई भूमि पर योगी सरकार कर्मचारियों के लिए आवास बनाने जा रही है। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने आवास विभाग को योजना का प्रस्‍ताव तैयार करने का निर्देश दिया है। प्रदेश में पहली बार भूमाफिया के खिलाफ ऐतिहासिक कार्यवाही करते हुए सरकारी और निजी अरबों रुपए की कीमत की डेढ़ लाख एकड़ से ज्यादा भूमि राज्‍य सरकार ने खाली कराई है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2017 में प्रदेश की कमान संभालने के बाद भूमाफिया के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद प्रदेश में चार स्तरीय एंटी भूमाफिया टास्क फोर्स का गठन कर कार्यवाही शुरू की गई थी।

राजस्व विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 15 अगस्त तक करीब 62423.89 हेक्टेयर यानि 1,54,249 एकड़ से अधिक भूमि को मुक्त कराया गया है। साथ ही राजस्व विभाग ने 2464 अतिक्रमणकारियों को चिह्नित करते हुए 187 भूमाफियाओं को जेल भेजा है और 22,992 राजस्व वाद, 857 सिविल वाद दर्ज करते हुए 4407 एफआईआर कराई गई है।

उत्तर प्रदेश

लखनऊ में बाघ का आतंक : वन विभाग ने पकड़ने के लिए किए तरह – तरह के उपाय, नहीं आ रहा है हाथ

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लखनऊ। रहमानखेड़ा केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में बाघ ने एक और पड़वे (भैंस के बच्चे) का शिकार किया है। यह बाघ का 15वां शिकार है। बाघ ने वन विभाग को एक बार फिर चकमा देते हुए जंगल में उसी जगह शिकार किया जहां उसको फंसाने के लिए गड्ढा खोदा गया है। जंगल के जोन एक के बेल वाले ब्लॉक में वन विभाग ने 15 फीट गहरा गड्ढा खोद झाड़ियों से ढक दिया है ताकि बाघ शिकार करने का प्रयास करें तो गहरे गड्ढे में गिर जाए।

फिर उसे ट्रैंकुलाइज किया जा सके। यहीं एक पिंजरा भी लगाया गया है जिसमें पड़वे को बांधा गया था। हालांकि वन विभाग की सारी तरकीबें धरी रह गई हैं। मंगलवार भोर में बाघ ने पड़वा को अपना निवाला बनाया। न वो पिंजरे में फंसा न गड्ढे में गिरा। सुबह जानकारी पर जांच करने पहुंची टीम को पड़वे का क्षतविक्षत शव मिला। मौके से बाघ के पगचिह्न भी मिले।

विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ 24 घंटे के अंदर अपने शिकार का बचा हुआ मांस खाने के लिए दोबारा आ सकता है। वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश में मीठेनगर, उलरापुर और दुगौली के आसपास मौजूद जंगल में डायना और सुलोचना हथिनियों से कॉम्बिंग की लेकिन उसका पता नहीं लगा। शिकार की जानकारी पर अपर मुख्य वन संरक्षक रेणू सिंह ने टीम लीडर आकाशदीप बधावन व डीएफओ सितांशु पांडेय के साथ शिकार स्थल का जायजा लिया। यहां सक्रिय टीम को मृत पड़वे के पास निगरानी करने का निर्देश दिए।

तीन दर्जन से अधिक वाहनों की आवाजाही नो- गो- जोन में कर रही शोर गुल

वन विभाग ने रहमान खेड़ा में नो-गो जोन घोषित किया है। इसके बावजूद वन विभाग के ही 30 से ज्यादा वाहनों की हलचल यहां हर दिन रहती है। मंगलवार को दोपहर में अधिकारियों समेत वन विभाग टीम के करीब दो दर्जन चार पहिया वाहन कमांड ऑफिस के आस-पास खड़े थे। संस्थान के कर्मियों के वाहन व बसों की आवाजाही भी यहां रहती है। मचान व पिंजरों के पास भी वाहनों के साथ अधिकारी आ जा रहे हैं। इसी के चलते बाघ पकड़ में नहीं आ पा रहा है।

 

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