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उत्तर प्रदेश

योगी कैबिनेट बैठक में 19 प्रस्तावों पर लगी मुहर, फ्लैट बायर्स को बड़ी राहत; आबकारी नीति को मंजूरी

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19 proposals approved in Yogi cabinet meeting

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लखनऊ। योगी सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अटकी हुईं आवासीय परियोजनाओं के लगभग 2.4 लाख आवंटियों को राहत देने का निर्णय किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज हुई कैबिनेट बैठक में इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत की अध्यक्षता में गठित समिति की सिफारशों को लागू करने का फैसला किया है।

समिति ने सिफारिश की थी यदि आवंटी ने पूरा पैसा जमा कर दिया है और उसे कब्जा नहीं मिला है तो उसे मकान का कब्जा दिलाकर उसकी रजिस्ट्री कराई जाए। यदि क्रेता मकान में निवास कर रहा है और उसकी रजिस्ट्री नहीं हुई है तो उसकी रजिस्ट्री कराई जाए।

योगी कैबिनेट बैठक के प्रस्ताव

  • रुकी हुई आवासीय परियोजनाएं होंगी पूरी
  • समिति ने 1 अप्रैल 2020 से मार्च 2022 तक कोरोना से प्रभावित कालखंड को जीरो पीरियड मानते हुए बिल्डरों को इस अवधि में ब्याज में छूट देने की भी संस्तुति की थी।
  • वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बताया कि राज्य सरकार ने इन दोनों संस्तुतियों को मान लिया है। इससे NCR क्षेत्र में बड़ी संख्या में आवंटियों को राहत मिलेगी। वहीं रुकी हुईं आवासीय परियोजनाएं भी पूरी हो सकेंगी।
  • आबकारी नीति 2024-25 को मंजूरी
  • उप्र द्राक्षासवनी नियमावली 1961 में संशोधन का प्रस्ताव मंजूर।
  • अंगूर, सेब और नाशपाती से बनने वाली क्रमशः साइडर, शेरी और पेरी वाइन को नियमावली में शामिल किया गया।
  • सहारनपुर विकास प्राधिकरण में सदर, नटकुर और रामपुर मनिहारान तहसीलों के 33 गांव शामिल करने का प्रस्ताव भी मंजूर।
  • 57 जिलों में साइबर क्राइम थाना की स्थापना का प्रस्ताव भी अनुमोदित।
  • मुख्यमंत्री की घोषणा के क्रम में राजधानी स्थित SGPGI में एडवांस्ड पीडियाट्रिक सेंटर की स्थापना का प्रस्ताव मंजूर।
  • अधिवक्ता कल्याण निधि का कार्पस फंड बढ़कर 500 करोड़ रुपये करने का निर्णय।
  • ई-नाम परियोजना के अंतर्गत प्रदेश के बाहर के व्यापारियों को उत्तर प्रदेश में और उप्र के व्यापारियों को अन्य प्रदेशों में कृषि उत्पादों के व्यापार के लिए लाइसेंस उपलब्ध कराए जाने का निर्णय।

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग का गठन, पूर्व विधायक बैजनाथ रावत बने अध्यक्ष

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति (SC-ST) आयोग का गठन किया गया है। इस आयोग का अध्यक्ष पूर्व विधायक बैजनाथ रावत को बनाया गया है जबकि बेचन राम और जीत सिंह खरवार को आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया है। आयोग में 16 सदस्य भी बनाए गए हैं। राज्यपाल की एक्सेप्टेन्स के बाद आयोग के नए सदस्यों की लिस्ट जारी कर दी गई है। बैजनाथ रावत बाराबंकी के रहने वाले हैं जबकि उपाध्यक्ष बेचन राम पूर्व विधायक हैं और गोरखपुर के रहने वाले हैं।

एससी-एसटी आयोग के सदस्यों के नाम

हरेन्द्र जाटव- मेरठ
महिपाल वाल्मीकि- सहारनपुर
संजय सिंह-बरेली
दिनेश भारत- आगरा
शिव नारायण सोनकर-हमीरपुर
नीरज गौतम-औरेया
रमेश कुमार तूफानी-लखनऊ
नरेन्द्र सिंह खजूरी-मेरठ
तीजाराम- आजमगढ़
विनय राम- मऊ
अनिता गौतम- गोंडा
रमेश चन्द्र- कानपुर
मिठाई लाल- भदोही
उमेश कठेरिया-बरेली
जितेन्द्र कुमार-कौशाम्बी
अनिता कमल-अम्बेडकरनगर

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