Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

आखिर क्यों पुतिन ने बोला यूक्रेन पर हमला? क्या थी जंग छिड़ने की वजह? यहां पढ़ें

Published

on

Loading

कई महीनों तक रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन पर हमले की किसी भी योजना से इनकार करते रहे। लेकिन गुरुवार को उन्होंने एक लाइव टीवी कार्यक्रम में यूक्रेन में ‘स्पेशल मिलिटरी ऑपरेशन’ का एलान कर दिया। रूसी राष्ट्रपति के इस एलान के बाद यूक्रेन की राजधानी कीएफ़ समेत देश के अन्य हिस्सों में धमाकों की आवाजें सुनी गईं।

Economic Crime Bill: What is it and will it find Putin's loot? - BBC News

रूस की तरफ़ से ये कार्रवाई पुतिन के मिन्स्क शांति समझौते को खत्म करने और यूक्रेन के दो अलगाववादी क्षेत्रों में सेना भेजने की घोषणा के बाद की गई है। रूस की तरफ़ से इन राज्यों में सेना भेजने की वजह ‘शांति कायम करना’ बताया गया है। रूस ने हाल के महीनों में यूक्रेन बॉर्डर के पास लगभग 2 लाख सैनिकों को तैनात किया हुआ था, जिसके बाद यूक्रेन पर हमले की अटकलें काफ़ी वक़्त से लगाई जा रही थीं।

हालांकि रूस लगातार इन अटकलों को ख़ारिज करता रहा। अब जब हालात और ख़राब हो चुके हैं और यूक्रेन के कई शहरों पर रूस के हमले की ख़बरें और तस्वीरें आने लगी हैं, तो ऐसे में सब के मन ये सवाल आता है कि आख़िर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन चाहते क्या हैं? इसे समझने के लिए हमें 8 साल पीछे यानी साल 2014 में चलना होगा। तब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था। उस वक़्त रूस समर्थित विद्रोहियों ने देश के पूर्वी हिस्से में एक अच्छे खासे इलाक़े पर क़ब्ज़ा कर लिया था। उस वक़्त से लेकर आज तक इन विद्रोहियों की यूक्रेन की सेना से भिड़ंत लगातार जारी है। दोनों देशों के बीच टकराव टालने के लिए मिन्स्क का शांति समझौता भी हुआ, लेकिन उसके बाद भी टकराव ख़त्म नहीं हुआ। पुतिन का तर्क है कि इसी वजह से वो सेना भेजने को मजबूर हैं।

The agent and the comic: Putin, Zelensky in fight for Ukraine

रूस ने लंबे समय से यूक्रेन के यूरोपियन यूनियन, नेटो और अन्य यूरोपीय संस्थाओं के साथ क़रीबी का विरोध किया है। हालिया घटनाक्रमों के पीछ पुतिन का तर्क है कि यूक्रेन पूर्ण रूप से कभी एक देश था ही नहीं, उन्होंने यूक्रेन पर पश्चिमी देशों की कठपुतली बनने का भी आरोप लगाया है। पुतिन यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि यूक्रेन नेटो में शामिल नहीं हो पाए। इसके लिए वह यूक्रेन और अन्य पश्चिमी देशों से गारंटी चाहते हैं। उनकी मांग है कि यूक्रेन अपना सैन्यीकरण बंद करे और किसी गुट का हिस्सा ना बने। सोवियत संघ का हिस्सा रहने की वजह से यूक्रेन का रूसी समाज और संस्कृति से गहरा जुड़ाव रहा है। वहां रूसी भाषा बोलने वालों की संख्या भी अच्छी खासी है। लेकिन 2014 के हमले के बाद से दोनों देशों के रिश्ते काफ़ी ख़राब हुए हैं। 2014 में रूस समर्थक माने जाने वाले यूक्रेन के तत्कालीन राष्ट्रपति को सत्ता छोड़नी पड़ी। इसके बाद रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था।

अन्तर्राष्ट्रीय

यात्रियों से भरी बस को एक ट्रक ने मारी भीषण टक्कर, 38 लोगों की मौत

Published

on

Loading

दक्षिण-पूर्वी ब्राजील। दक्षिण-पूर्वी ब्राजील में यात्रियों से भरी बस को एक ट्रक ने भीषण टक्कर मार दी। यह हादसा दक्षिण-पूर्वी ब्राजील के मिनास गेरैस राज्य में एक राजमार्ग पर हुआ। यहां बस और ट्रक की टक्कर में 38 लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। मिनास गेरैस अग्निशमन विभाग ने बताया कि शनिवार सुबह हुए इस हादसे में घायल 13 अन्य लोगों को टियोफिलो ओटोनी शहर के पास के अस्पतालों में ले जाया गया।

बताया जा रहा है कि बस साओ पाउलो से चली थी और उसमें 45 यात्री सवार थे। अधिकारियों ने कहा कि जांच के बाद ही दुर्घटना का कारण स्पष्ट हो सकेगा। प्रत्यक्षदर्शियों ने बचाव दल को बताया कि बस का टायर फटने से बस अनियंत्रित हो गई और एक ट्रक से टकरा गई। हादसे के दौरान एक कार भी उस बस से टकरा गई, कार में तीन यात्री सवार थे और तीनों की जान बच गई।

राष्ट्रपति ने जाहिर किया शोक

इस भीषण सड़क दुर्घटना में हुई मौतों को लेकर ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा ने गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने शनिवार को एक बयान जारी करके कहा ,‘‘ मुझे बेहद अफसोस है और मैं दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।’’ परिवहन मंत्रालय के अनुसार, इस वर्ष ब्राजील में यातायात दुर्घटनाओं में 10 हजार से अधिक लोग मारे गए हैं।

 

Continue Reading

Trending