उत्तर प्रदेश
मैनपुरी सीट पर बेहद सावधानी से दांव लगाएंगे अखिलेश यादव, यह नाम सबसे आगे
लखनऊ। मैनपुरी लोकसभा (Mainpuri Lok Sabha) व रामपुर विधानसभा सीट सहित अन्य कई राज्यों में उपचुनाव की घोषणा चुनाव आयोग ने कर दी है। सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन से खाली हुई मैनपुरी लोकसभा सीट पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बनी है।
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अखिलेश यादव इस सीट पर किसे चुनाव मैदान में उतारेंगे, फिलहाल यह तय तो नहीं है लेकिन जिन तीन नामों को लेकर पिछले कई दिनों से चर्चा है उनमें तेज प्रताप यादव का नाम सबसे आगे चल रहा है। पिता की इस सीट पर प्रत्याशी तय करना अखिलेश के लिए आसान नहीं है।
सूबे की राजनीति में बीजेपी की कड़ी घेराबंदी का सामना कर रहे अखिलेश यहां बहुत सोचकर दांव लगाएंगे। माना जा रहा है कि तेज प्रताप को मैदान में उतारकर अखिलेश एक साथ सियासत और परिवार दोनों के समीकरण दुरुस्त कर सकते हैं।
मैनपुरी सीट पर जिन दो अन्य नेताओं को लेकर चर्चा है उनमें अखिलेश यादव की पत्नी और पूर्व सांसद डिंपल यादव और अखिलेश के चाचा शिवपाल सिंह यादव का नाम शामिल है। बताया जा रहा है कि परिवार में एकता बनाए रखने के लिए अंदर ही अंदर शिवपाल को मनाने की कोशिशें भी चल रही हैं।
इसका असर शिवपाल की बातों में भी दिख रहा है जो लगातार परिवार में एका की बात करते हुए इसे जरूरी बता रहे हैं। पार्टी में एक धड़ा मैनपुरी सीट पर मुलायम की विरासत डिंपल यादव को सौंपे जाने के पक्ष में है लेकिन इस सीट पर तेज प्रताप की दावेदारी को फिलहाल सबसे मजबूत माना जा रहा है। बताया जा रहा है सपा और अखिलेश यादव, तेज प्रताप को मैनपुरी से उतारने का लगभग मन बना चुके हैं।
ब्रिटेन के लीड्स विश्वविद्यालय से एमएससी (मैनेजमेंट) की डिग्री हासिल करने वाले तेज प्रताप वर्ष 2014 में मैनपुरी से सांसद चुने गए थे। हालांकि शिवपाल यादव ने भी अभी तक अपनी दावेदारी छोड़ी नहीं है।
मैनपुरी से खुद प्रसपा के टिकट पर मैदान में उतरने की सम्भावना से उन्होंने इनकार नहीं किया है। समाजवादी पार्टी और यादव परिवार चाहता है कि कम से कम मैनपुरी में ऐसा कुछ न होने पाए। सूत्रों का कहना है कि परिवार की एकता के लिए शिवपाल, तेज प्रताप का समर्थन करने इसकी पुरजोर कोशिशें की जा रही हैं।
इसके बदले में शिवपाल को 2024 में होने वाले लोकसभा आम चुनाव में वह जहां से चाहें चुनाव लड़ाने का ऑफर दिया जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि तेज प्रताप के हक में शिवपाल अपनी दावेदारी छोड़ भी सकते हैं।
दरअसल, परिवार में तेज प्रताप और शिवपाल के रिश्ते बेहतर बताए जाते हैं। वह एक बार मैनपुरी से सांसद रह भी चुके हैं। बताया जा रहा है बड़े भाई मुलायम सिंह यादव के निधन से खाली हुई सीट पर तेज प्रताप की उम्मीदवारी का शिवपाल भी समर्थन कर सकते हैं।
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उत्तर प्रदेश
कैबिनेट की बैठक के बाद सीएम योगी ने सभी मंत्रियों के साथ संगम में लगाई डुबकी, कई प्रोजेक्ट्स को मिली मंजूरी
प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में यूपी कैबिनेट की बैठक बुधवार को प्रयागराज के त्रिवेणी संकुल अरैल सभागार में हुई। बैतहक में यूपी से जुड़े कई अहम प्रस्तावों और योजनाओं को मंजूरी दी गई है। बैठक में यूपी सरकार के सभी 54 मंत्री मौजूद रहे। बैठक के बाद सीएम योगी के साथ सभी मंत्रियों ने संगम में स्नान किया। इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को भी संबोधित किया।
इन प्रस्तावों को दिखाई हरी झंडी
कैबिनेट बैठक में एक्सप्रेसवे, एयरोस्पेस प्रोजेक्ट समेत कई प्रस्तावों और परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक के अलावा सभी 54 मंत्री शामिल हुए।
गंगा एक्सप्रेसवे का विस्तार किया जाएगा
सीएम योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक गंगा एक्सप्रेसवे का विस्तार किया जाएगा। इसे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा विंध्य एक्सप्रेसवे का भी ऐलान किया गया है। इसके अलावा एयरोस्पेस के कई प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है।
वाराणसी में भी विकास क्षेत्र बनाने की तैयारी
प्रयागराज-चित्रकूट की तरह वाराणसी में भी विकास क्षेत्र बनाने की तैयारी है। इससे पर्यटन और आर्थिक रोजगार को फायदा होगा। कैबिनेट ने प्रयागराज और वाराणसी समेत 7 जिलों को मिलाकर धार्मिक क्षेत्र के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसमें प्रयागराज, वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर, मिर्जापुर और भदोही जिले शामिल हैं। वाराणसी-विंध्य विकास क्षेत्र को लेकर चर्चा हुई है। प्रयागराज में यमुना नदी पर सिग्नेचर ब्रिज के समानांतर नया पुल बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है।
कैबिनेट बैठक में कई नए मेडिकलों को मंजूरी
तीन नए मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी गई है। योगी सरकार ने प्रदेश के हर जिले में मेडिकल कॉलेज बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए हाथरस, बागपत और कासगंज में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज बनाए जाएंगे। इन्हें कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।
सात जिलों को मिलाकर बनेगा धार्मिक सर्किट
बैठक में प्रयागराज और वाराणसी समेत सात जिलों को मिलाकर एक धार्मिक सर्किट (Religious Circuit) बनाने की योजना को मंजूरी दी गई। इस सर्किट में चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर, मिर्जापुर और भदोही को शामिल किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सर्किट न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि क्षेत्र के आर्थिक विकास में भी योगदान देगा। इसके तहत प्रयागराज और विंध्याचल को काशी से जोड़ने वाले नए एक्सप्रेसवे की भी योजना है।
सीएम योगी ने कैबिनेट बैठक के बाद कहा कि आज यहां कई मुद्दों पर चर्चा हुई। प्रदेश के विकास से जुड़े नीतिगत फैसलों पर चर्चा हुई। 2018 में हमने नीति 2024 के लिए उत्तर प्रदेश की एयरोस्पेस और डिफेंस से जुड़ी नीति बनाई थी। इस नीति के 5 साल पूरे हो गए हैं, अब इसे नए सिरे से बनाने की व्यवस्था की गई है। यूपी सरकार की कैबिनेट बैठक में संगम को कुंभ की तस्वीर के साथ इन सभी मंत्रियों को प्लेट और कलश दिया जाएगा।
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