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पत्रकार सौम्या विश्वनाथन मर्डर केस में सभी आरोपी दोषी करार, 26 अक्टूबर को सुनाई जाएगी सजा

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Soumya Vishwanathan Murder Case

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नई दिल्ली। दिल्ली साकेत कोर्ट में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रवींद्र कुमार पाण्डेय द्वारा आज टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की 2008 में की गई हत्या मामले में सभी चार आरोपियों को दोषी करार दिया गया है। साकेत कोर्ट ने वसंत कुंज थाने में 302/34 आईपीसी, 411 आईपीसी, मकोका के 3(1)(i), 3(2), 3(5) की धाराओं में दर्ज सौम्या विश्वनाथन हत्या मामले में चार आरोपितों को हत्या के संगठित अपराध का दोषी करार दिया। अजय सेठी को केवल 411 आईपीसी, मकोका के 3(1)(i), 3(2), 3(5) की धाराओं में दोषी करार किया गया।

26 अक्टूबर को सजा सुनाएगी अदालत

अब 26 अक्टूबर को दोषियों को अदालत सजा सुनाएगी। मृतका सौम्या विश्वनाथन के पिता एमके विश्वनाथन और माता माधवी विश्वनाथन भी मौजूद हैं। आरोपित अमित शुक्ला की ओर से दाखिल की गई अंतरिम जमानत की एक याचिका को भी कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

काम से घर लौटते समय कर दी गई थी हत्या

पिछली सुनवाई पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रवींद्र कुमार पाण्डेय ने फैसला सुनाए जाने के दौरान सभी आरोपितों को अदालत में शारीरिक रूप से उपस्थित रहने का निर्देश दिया था। बता दें कि सौम्या विश्वनाथन की 30 सितंबर, 2008 को सुबह लगभग 3.30 बजे उनकी कार में काम से घर लौटते समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

हत्या के पीछे डकैती का था मकसद

पुलिस ने दावा किया था कि उनकी हत्या के पीछे डकैती का मकसद था, लेकिन पांच लोगों रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक, अजय कुमार और अजय सेठी को उनकी हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और वे मार्च 2009 से हिरासत में हैं।

पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ सख्त महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) लगाया था। बलजीत और दो अन्य – रवि कपूर और अमित शुक्ला को पहले 2009 में आइटी एग्जीक्यूटिव जिगिशा घोष की हत्या में दोषी ठहराया गया था।

हथियार की बरामदगी से हुआ हत्या के मामले का पर्दाफाश

पुलिस ने बताया था कि जिगिशा घोष की हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार की बरामदगी से विश्वनाथन की हत्या के मामले का पर्दाफाश हुआ। ट्रायल कोर्ट ने 2017 में जिगिशा घोष हत्या मामले में कपूर और अमित शुक्ला को मौत की सजा और बलजीत मलिक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

हालांकि अगले वर्ष, उच्च न्यायालय ने रवि कपूर और अमित शुक्ला की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था और जिगिशा हत्या मामले में बलजीत मलिक की आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा था।

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दिल्ली के आसमान में छाई धुंध, AQI 400 के पार, लोगों को सांस लेने में हो रही मुश्किल

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नई दिल्ली। नवंबर का महीना आधा बीत चुकी है, बावजूद इसके इस बार दिल्ली में सिर्फ सुबह और शाम को ही ठंड का अहसास हो रहा है। सुबह-शाम की के समय पड़ रही सर्दी में प्रदूषण का स्तर बेहद खराब हो गया है, जिससे लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है। हवा की गुणवत्ता को सुधार करने के लिए दिल्ली में ग्रेप-3 लागू किया गया है, लेकिन इससे भी दिल्ली की हवा में कोई खास फर्क नजर नहीं आ रहा है और ये लगातार जहरीली होती जा रही है।

इस बीच रविवार को दिल्ली में वायु का गुणवत्ता सूचकांक 400 के पास निकल गया। इस दौरान राजधानी के दस से ज्यादा इलाकों में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर दर्ज की गई। बता दें कि दिल्ली में फिलहाल GRAP-3 लागू हैं, बावजूद इसके राष्ट्रीय राजधानी की हवा साफ नहीं हो रही. ऐसे में वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए किए जा रहे उपाय बेकार नजर आ रहे हैं।

दिल्ली के इन इलाकों में एक्यूआई 400 पार

रविवार सुबह दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर से धुंध छाई नजर आई. इस दौरान द्वारका-सेक्टर 8 और दिल्ली डीपीसीसी द्वारका में एक्यूआई 443 दर्ज किया गया। जबकि एनएसआईटी द्वारका में वायु गुणवत्ता सूचकांक 406 रहा। वहीं पश्चिमी दिल्ली में AQI 426 और डीपीसीसी पश्चिमी दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 406 पहुंच गया. वहीं शादीपुर में ये 457, शिवाजी पार्क में 448 और भीम नगर के साथ मुंडका इलाके में वायु गुणवत्ता सूचकांक सबसे ज्यादा 465 दर्ज किया गया।

उधर दिल्ली दुग्ध योजना कॉलोनी में एक्यूआई 430, आरके पुरम में 435, श्री अरबिंदो मार्ग में 436, आया नगर में 423 तो लोधी रोड में वायु की गुणवत्ता 378 दर्ज की गई. जबकि नजफगढ़ एक्यूआई 399, वजीरपुर 463, चांदनी चौक 368 दर्ज किया गया. वहीं गोकलपुरी 375, अशोक विहार 449, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में एक्यूआई 366, रोहिणी 449 और आईटीओ में 410 दर्ज किया गया. जो बेहद खराब श्रेणी में बना हुआ है।

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