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उत्तर प्रदेश

प्रदेश में कानून व्यवस्था के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर को भी बढाया गया: सीएम योगी

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नई दिल्ली। इंडियन रोड कांग्रेस (IRC) के 81वें तीनदिवसीय (8 से 11 अक्टूबर) अधिवेशन का शुभारम्भ आज उप्र की राजधानी लखमऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में हुआ। केंद्रीय सड़क, परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने IRC का उद्घाटन किया।

उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा आईआरसी के लिए उप्र को चुना जाना हमारे लिए हर्ष का विषय है। सीएम ने कहा उप्र बड़ा वृहद राज्य है,यहां की भौगोलिक परिस्थियां अलग हैं,हमने केंद्रीय परिवहन मंत्री जी के साथ मिलकर कार्य किया। गडकरी जी को सड़क निर्माण का अनुभव पहले से था। महाराष्ट्र में उन्होने लोक निर्माण विभाग सम्भाला।

उन्होंने कहा राष्ट्रीय राजमार्गों की परिकल्पना का श्रेय वाजपेयी जी को जाता है। उस दिशा में बड़े पैमाने पर कार्य 2014 से शुरू हुआ,इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए इंटरस्टेट कनेक्टिविटी महत्वपूर्ण है। आज उप्र के अंदर चाहे जहां से आएं आपको 4 लेन हाइवे मिलेगी,प्रदेश में कानून व्यवस्था के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर को बढाने का भी कार्य किया गया।

सीएम योगी ने कहा प्रधानमंत्री जी कहते हैं अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर इकोनॉमी की बैक बोन होती है,हमारे प्रदेश में पूर्वी और बुन्देलखण्ड क्षेत्र बहुत पिछड़े थे,लेकिन हमने प्रधानमंत्री जी के निर्देशन में कोरोना महामारी के बावजूद अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर और एक्सप्रेस वे बनाकर पूरा किया।

उन्होंने कहा नई तकनीकी के साथ कम लागत में कैसे कार्य होता है,गडकरी जी के नेतृत्व में हमने किया है। आज एफडीआर को उप्र ने लागू किया ,इसमें कम लागत और कम मैटेरियल में मार्गो का निर्माण कर रहे हैं,यह मॉडल उप्र में है।

सीएम योगी ने कहा इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए लो कास्ट और तकनीकी जरूरी है। हम भगवान विश्वकर्मा की पूजा करते हैं,लेकिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने वाले लोग तकनीकी के लिए पश्चिमी देशों की तरफ देखते हैं। इसके लिए हमने इस सेक्टर के लिए पढ़ने वाले छात्रों को विशेषग्यों के साथ जोड़ने का कार्य यहां हो रहा है।

हमारे तकनीकी विशेषज्ञ कभी कभी लकीर के फ़कीर बने रहते हैं,लेकिन ये इंडियन रोड कांग्रेस रोड इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए कुछ इनोवेटिव आइडियाज लाने वाला होगा। रोड सेफ्टी के बारे में भी हमे सोचना होगा,आपकी गलत तकनीकी की वजह से कई लोगो की जान जा सकती है।

कोरोना के काल मे उप्र में ढाई साल में 23 हजार मौत हुई लेकिन रोड एक्सीडेंट में प्रतिवर्ष 20 हजार मौत हो रही है। मैं हर 2,3 महीने में रोड सेफ्टी की बैठक लेता हूँ,लेकिन अभी भी बहुत तकनीकी की जरूरत है। रोड इंफ्रास्ट्रक्चर में कुछ नए प्रयास किये जा सकते हैं,इस दिशा में हमे सोचना होगा,इस पर यहां मंथन करने की जरूरत है।

उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ 2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों के अलावा 550 शटल बसें संचालित करेगा परिवहन निगम

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लखनऊ/प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में उ0प्र0 परिवहन निगम दिव्य, भव्य एवं ग्रीन महाकुम्भ मेला-2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों को संचालित करेगा। परिवहन निगम प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण स्थानों से सुगम, सस्ती एवं आरामदायक सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है।

महाकुम्भ मेला में सड़क मार्ग से पूर्वाचल से अधिक संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। इसके दृष्टिगत पूर्वांचल के छोटे-छोटे कस्बों से मेला स्थल को जोड़ते हुए बसों के संचालन की योजना परिवहन निगम ने तैयार की है। महिला एवं वृद्ध तीर्थयात्रियों को विशेष सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई गयी है।

3 चरणों में संचालन

एमडी परिवहन निगम मासूम अली सरवर ने बताया कि महाकुम्भ मेला 2025 के दौरान मुख्य स्नान 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 के बीच पड़ रहे, जिसमें मौनी अमावस्या का शाही स्नान 29 जनवरी एवं बसंत पंचमी का शाही स्नान 03 फरवरी, 2025 को है। महाकुम्भ 2025 के दौरान लगभग 6800 परिवहन बसें एवं लगभग 200 वातानुकूलित बसों का संचालन किये जाने की योजना है।

प्रथम चरण में 12 जनवरी से 23 जनवरी तक द्वितीय चरण में 24 जनवरी से 07 फरवरी तक एवं तीसरे चरण में 08 फरवरी से 27 फरवरी तक तीन चरणों में महाकुम्भ मेले में संचालन को बाटा गया है। निगम के कुल 19 क्षेत्रों से लगभग 165 मार्गों पर निगम की बसों का संचालन किया जायेगा।

550 शटल बसें चलाई जाएंगी

एमडी परिवहन निगम ने बताया कि बसों के अतिरिक्त 550 शटल बसें विभिन्न स्थाई एवं अस्थाई बस स्टेशनों एवं विभिन्न मार्गों पर निर्धारित वाहन पार्किंग स्थलों से संगम तट के निकट स्थित भारद्वाज पार्क एवं भारत स्काउट गाइड कालेज बैक रोड तक तथा लेप्रोसी बस स्टेशन व अंधावा बस स्टेशन तक संचालित किये जाने की योजना है।

उन्होंने बताया कि मुख्य स्नान पर्व पर शश्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ बढ़ने के कारण शास्त्रीपुल, फाफामऊ पुल एवं यमुना पुल यातायात हेतु प्रतिबंधित रहने की स्थिति में शहर के बाहर कुल 08 अस्थाई बस स्टेशन गठित किये जायेंगे, जिसमें झूसी बस स्टेशन, दुर्जनपुर बस स्टेशन, सरस्वतीगेट बस स्टेशन, नेहरू पार्क बस स्टेशन, बेली कछार बस स्टेशन, बेला कछार बस स्टेशन, सरस्वती हाइटेक सिटी मेनू एवं लेप्रोसी मिशन बस स्टेशन हैं।

इन मार्गों प्रभाग संचालन

एमडी ने बताया कि झूसी बस स्टेशन से दोहरी घाट, बड़हलगंज, गोला, उरूवा, खजनी, सीकरीगंज, गोरखपुर मार्ग, आजमगढ़-बलिया-मऊ व सम्बद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा। दुर्जनपुर बस स्टेशन का उपयोग झूसी बस स्टेशन की बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर किया जायेगा।

इसी प्रकार सरस्वतीगेट बस स्टेशन से बदलापुर, शाहगंज, टांडा व सम्बद्ध मार्ग एवं वाराणसी एवं संबद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा, नेहरू पार्क बस स्टेशन से कानपुर एवं कौशाम्बी को संबद्ध मार्ग के लिए, बेला कछार बस स्टेशन से रायबरेली लखनऊ व संबद्ध मार्ग एवं फैजाबाद, अयोध्या, गोण्डा, बस्ती, बहराइच व संबद्ध मार्ग के लिए, सरस्वती हाइटेक सिटी नैनी से विन्ध्यांचल, मिर्जापुर, शक्तिनगर व संबद्ध मार्ग के लिए, लैप्रोसी मिशन बस स्टेशन से बांदा-चित्रकूट व संबद्ध मार्ग एवं रीवा-सीधी व संबद्ध मार्ग के लिए संचालन किया जायेगा।
नेहरू पार्क बस स्टेशन पर बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर बसों का संचालन बेली कछार बस स्टेशन से किया जायेगा।

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