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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ के साथ ही प्रयागराज के विकास को भी नई दिशा देंगे पीएम मोदी

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महाकुम्भ नगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को प्रयागराज का दौरा करेंगे। इस दौरान वह महाकुंभ मेला 2025 के लिए विकास कार्यों का निरीक्षण करेंगे और करीब 7000 करोड़ रुपए की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शुभारंभ करेंगे। यही नहीं प्रधानमंत्री संगम नोज पर पूजा अर्चना भी करेंगे, जबकि अक्षय वट और लेटे हनुमान मंदिर के दर्शन भी करेंगे। इसके साथ ही पीएम कुम्भ ‘सहायक’ चैटबॉट का भी शुभारंभ करेंगे। इन परियोजनाओं से न केवल महाकुम्भ 2025 का आयोजन को भव्य और दिव्य बनाने में मदद मिलेगी, बल्कि प्रयागराज को भी एक नई पहचान मिलेगी।

संगम पर करेंगे पूजा

पीएम मोदी प्रयागराज दौरे पर दोपहर करीब 12:15 बजे संगम स्थल पर पूजा-अर्चना और दर्शन करेंगे। इसके बाद दोपहर करीब 12:40 बजे प्रधानमंत्री अक्षय वट वृक्ष स्थल पर पूजा करेंगे। प्रधानमंत्री उसके बाद हनुमान मंदिर और सरस्वती कूप में दर्शन और पूजा करेंगे। दोपहर करीब 1:30 बजे वे महाकुम्भ प्रदर्शनी स्थल का भ्रमण करेंगे। इसके बाद पीएम दोपहर करीब 2 बजे महाकुम्भ 2025 के लिए विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। इसमें प्रयागराज में आधारभूत सुविधाओं को बढ़ावा देने और निर्बाध संपर्क प्रदान करने के लिए 10 नए रोड ओवर ब्रिज (आरओबी) या फ्लाईओवर, स्थायी घाट और रिवरफ्रंट सड़कें जैसी विभिन्न रेल और सड़क परियोजनाएं शामिल होंगी।

पेयजल और बिजली से संबंधित परियोजनाओं का करेंगे शुभारंभ

स्वच्छ और निर्मल गंगा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, प्रधानमंत्री गंगा नदी की ओर जाने वाले छोटे नालों को रोकने, टैप करने, मोड़ने और उपचारित करने की परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे। इससे नदी में बिना उपचार वाले जल का गंगा नदी में पहुंचना पूरी तरह से रोक पाना सुनिश्चित होगा। वे पेयजल और बिजली से संबंधित विभिन्न इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे।

प्रमुख कॉरिडोर का करेंगे उद्घाटन

प्रधानमंत्री मंदिर के प्रमुख कॉरिडोर का भी उद्घाटन करेंगे। इनमें भारद्वाज आश्रम कॉरिडोर, श्रृंगवेरपुर धाम कॉरिडोर, अक्षयवट कॉरिडोर, हनुमान मंदिर कॉरिडोर आदि शामिल हैं। इन परियोजनाओं से श्रद्धालुओं की पहुंच आसान होगी और आध्यात्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। प्रधानमंत्री कुम्भ ‘सहायक’ चैटबॉट का भी शुभारंभ करेंगे। यह चैटबॉट महाकुंभ मेला 2025 के बारे में श्रद्धालुओं को मार्गदर्शन और कार्यक्रमों की नवीनतम जानकारी प्रदान करेगा।

विकास की नई गाथा

प्रधानमंत्री मोदी का प्रयागराज दौरा विकास की एक नई गाथा लिखेगा। महाकुम्भ 2025 के लिए प्रस्तावित परियोजनाएं प्रयागराज की सांस्कृतिक पहचान को विश्व स्तर पर सुदृढ़ करेंगी और शहर को एक नई ऊंचाई पर ले जाएंगी। इन परियोजनाओं से न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था में भी तेजी आएगी। यातायात सुविधाओं में सुधार से यात्रियों और श्रद्धालुओं को राहत मिलेगी।

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उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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