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प्रादेशिक

राजाजी टाइगर रिजर्व की चीला रेंज में दिखा अद्भुत नजारा, हाथियों के झुंड को देखकर लोग हुए मंत्रमुग्ध

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धर्मनगरी हरिद्वार राजाजी टाइगर रिजर्व की चिल्ला रेंज का एक वीडियो वायरल हुआ है जो काफी अद्भुत नजारा रहा है इस वीडियो में एक हाथियों का पूरा झुंड दिखाई दे रहा है झुंड में बच्चे हाथियों के साथ मादा और नर हाथी भी है यह सभी पानी की प्यास बुझाने के लिए नदी किनारे चल रहे है वहां से गुजर रहे लोगों द्वारा हाथियों के झुंड की वीडियो बनाई गई और सोशल मीडिया पर उसे वायरल कर दिया वीडियो आज का बताया जा रहा है।

पूरे उत्तराखंड में इस वक्त देश के कोने कोने से पर्यटक उत्तराखंड की हसीन वादियों का लुफ्त उठाने पहुंच रहे हैं क्योंकि पहाड़ों पर भारी बर्फबारी हो रही है और निचले इलाकों में ठंड का असर देखने को मिल रहा है पर्यटको के लिए यह मौसम सबसे सुहाना होता है साथ ही उत्तराखंड में पर्यटक राजाजी टाइगर रिजर्व और कॉर्बेट नेशनल पार्क में जंगली जानवरों का दीदार करने बड़ी संख्या में पहुंचते हैं जब उनको इस तरह का नजारा देखने को मिलता है तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं होता

राजाजी टाइगर रिजर्व की चिल्ला रेंज में काफी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं और जिप्सी के माध्यम से पार्क में घूमकर जंगली जानवरों का दीदार करते हैं वायरल हो रही इस वीडियो में तकरीबन 15 से 16 हाथी नजर आ रहे हैं जिसमें हाथियों के बच्चे भी है जो पानी पीने के लिए नदी किनारे चल रहे हैं जिन लोगों ने भी इस नजारे को देखा वह देखता ही रह गया और इस अद्भुत नजारे को अपने मोबाइल में कैद कर लिया

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उत्तर प्रदेश

लखनऊ में बाघ का आतंक : वन विभाग ने पकड़ने के लिए किए तरह – तरह के उपाय, नहीं आ रहा है हाथ

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लखनऊ। रहमानखेड़ा केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में बाघ ने एक और पड़वे (भैंस के बच्चे) का शिकार किया है। यह बाघ का 15वां शिकार है। बाघ ने वन विभाग को एक बार फिर चकमा देते हुए जंगल में उसी जगह शिकार किया जहां उसको फंसाने के लिए गड्ढा खोदा गया है। जंगल के जोन एक के बेल वाले ब्लॉक में वन विभाग ने 15 फीट गहरा गड्ढा खोद झाड़ियों से ढक दिया है ताकि बाघ शिकार करने का प्रयास करें तो गहरे गड्ढे में गिर जाए।

फिर उसे ट्रैंकुलाइज किया जा सके। यहीं एक पिंजरा भी लगाया गया है जिसमें पड़वे को बांधा गया था। हालांकि वन विभाग की सारी तरकीबें धरी रह गई हैं। मंगलवार भोर में बाघ ने पड़वा को अपना निवाला बनाया। न वो पिंजरे में फंसा न गड्ढे में गिरा। सुबह जानकारी पर जांच करने पहुंची टीम को पड़वे का क्षतविक्षत शव मिला। मौके से बाघ के पगचिह्न भी मिले।

विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ 24 घंटे के अंदर अपने शिकार का बचा हुआ मांस खाने के लिए दोबारा आ सकता है। वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश में मीठेनगर, उलरापुर और दुगौली के आसपास मौजूद जंगल में डायना और सुलोचना हथिनियों से कॉम्बिंग की लेकिन उसका पता नहीं लगा। शिकार की जानकारी पर अपर मुख्य वन संरक्षक रेणू सिंह ने टीम लीडर आकाशदीप बधावन व डीएफओ सितांशु पांडेय के साथ शिकार स्थल का जायजा लिया। यहां सक्रिय टीम को मृत पड़वे के पास निगरानी करने का निर्देश दिए।

तीन दर्जन से अधिक वाहनों की आवाजाही नो- गो- जोन में कर रही शोर गुल

वन विभाग ने रहमान खेड़ा में नो-गो जोन घोषित किया है। इसके बावजूद वन विभाग के ही 30 से ज्यादा वाहनों की हलचल यहां हर दिन रहती है। मंगलवार को दोपहर में अधिकारियों समेत वन विभाग टीम के करीब दो दर्जन चार पहिया वाहन कमांड ऑफिस के आस-पास खड़े थे। संस्थान के कर्मियों के वाहन व बसों की आवाजाही भी यहां रहती है। मचान व पिंजरों के पास भी वाहनों के साथ अधिकारी आ जा रहे हैं। इसी के चलते बाघ पकड़ में नहीं आ पा रहा है।

 

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