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प्रादेशिक

योगी सरकार ने माफियाओं को उखाड़ फेंकाः अमित शाह

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लखनऊ। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि बुआ-बबुआ की सरकारें माफियाओं को संरक्षण देती थीं। वर्ष 2017 में यूपी में योगी सरकार ने आते ही माफियाओं को उखाड़ फेंका। इसी के साथ माफियाओं की कब्जाई जमीनों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भी भाजपा की जो सरकार उत्तर प्रदेश में बनने वाली है, निषाद समाज के सारे बाकी के समस्याओं को पूरा करने का काम करेगी।

यह बातें उन्होंने शुक्रवार को रमा बाई अंबेडकर मैदान लखनऊ में भाजपा और निषाद पार्टी की संयुक्त रैली में कहीं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सपा, बसपा और कांग्रेस की सरकारों ने शासन तो किया, लेकिन गरीबों और पिछड़ों के घर गैस, पांच लाख का स्वास्थ्य कार्ड, शौचालय, पेंशन, फ्री राशन देने का काम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया। सपा और बसपा को कटघरे में खड़ा करते हुए उन्होंने कहा कि इनकी सरकारों ने समाज को बांटकर केवल अपनी जातियों का ही काम किया। वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने सभी जातियों और निषाद समाज के लिए काम किया। निषाद समाज की आरक्षण से संबंधित अन्य समस्याओं का भी समाधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि निषाद समाज समेत सभी पिछड़ी जातियों के लिए पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का काम किया। अब इसी आयोग के जरिए मोदी सरकार ने लगभग 20 हजार करोड़ की योजनाओं को लोगों तक पहुंचा रही है।

गृहमंत्री ने कहा कि मोदी जी ने 2015 से 2019 तक पांच हजार करोड़ से नीली क्रांति योजना, सात हजार 522 करोड़ का जलीय कृषि बुनियादी ढांचा बनाने और देश भर में तीन करोड़ से अधिक मछुआरों को लिए नए मत्स्य विभाग का गठन किया। इसके साथ ही इनके इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी सात हजार करोड़ रुपये निवेश करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने प्रदेश में 1151 करोड़ रुपये से ज्यादा मत्स्य विभाग में निवेश करने का काम किया है। यूपी के अन्दर ज्यादातर मछुआरों को क्रेडिट कार्ड मिल गया है, जिनको नहीं मिला है उन्हें भी जल्द मिल जाएगा।

गृहमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बुआ-बबुआ की सरकारों ने माफियाओं का संरक्षण किया। वहीं योगी सरकार ने माफियाओं और गुंडों को उखाड़ फेंकने का काम किया है। उन्होंने कहा कि जिस प्रदेश में गुंडा और माफिया राज करेंगे, वहां विकास असंभव है। योगी सरकार ने कानून व्यवस्था को दुरुस्त किया। आज माफियाओं द्वारा अवैध रूप से कब्जाए मकानों पर योगी सरकार का बुलडोजर चल रहा है। वहीं दूसरी तरफ केन्द्र की मोदी सरकार यूपी के विकास के लिए लाखों-करोड़ों रुपया दिया है। यूपी में विकास की झलक दिख रही है। वाराणसी में श्रीकाशी विश्वनाथ धाम बनाने का काम पीएम मोदी ने किया। अयोध्या में प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बन रहा है।

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में यूपी के गरीब का हाल जानने के लिए सभी देख रहे थे। लेकिन योगी जी ने जिस तरह से कोरोना प्रबंधन किया वह काबिलेतारीफ है प्रदेश एक बार फिर विकास के रास्ते पर चल निकला है। उन्होंने लोगों से कहा कि इस बार फिर 300 पार की लड़ाई लड़नी है। सपा-बसपा का सूपड़ा साफ करना, यूपी में कांग्रेस का खाता नहीं खुलने देना है।

उत्तर प्रदेश

हर्षवर्धन और विक्रमादित्य जैसे प्रचंड पुरुषार्थी प्रशासक हैं योगी आदित्यनाथ : स्वामी अवधेशानंद गिरी

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महाकुम्भ नगर। जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने महाकुम्भ 2025 के भव्य और सफल आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तुलना प्राचीन भारत के महान शासकों हर्षवर्धन और विक्रमादित्य से की। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने उन महान शासकों की परंपरा को नए युग में संवर्धित किया है। वे केवल एक शासक नहीं, बल्कि प्रचंड पुरुषार्थ और संकल्प के धनी व्यक्ति हैं। उनके प्रयासों ने महाकुम्भ को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।

भारत की दृष्टि योगी आदित्यनाथ पर

स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि भारत का भविष्य योगी आदित्यनाथ की ओर देख रहा है। भारत उनसे अनेक आकांक्षाएं, आशाएं और अपेक्षाएं रखे हुआ है। भारत की दृष्टि उनपर है। उनमें पुरुषार्थ और निर्भीकता है। वे अजेय पुरुष और संकल्प के धनी हैं। महाकुम्भ की विराटता, अद्भुत समागम, उत्कृष्ट प्रबंधन उनके संकल्प का परिणाम है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भारत का राष्ट्र ऋषि बताते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में योगी जी ने महाकुम्भ को ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। आस्था का यहां जो सागर उमड़ा है, इसके लिए योगी आदित्यनाथ ने बहुत श्रम किया है। चप्पे चप्पे पर उनकी दृष्टि है।

हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर

स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि आज सनातन का सूर्य सर्वत्र अपने आलोक रश्मियों से विश्व को चमत्कृत कर रहा है। भारत की स्वीकार्यता बढ़ी है। संसार का हर व्यक्ति महाकुम्भ के प्रति आकर्षित हो रहा है। हर क्षेत्र में विशिष्ट प्रबंधन और उच्च स्तरीय व्यवस्था महाकुम्भ में दिख रही है। भक्तों के बड़े सैलाब को नियंत्रित किया जा रहा है। सुखद, हरित, स्वच्छ, पवित्र महाकुम्भ उनके संकल्प में साकार हो रहा है। हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर, जिनके सत्संकल्प से महाकुम्भ को विश्वव्यापी मान्यता मिली है। यूनेस्को ने इसे सांस्कृतिक अमूर्त धरोहर घोषित किया है। यहां दैवसत्ता और अलौकिकता दिखाई दे रही है। योगी आदित्यनाथ के प्रयास स्तुत्य और अनुकरणीय हैं तथा संकल्प पवित्र हैं। विश्व के लिए महाकुम्भ एक मार्गदर्शक बन रहा है, अनेक देशों की सरकारें सीख सकती हैं कि अल्पकाल में सीमित साधनों में विश्वस्तरीय व्यवस्था कैसे की जा सकती है।

आस्था का महासागर और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक

महामंडलेश्वर ने महाकुम्भ को सनातन संस्कृति का जयघोष और भारत की आर्ष परंपरा की दिव्यता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह पर्व नर से नारायण और जीव से ब्रह्म बनने की यात्रा का संदेश देता है। महाकुम्भ को सामाजिक समरसता का प्रतीक बताते हुए उन्होंने कहा कि यह आयोजन दिखाता है कि हम अलग अलग जाति, मत और संप्रदाय के होने के बावजूद एकता के सूत्र में बंधे हैं। उन्होंने महाकुम्भ को गंगा के तट पर पवित्रता और संस्कृति का संगम बताया। गंगा में स्नान को आत्मा की शुद्धि और सामाजिक समरसता का प्रतीक बताया।

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