Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

गौतम अडानी की एक और कंपनी का IPO होगा लॉन्च, 1,500 करोड़ जुटाने की योजना

Published

on

अडानी समूह

Loading

मुंबई। प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) पर पैसा लगाकर कमाई करने वालों के लिए अच्छी खबर है। एशिया के सबसे रईस अरबपति गौतम अडानी की एक और कंपनी का आईपीओ लॉन्च होने वाला है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

बता दें कि इसी साल फरवरी में अडानी समूह की कंपनी अडानी विल्मर का आईपीओ लॉन्च हुआ था। यह आईपीओ वाले निवेशकों को मालामाल कर चुका है। रिपोर्ट के मुताबिक अडानी समूह की कंपनी अडानी कैपिटल का आईपीओ लॉन्च होगा।

अडानी कैपिटल के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी गौरव गुप्ता ने बताया कि आईपीओ के जरिए कम से कम 1,500 करोड़ रुपये (188 मिलियन डॉलर) जुटाने की योजना है। उन्होंने बताया कि साल 2024 की शुरुआत में आईपीओ आ सकता है।

2 बिलियन डॉलर मूल्यांकन

गौरव गुप्ता के मुताबिक अडानी कैपिटल की लगभग 10% हिस्सेदारी की बिक्री पेशकश की जाएगी और लगभग 2 बिलियन डॉलर के मूल्यांकन का लक्ष्य रखा जाएगा। गुप्ता ने कहा, “हम एक फिनटेक कंपनी नहीं हैं, बल्कि एक क्रेडिट कंपनी हैं जो ग्राहकों को अधिक प्रभावी ढंग से जोड़ने के लिए टेक्नोलॉजी का लाभ उठा रहे हैं।”

बता दें कि अडानी कैपिटल की शुरुआत 2017 में हुई थी और कंपनी ने 31 मार्च, 2021 को समाप्त वर्ष में लगभग 16.3 करोड़ रुपये की शुद्ध आय दर्ज की थी। फर्म की आठ राज्यों में 154 शाखाएं हैं और करीब 60,000 कर्जदार हैं। गौरव गुप्ता के मुताबिक यह वर्तमान में लगभग 3,000 करोड़ रुपये के लोन का वितरण कर रही है।

बिजनेस

जेट एयरवेज की संपत्तियों की होगी बिक्री

Published

on

Loading

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को रद्द करते हुए दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के अनुसार निष्क्रिय जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया। एनसीएलएटी ने पहले कॉरपोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के हिस्से के रूप में जालान कालरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को एयरलाइन के स्वामित्व के हस्तांतरण को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि जेकेसी संकल्प का पालन करने में विफल रहा क्योंकि वह 150 करोड़ रुपये देने में विफल रहा, जो श्रमिकों के बकाया और अन्य आवश्यक लागतों के बीच हवाई अड्डे के बकाया को चुकाने के लिए 350 करोड़ रुपये की पहली राशि थी। नवीनतम निर्णय एयरलाइन के खुद को पुनर्जीवित करने के संघर्ष के अंत का प्रतीक है।

NCLT को लगाई फटकार

पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पारदीवाला ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ एसबीआई तथा अन्य ऋणदाताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में जेकेसी के पक्ष में जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने के फैसले का विरोध किया गया है। न्यायालय ने कहा कि विमानन कंपनी का परिसमापन लेनदारों, श्रमिकों और अन्य हितधारकों के हित में है। परिसमापन की प्रक्रिया में कंपनी की संपत्तियों को बेचकर प्राप्त धन से ऋणों का भुगतान किया जाता है। पीठ ने एनसीएलएटी को, उसके फैसले के लिए फटकार भी लगाई।

शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया, जो उसे अपने समक्ष लंबित किसी भी मामले या मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आदेश तथा डिक्री जारी करने का अधिकार देता है। एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी विमानन कंपनी की समाधान योजना को 12 मार्च को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख किया था।

 

Continue Reading

Trending