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शाही इमाम की अपील- चंद लोग है जो चाहते हैं कौम की बर्बादी, रहना होगा सावधान

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नई दिल्ली। पैगंबर मोहम्मद पर भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के चलते देश विभिन्न स्थानों पर जुमे की नमाज के बाद हो रहे हिंसक प्रदर्शनों को लेकर सैयद अहमद बुखारी ने अपील जारी की है।

पुरानी दिल्ली स्थित जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने देशवासियों का आह्वान किया है कि वे ऐसे तत्वों पर नजर बनाए रखें जो मुल्क को दंगे की आग में झोंकना चाहते हैं।

आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्​दीन ओवैसी, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी व महमूद मदनी के साथ ही तौकिर रजा खान जैसे नेताओं का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि ऐसे चंद लोग है जो कौम को बर्बादी की राह पर ले जाना चाहते हैं, ऐसे तत्वों से सावधान रहना होगा। इसके लिए समाज के समझदार व जिम्मेदार लोग, जनप्रतिनिधि व बुजुर्ग लोगों को सामने आना होगा।

उन्होंने अब तक देशभर में हुए हिंसक प्रदर्शनों को गलत बताते हुए कहा कि यह जरूरी था कि इसके लिए पहले से प्रशासन से सहमति ली जाती। समाज के लोगों को भी साथ में लिया गया होता।

उन्होंने कहा यह सही है कि पैंगबर मुहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी से लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई है, लेकिन इसका विरोध करने का तरीका अलग होता। शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन होता। उसमें बच्चों और युवाओं को शामिल नहीं किया जाता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। चंद लोगों ने पत्थर फेंकने शुरू किए।

इसका नतीजा यह है कि दो युवाओं की मौत गोली लगने से हुई। इसके साथ ही कई लोग घायल हुए हैं। कई लोगों पर मुकदमें हुए हैं। कई जेलों में बंद हैं। इनमें ऐसे बहुत से लोग हैं जो गरीब है और पैरवी के लिए और जमानत के लिए उनके पास पैसे नहीं है।

अपने आडियो संदेश में शाही इमाम ने कहा कि अगर जज्बात में बहने के साथ उसके अंजाम के बारे में भी सोच लिया गया होता तो यह नहीं होता, जैसा माहौल और मंजर आज मुल्क का है।

उन्होंने कहा वह भी पिछले जुमे को तकरीरे कर सकते थे। बस माइक उठाकर बोलना ही तो था, लेकिन उन्होंने यह नहीं किया, क्योंकि ऐसा करना इस जज्बाती माहौल में आग में तेल छिड़कने जैसा होता।

पिछले शुक्रवार को जुमे के दिन जामा मस्जिद परिसर और बाहर प्रर्दशनों का कसूरवार चंद गैर जानकार लोगों को ठहराते हुए कहा कि वे पता नहीं कहा से आए और नारे लगाकर व पोस्टर लहराकर चले गए। सोचने वाली बात कि उनके शुरूआती नारे दिल्ली पुलिस के खिलाफ थे। यह माहौल को खराब करने की पूरी कोशिश थी, पर हालात को संभाल लिया गया।

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दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने शुरू किया अभियान, 175 संदिग्ध लोगों की पहचान

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नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने अभियान शुरू कर दिया है। अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों खिलाफ अपने सत्यापन अभियान दिल्ली पुलिस ने ऐसे 175 संदिग्ध लोगों की पहचान की है। अधिकारियों ने रविवार को इस बात की जानकारी दी है। पुलिस ने शनिवार को शाम 6 बजे से बाहरी दिल्ली क्षेत्र में 12 घंटे का सत्यापन अभियान चलाया था।

दिल्ली पुलिस ने क्या बताया?

इस अभियान को लेकर दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा- “पुलिस ने वैध दस्तावेजों के बिना रहने वाले व्यक्तियों की पहचान करने और उन्हें हिरासत में लेने के अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। बाहरी दिल्ली में व्यापक सत्यापन अभियान के दौरान 175 व्यक्तियों की पहचान संदिग्ध अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के रूप में की गई है।

एलजी के आदेश पर कार्रवाई

दिल्ली पुलिस ने बीते 11 दिसंबर की तारीख से राजधानी में रह रहे अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पहचानने के लिए अभियान की शुरुआत की थी। इससे एक दिन पहले 10 दिसंबर को एलजी वीके सक्सेना के सचिवालय ने अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई का आदेश जारी किया था। इसके बाद से ही पुलिस ने अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पकड़ने का अभियान शुरू किया है।

इस तरीके से चल रहे अभियान

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, बिना दस्तावेज वाले प्रवासियों की बढ़ती संख्या से चिंता बढ़ती जा रही है। बाहरी जिला पुलिस ने अपने अधिकार में आने वाले विभिन्न क्षेत्रों में कार्रवाई शुरू की है। पुलिस के मुताबिक, स्थानीय थानों, जिला विदेशी प्रकोष्ठों और विशेष इकाइयों के कर्मियों समेत विशेष टीम को घर-घर जाकर जांच करने और संदिग्ध अवैध प्रवासियों के बारे में खुफिया जानकारी इकट्ठा करने का निर्देश दिया गया है।

 

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