उत्तर प्रदेश
मुसलमानों की कोई ताकत नहीं, इसलिए गोली मार दी जाती है: असदुद्दीन ओवैसी
मुरादाबाद। उप्र नगर निकाय चुनाव में मुरादाबाद पहुंचे ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मुसलमानों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों की कोई ताकत नहीं है, इसलिए उन्हें गोली मार दी जाती है।
ओवैसी ने आईएएस जी. कृष्णैया हत्याकांड के दोषी उन्होंने आनंद मोहन की रिहाई को उनके जातियों की एकता से जोड़ा। अतीक अहमद की गोली मारकर हत्या मामले को उन्होंने मुसलमानों के बीच एकता और ताकत नहीं होने से जोड़कर माहौल को बदलने की कोशिश की है।
क्या कहा ओवैसी ने?
मुरादाबाद में AIMIM प्रमुख ने कहा कि आनंद मोहन को इसलिए छोड़ा गया, क्योंकि उनकी बिरादरी उनके साथ खड़ी थी। मुसलमानों की कोई ताकत नहीं रही है, इसलिए उन्हें पुलिस कस्टडी में गोली मार दी जाती है। उन्होंने कहा कि अगर सियासी ताकत होती तो किसी के माई के लाल में दम नहीं था, जो गोली मार जाए।
असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल किया कि गांधी के कातिलों को क्या पुलिस स्टडी में गोलियां मारी गई? अजमल कसाब के वक्त कानून याद नहीं आया? कोई पुलिस कस्टडी में है और गोली मार दी जाती है, पुलिस वाले कुछ कर नहीं पाते हैं।
ओवैसी ने एक बार फिर अपने बयान को दोहराया। उन्होंने कहा कि अतीक अहमद और अशरफ को गोलियां मारने वाले नाथूराम गोड्से की औलाद हैं। योगी सरकार की बुलडोजर नीति पर हमला करते हुए ओवैसी ने सवाल किया कि अतीक-अशरफ को गोलियां मारने वालों के घर पर बुलडोजर क्यों नहीं चला?
ओवैसी ने उठाया डीएम हत्याकांड का मुद्दा
AIMIM प्रमुख ने गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी. कृष्णैया हत्याकांड का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया। उन्होंने कहा कि आनंद मोहन की रिहाई जी. कृष्णैया की दूसरी बार हत्या है। उन्होंने बिहार के आईएएस एसोसिएशन की चुप्पी पर सवाल उठाया।
उन्होंने सवाल किया कि क्या जब 37 साल के युवा आईएएस की हत्या 5 दिसंबर 1997 को हत्या हुई, किसकी सरकार थी? लालू यादव की सरकार थी। क्या उन्होंने जी. कृष्णैया की पत्नी से मुलाकात नहीं की थी?
ओवैसी ने कहा कि ऐसी स्थिति में कौन आईएएस अधिकारी बिहार में जान जोखिम में डालकर काम करेगा। उन्होंने कहा कि मजदूरी कर पढ़ाई करने और आईएएस बनने वाले कृष्णैया के परिवार के साथ हम हैं। इस मामले को एक बार फिर देखे जाने की बात उन्होंने की।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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