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उत्तर प्रदेश

अयोध्या: 22 जनवरी को होगी रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा, मंत्री सुरेश खन्ना ने किया ट्वीट  

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Dignity of life in Ramlala

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लखनऊ/अयोध्या। भारत सहित दुनिया भर के रामभक्तों के लिए वह बहुप्रतीक्षित तारीख सामने आ गई है, जिसका वे लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में भगवान की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा की तारीख का ऐलान कर दिया गया है। अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को की जाएगी। उप्र के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है।

दरअसल, श्रीरामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सर्राफा असोसिएशन के एक कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित करते हुए बताया कि अगले साल 22 जनवरी को रामलला को स्थायी गर्भगृह में प्रतिष्ठित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि भगवान की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए कई तिथियों पर विचार किया गया। अंत में 22 जनवरी पर मुहर लगाई गई। अब योगी सरकार के काबीना मंत्री सुरेश खन्ना ने भी इसे लेकर ट्वीट किया है।

जानकारी के मुताबिक, 22 जनवरी को प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा को ध्यान में रखते हुए गर्भगृह का निर्माण अक्टूबर तक पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही नेपाल से लाई गई शालिग्राम शिला से भगवान की राम की प्रतिमा को गढ़ने का काम भी अक्टूबर तक पूरा कर लिया जाएगा।

चंपत राय ने बताया कि गर्भगृह के निर्माण में मकराना मार्बल का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार होगा। दूसरा तल खाली रहेगा। इसकी उपयोगिता मंदिर की ऊंचाई के लिए होगी। गर्भगृह तक पहुंचने के लिए 34 सीढ़ियों का इस्तेमाल किया जाएगा। चंपत राय ने बताया कि भगवान राम की मूर्ति अयोध्या में ही बनाई जाएगी और यह प्रतिमा पांच साल के बालक की होगी।

रामनवमी पर रामलला के मस्तक पर सूर्य किरणों का अभिषेक हो, इसके लिए भी वैज्ञानिकों की टीम ने अपना काम पूरा कर लिया है। इसे सूर्य तिलक नाम दिया गया है। तकरीबन पांच मिनट तक भगवान राम के ललाट पर सूरज की किरणें रहेंगी, इसकी व्यवस्था की जा रही है। यह प्रयोग सफल भी हो गया है।

राम मंदिर का 70% निर्माण पूरा हो चुका है। गर्भगृह के पिलर 14 फीट तक बनकर तैयार हो चुके हैं। मंदिर निर्माण तीन चरणों में पूरा होगा। पहला चरण अगस्त 2023 तक पूरा होगा। दूसरा चरण दिसंबर 2024 में, जबकि 2025 तक मंदिर आकार ले चुका होगा। जनवरी 2024 में मंदिर में दर्शन-पूजन शुरू हो सकेगा। मंदिर निर्माण में करीब 800 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। कुल खर्च का अनुमान करीब 1800 करोड़ रुपए लगाया गया है।

 

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उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि

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लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।

देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।

🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।

🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।

इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.

‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!

यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…

वनावरण

1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण

1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)

सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड

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