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प्रादेशिक

यूपीः 12 लाख दीयों से जगमगाएगी रामनगरी अयोध्या, पिछले साल का टूटेगा रिकॉर्ड

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लखनऊ। पूरे देश में इस समय जहां दीपावली की धूम है तो वहीं रामनगरी अयोध्या इस ख़ास अवसर के लिए दुल्हन की तरह सज गई है। आज अयोध्या में जब 12 लाख दिए एक साथ जलेंगे तो उसकी छठा देखने लायक होगी। पिछली बार यहां छह लाख दिए जलाये गए थे, जो एक रिकार्ड था, लेकिन इस बार ये रिकार्ड भी टूटने जा रहा है।

अकेले राम की पैड़ी पर लगभग 9 लाख दीपक जलाए जाएंगे, राम जन्मभूमि परिसर में 51,000 दीपक जलेंगे, अयोध्या के प्राचीन मंदिरों और स्थानों पर 3 लाख से अधिक दीपक जलाए जाएंगे।  इसके अलावा अयोध्या की 14 कोसी परिक्रमा के भीतर लगभग सभी पौराणिक स्थानों, कुण्डों, मंदिरों पर दीपक जलेंगे।

उत्तर प्रदेश सरकार के बयान के अनुसार, सोमवार से शुरू हो कर पांच दिनों तक चलने वाले समारोह के दौरान रामलीलाओं का मंचन, थ्री डी होलोग्राफिक प्रदर्शन, लेजर शो और आतिशबाजी भी होगी।

इस बयान में बताया गया है कि नदी के तट पर नौ लाख दीये जलाए जाएंगे और बाकी तीन लाख दीये शहर के अन्य हिस्सों में तीन नवंबर को शाम छह से साढ़े छह बजे के बीच जलाए जाएंगे।

उत्तर प्रदेश

लखनऊ में बाघ का आतंक, तमाम उपायों के बाद भी नहीं आ रहा हाथ, कई क्षेत्रों में डर का माहौल

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लखनऊ। रहमानखेड़ा केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में बाघ ने एक और पड़वे (भैंस के बच्चे) का शिकार किया है। यह बाघ का 15वां शिकार है। बाघ ने वन विभाग को एक बार फिर चकमा देते हुए जंगल में उसी जगह शिकार किया जहां उसको फंसाने के लिए गड्ढा खोदा गया है। जंगल के जोन एक के बेल वाले ब्लॉक में वन विभाग ने 15 फीट गहरा गड्ढा खोद झाड़ियों से ढक दिया है ताकि बाघ शिकार करने का प्रयास करें तो गहरे गड्ढे में गिर जाए।

फिर उसे ट्रैंकुलाइज किया जा सके। यहीं एक पिंजरा भी लगाया गया है जिसमें पड़वे को बांधा गया था। हालांकि वन विभाग की सारी तरकीबें धरी रह गई हैं। मंगलवार भोर में बाघ ने पड़वा को अपना निवाला बनाया। न वो पिंजरे में फंसा न गड्ढे में गिरा। सुबह जानकारी पर जांच करने पहुंची टीम को पड़वे का क्षतविक्षत शव मिला। मौके से बाघ के पगचिह्न भी मिले।

विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ 24 घंटे के अंदर अपने शिकार का बचा हुआ मांस खाने के लिए दोबारा आ सकता है। वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश में मीठेनगर, उलरापुर और दुगौली के आसपास मौजूद जंगल में डायना और सुलोचना हथिनियों से कॉम्बिंग की लेकिन उसका पता नहीं लगा। शिकार की जानकारी पर अपर मुख्य वन संरक्षक रेणू सिंह ने टीम लीडर आकाशदीप बधावन व डीएफओ सितांशु पांडेय के साथ शिकार स्थल का जायजा लिया। यहां सक्रिय टीम को मृत पड़वे के पास निगरानी करने का निर्देश दिए।

तीन दर्जन से अधिक वाहनों की आवाजाही नो- गो- जोन में कर रही शोर गुल

वन विभाग ने रहमान खेड़ा में नो-गो जोन घोषित किया है। इसके बावजूद वन विभाग के ही 30 से ज्यादा वाहनों की हलचल यहां हर दिन रहती है। मंगलवार को दोपहर में अधिकारियों समेत वन विभाग टीम के करीब दो दर्जन चार पहिया वाहन कमांड ऑफिस के आस-पास खड़े थे। संस्थान के कर्मियों के वाहन व बसों की आवाजाही भी यहां रहती है। मचान व पिंजरों के पास भी वाहनों के साथ अधिकारी आ जा रहे हैं। इसी के चलते बाघ पकड़ में नहीं आ पा रहा है।

 

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