उत्तर प्रदेश
आजमगढ़: निरहुआ ने शुरू किया वोट मांगना, पार्टी का इशारा या दबाव की रणनीति
लखनऊ। उप्र के आजमगढ़ लोकसभा सीट पर होने जा रहे उपचुनाव में भाजपा ने प्रत्याशी की घोषणा अभी नहीं किया है। इस बीच भोजपुरी स्टार और 2019 के चुनाव में आजमगढ़ से भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ चुके दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ ने वोट मांगना शुरू कर दिया है। निरहुआ ने ट्विटर पर पोस्टर जारी करते हुए कमल निशान पर वोट देने की अपील की है।
नरहुआ ने ट्विटर पर लिखा, ”जाति धरम ना कवनो भरम ना कवनो मनबढ़ के लिए। कमल के बटन दबईह भैया अपने आजमगढ़ के लिए।”
जाति धरम ना कवनो भरम ना कवनो मनबढ़ के लिए
कमल क बटन दबईह भैया अपने आज़मगढ़ के लिए@BJP4India @BJP4UP @narendramodi @JPNadda @myogiadityanath @kpmaurya1 @swatantrabjp @RadhamohanBJP @ravikishann @ManojTiwariMP pic.twitter.com/6DXoWB0AWY— Nirahua Hindustani (@nirahua1) June 3, 2022
पोस्टर पर भी यही बात लिखी गई है और निरहुआ की तस्वीर लगी है। पोस्टर पर पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, यूपी के सीएम ओगी आदित्यनाथ और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी हैं।
2019 में अखिलेश से मिली थी करारी हार
2019 के लोकसभा चुनाव में निरहुआ को भाजपा ने आजमगढ़ सीट से चुनाव में उतारा था लेकिन अखिलेश यादव से मुकाबले में वह 2 लाख 59 हजार 874 मतों से हार गए थे। इससे पहले 2014 में भाजपा प्रत्याशी रमाकांत यादव इस सीट से सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव से चुनाव हारे थे।
पार्टी से इशारा या प्रेशर बनाने की कोशिश?
बता दें कि अखिलेश यादव ने करहल सीट से विधानसभा चुनाव जीतने के बाद आजमगढ़लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था। रामपुर के साथ-साथ आजमगढ़ में भी उपचुनाव होने जा रहा है। भाजपा और सपा ने अभी तक प्रत्याशियों का ऐलान नहीं किया है।
इस बीच निरहुआ के पोस्टर को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। अभी यह साफ नहीं है कि पार्टी के इशारे पर उन्होंने पोस्टर जारी किया है या फिर वह अपनी दावेदारी को लेकर प्रेशर बनाने की कोशिश कर रहे हैं
उत्तर प्रदेश
अधिक बसावट वाले क्षेत्रों को पीएमजीएसवाई की सड़कों से जोड़ेगी योगी सरकार
लखनऊ। योगी सरकार प्रदेश के ग्रामीण और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में कनेक्टिविटी सुधारने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके तहत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के अंतर्गत बेहतर गुणवत्ता वाली सड़कों के निर्माण पर जोर दिया जा रहा है। सरकार का मानना है कि अच्छी कनेक्टिविटी से न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी संसाधनों की उपलब्धता में सुधार होगा, बल्कि इन क्षेत्रों का आर्थिक और सामाजिक विकास भी संभव हो सकेगा। इस दिशा में योगी सरकार ने कई ठोस कदम उठाए हैं, जो ग्रामीण विकास के लिए मील का पत्थर साबित हो रहे हैं। जानकारी के अनुसार, एफडीआर तकनीक से प्रदेश में हुए सड़कों के निर्माण से योगी सरकार ने 2500 करोड़ की धनराशि की बचत की है।
प्रदेश में विकास कार्यों को गति देने के लिए केंद्र सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर चली योगी सरकार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत उत्तर प्रदेश में अधिक से अधिक बसावट वाले क्षेत्रों को जोड़ने की दिशा में कार्य योजना तैयार कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने की प्रक्रिया तेज कर दी है। यह प्रस्ताव प्रदेश के ऐसे क्षेत्रों को शामिल करने पर केंद्रित है, जहां अधिक आबादी रहती है और कनेक्टिविटी का अभाव है।
सरकार का उद्देश्य है कि इन क्षेत्रों में बनने वाली सभी सड़कें एफडीआर (फुल डेप्थ रिक्लेमेशन) तकनीक पर आधारित हों। यह तकनीक न केवल सड़कों की गुणवत्ता में सुधार करती है, बल्कि लागत में भी भारी बचत करती है। प्रदेश में एफडीआर तकनीक से सड़कों के निर्माण में अब तक लगभग 2500 करोड़ रुपये की बचत हुई है। इस उपलब्धि का विवरण केंद्र सरकार को भेजा जाएगा, ताकि भविष्य में राज्य के लिए अतिरिक्त धनराशि आवंटित करने का मार्ग प्रशस्त हो सके।
सड़कों की गुणवत्तापूर्ण निर्माण पर जोर दे रही योगी सरकार
योगी सरकार सड़कों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दे रही है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सड़कों का निर्माण निर्धारित मानकों के अनुरूप हो। इसके लिए नियमित निरीक्षण और निगरानी का प्रावधान किया गया है। निर्माण कार्यों में शामिल ठेकेदारों के लिए कार्यशालाएं आयोजित करने की तैयारी है, ताकि उन्हें एफडीआर तकनीक और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के तरीकों की जानकारी दी जा सके।
ग्रामीण अभियंत्रण विभाग को भी निर्देश दिया गया है कि वे अन्य विभागों के साथ समन्वय बनाकर अधिक से अधिक क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण को प्राथमिकता दें। सीएम योगी का मानना है कि यदि घनी आबादी वाले क्षेत्रों को बेहतर सड़कों से जोड़ा जाए, तो वहां विकास की गति तेज हो सकती है। इससे न केवल आवाजाही आसान होगी, बल्कि रोजगार और व्यापार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे।
कनेक्टिविटी से प्रदेश के विकास को गति देने में जुटी योगी सरकार
योगी सरकार के प्रयासों का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच एक मजबूत परिवहन नेटवर्क तैयार करना है। सड़कें किसी भी क्षेत्र के विकास की रीढ़ होती हैं। बेहतर सड़कें न केवल शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच को आसान बनाती हैं, बल्कि कृषि उत्पादों के विपणन और अन्य आर्थिक गतिविधियों को भी प्रोत्साहित करती हैं। सरकार का यह प्रयास केवल सड़कों के निर्माण तक सीमित नहीं है। सड़कों की स्थायित्व और लंबे समय तक उपयोग सुनिश्चित करने के लिए नियमित मरम्मत और रखरखाव पर भी ध्यान दिया जा रहा है। योगी सरकार के इन प्रयासों से प्रदेश में सड़क निर्माण की गति में तेजी आई है। बेहतर सड़कों की उपलब्धता से ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य बुनियादी सुविधाओं तक पहुंच आसान हुई है। इसके अलावा, इन क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को भी बल मिला है।
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