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नहीं रुकेगा ‘बाबा का बुलडोजर’, SC ने सरकार से मांगा जवाब; सुनवाई अगले सप्ताह

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नई दिल्ली। उप्र के प्रयागराज में हिंसा करने वालों के घरों पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से तीन के अंदर जवाब मांगा है। साथ ही अगले सप्ताह सुनवाई की बात कही है। हालांकि कोर्ट ने बुलडोजर की कार्रवाई पर अंतरिम रोक का आदेश देने से इनकार कर दिया है।

इसके साथ ही अदालत ने यूपी सरकार से कहा है कि कोई भी कार्रवाई नियम के दायरे में ही होनी चाहिए। संबंधित व्यक्ति को समय पर नोटिस और फिर उसका जवाब देने का अधिकार मिलना चाहिए।

अदालत ने जमीयत-उलेमा-ए-हिंद की ओर से दाखिल अर्जी पर सुनवाई करते हुए कहा कि सरकार को इस मसले पर राय जाहिर करने के लिए वक्त दिया जाएगा। तब तक हम उन लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। वे लोग भी समाज का ही हिस्सा हैं।

अदालत ने कहा यदि किसी को कोई समस्या है तो उसे हक है कि उसका समाधान तलाशे। इस तरह से निर्माण को ढहाना कानून के तहत ही हो सकता है। इस केस की सुनवाई अब हम अगले सप्ताह करेंगे।

शीर्ष अदालत ने प्रयागराज, कानपुर मामले में उप्र सरकार को हलफनामा दाखिल करने के आदेश दिए हैं। इसके लिए राज्य सरकार को तीन दिन का समय दिया गया है। कोर्ट का यह कहना है कि अगर नियमों का पालन किया गया है तो कार्रवाई पर रोक नहीं लगाई जा सकती।

गौरतलब है कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सोमवार को याचिका दायर कर राज्य सरकार को निर्देश जारी करने की मांग की थी कि किसी आरोपी की संपत्ति पर तत्काल कार्रवाई न की जाए। इसके साथ ही जमीयत ने कहा था कि कानपुर में संपत्ति ढहाने की तैयारियों पर रोक लगाई जाए।

समुदाय को देखे बिना किया है ऐक्शन, जहांगीरपुरी का हवाला

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, हमने यह साफ कर दिया है कि किसी भी ऐसे ढांचे या भवन को नहीं गिराया गया है, जो कानूनी तौर पर सही हो। उन्होंने कहा कि सभी का अपना एजेंडा है और एक सियासी दल ने याचिका दायर की है। उन्होंने कहा कि जहांगीरपुरी इलाके में समुदाय को देखे बगैर ढांचे हटाए गए थे। इसमें जरूरी प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है।

नोटिस देने और सुनवाई के लिए समय की मांग

जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच ने जमीयत की याचिका पर सुनवाई की। याचिका में यह भी कहा गया था कि राज्य सरकार को आदेश जारी किए जाएं कि कानून के मुताबिक ही संपत्ति ढहाने की कार्रवाई की जाए। साथ ही इसमें प्रभावित व्यक्ति को नोटिस देने और सुनवाई के लिए समय देने की मांग की गई थी।

संपत्ति ढहाना प्राकृतिक न्याय के खिलाफ

जमीयत का कहना है कि संपत्ति ढहाने की तत्काल कार्रवाई प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है। खास बात है कि जमीयत के आवेदन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान का भी जिक्र किया गया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि आरोपियों के मकानों को बुलडोजर की मदद से गिराया जाएगा।

इसमें एडीजी (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार और कानपुर पुलिस आयुक्त विजय सिंह मीणा के बयान को भी शामिल किया गया है, जिसमें पुलिस अधिकारी दोहरा रहे हैं कि आरोपियों की संपत्ति को कब्जे में लिया जाएगा और ढहाया जाएगा।

जमीयत ने यूपी के किस कानून का दिया हवाला

जमीयत ने उत्तर प्रदेश (रेग्युलेशन ऑफ बिल्डिंग ऑपरेशन) एक्ट 1958 की धारा 10 को लेकर कहा कि इसके तहत प्रभावित व्यक्ति को मौका नहीं मिलने तक भवन नहीं ढहाया जा सकता।

जमीयत ने कहा कि यूपी अर्बन प्लानिंग एंड डेवलपमेंट एक्ट 1973 की धारा 27 में कहा गया है कि संपत्ति ढहाने की कार्रवाई से पहले प्रभावित व्यक्ति की बात सुनी जाएगी और उन्हें कम से कम 15 दिनों का नोटिस दिया जाएगा।

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दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने शुरू किया अभियान, 175 संदिग्ध लोगों की पहचान

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नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने अभियान शुरू कर दिया है। अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों खिलाफ अपने सत्यापन अभियान दिल्ली पुलिस ने ऐसे 175 संदिग्ध लोगों की पहचान की है। अधिकारियों ने रविवार को इस बात की जानकारी दी है। पुलिस ने शनिवार को शाम 6 बजे से बाहरी दिल्ली क्षेत्र में 12 घंटे का सत्यापन अभियान चलाया था।

दिल्ली पुलिस ने क्या बताया?

इस अभियान को लेकर दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा- “पुलिस ने वैध दस्तावेजों के बिना रहने वाले व्यक्तियों की पहचान करने और उन्हें हिरासत में लेने के अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। बाहरी दिल्ली में व्यापक सत्यापन अभियान के दौरान 175 व्यक्तियों की पहचान संदिग्ध अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के रूप में की गई है।

एलजी के आदेश पर कार्रवाई

दिल्ली पुलिस ने बीते 11 दिसंबर की तारीख से राजधानी में रह रहे अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पहचानने के लिए अभियान की शुरुआत की थी। इससे एक दिन पहले 10 दिसंबर को एलजी वीके सक्सेना के सचिवालय ने अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई का आदेश जारी किया था। इसके बाद से ही पुलिस ने अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पकड़ने का अभियान शुरू किया है।

इस तरीके से चल रहे अभियान

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, बिना दस्तावेज वाले प्रवासियों की बढ़ती संख्या से चिंता बढ़ती जा रही है। बाहरी जिला पुलिस ने अपने अधिकार में आने वाले विभिन्न क्षेत्रों में कार्रवाई शुरू की है। पुलिस के मुताबिक, स्थानीय थानों, जिला विदेशी प्रकोष्ठों और विशेष इकाइयों के कर्मियों समेत विशेष टीम को घर-घर जाकर जांच करने और संदिग्ध अवैध प्रवासियों के बारे में खुफिया जानकारी इकट्ठा करने का निर्देश दिया गया है।

 

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