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लॉबिस्ट नीरा राडिया को बड़ी राहत, टेप विवाद में CBI ने दी क्लीन चिट

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नई दिल्ली। पूर्व कॉरपोरेट लॉबिस्ट नीरा राडिया को टेप विवाद में बड़ी राहत मिली है। मामले में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने उन्हें क्लीन चिट दे दी है। जांच एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट को इस बात की जानकारी दी है कि टेप हुई बातचीत में कोई भी आपराधिक बात सामने नहीं आई है। साथ ही बताया है कि टेप में शामिल बातचीत के लेकर जारी 14 शुरुआती जाचों को भी बंद कर दिया गया है।

एडीशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) ऐश्वर्या भाटी ने बेंच को साल 2015 में कोर्ट की तरफ से दिए गए जांच के आदेश के से जुड़ी रिपोर्ट भी जमा किए जाने की जानकारी दी। मामले में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच सुनवाई कर रही थी।

भाटी ने कोर्ट को बताया, ‘जांच के दौरान कोई भी आपराधिक बात सामने नहीं आई है। जांच के नतीजों से जुड़ी एक रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में कोर्ट में दाखिल कर दी गई और संबंधित विभागों को भी भेजी गई है।’ कोर्ट इस मामले में अगले सप्ताह सुनवाई करेगा। माना जा रहा है कि केंद्रीय एजेंसी अगली सुनवाई से पहले स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर सकती है।

बता दें कि मामले में अक्टूबर 2013 में शीर्ष न्यायालय ने एजेंसी को जांच के आदेश दिए थे। सीबीआई ने 5800 से ज्यादा टेप की गई चर्चाओं की जांच के बाद 14 मुद्दों की पहचान की थी। सरकार ने साल 2008 से 2009 के बीच कर चोरी की जांच के चलते नीरा राडिया की बातों को इंटरसेप्ट किया था।

इसके बाद सीबीआई ने संभावित अपराधों का पता लगाने के लिए 14 शुरुआती जांचें शुरू की थीं। पर्याप्त सबूतों के अभावों में अब इन्हें बंद कर दिया गया है। केंद्रीय एजेंसी ने अपनी शुरुआती जांचों में टाटा स्टील, रिलायंस इंडस्ट्रीज लि. और यूनीटेक जैसे कई बड़े नामों को शामिल किया था।

इसके बाद कोर्ट में दो याचिकाएं दायर की गई थीं। उद्योगपति रतन टाटा की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि बातचीत को मीडिया में लीक नहीं किया जाना चाहिए। जबकि, सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (CPIL) की तरफ से दी गई याचिका में ट्रांसक्रिप्ट्स को सार्वजनिक करने की मांग की गई थी।

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दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने शुरू किया अभियान, 175 संदिग्ध लोगों की पहचान

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नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने अभियान शुरू कर दिया है। अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों खिलाफ अपने सत्यापन अभियान दिल्ली पुलिस ने ऐसे 175 संदिग्ध लोगों की पहचान की है। अधिकारियों ने रविवार को इस बात की जानकारी दी है। पुलिस ने शनिवार को शाम 6 बजे से बाहरी दिल्ली क्षेत्र में 12 घंटे का सत्यापन अभियान चलाया था।

दिल्ली पुलिस ने क्या बताया?

इस अभियान को लेकर दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा- “पुलिस ने वैध दस्तावेजों के बिना रहने वाले व्यक्तियों की पहचान करने और उन्हें हिरासत में लेने के अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। बाहरी दिल्ली में व्यापक सत्यापन अभियान के दौरान 175 व्यक्तियों की पहचान संदिग्ध अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के रूप में की गई है।

एलजी के आदेश पर कार्रवाई

दिल्ली पुलिस ने बीते 11 दिसंबर की तारीख से राजधानी में रह रहे अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पहचानने के लिए अभियान की शुरुआत की थी। इससे एक दिन पहले 10 दिसंबर को एलजी वीके सक्सेना के सचिवालय ने अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई का आदेश जारी किया था। इसके बाद से ही पुलिस ने अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पकड़ने का अभियान शुरू किया है।

इस तरीके से चल रहे अभियान

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, बिना दस्तावेज वाले प्रवासियों की बढ़ती संख्या से चिंता बढ़ती जा रही है। बाहरी जिला पुलिस ने अपने अधिकार में आने वाले विभिन्न क्षेत्रों में कार्रवाई शुरू की है। पुलिस के मुताबिक, स्थानीय थानों, जिला विदेशी प्रकोष्ठों और विशेष इकाइयों के कर्मियों समेत विशेष टीम को घर-घर जाकर जांच करने और संदिग्ध अवैध प्रवासियों के बारे में खुफिया जानकारी इकट्ठा करने का निर्देश दिया गया है।

 

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