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प्रादेशिक

SBI के प्रबंध निदेशक आलोक कुमार चौधरी पहुंचे पटना, की व्यावसायिक मदों की समीक्षा

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पटना। भारतीय स्टेट बैंक, कॉरपोरेट केंद्र मुंबई से पधारे एसबीआई के प्रबंध निदेशक (रिटेल एवं बैंकिंग परिचालन) आलोक कुमार चौधरी ने पटना स्थित स्थानीय प्रधान कार्यालय में बैंक के शीर्ष अधिकारियों के साथ विभिन्न व्यावसायिक बैठकों को संबोधित किया। चौधरी ने पटना मंडल के व्यावसायिक मदों की समीक्षा भी की।
उन्होने बिहार के मुख्य सचिव आमीर सुबहानी से औपचारिक मुलाकात की। मुलाकात के दौरान भारतीय स्टेट बैंक द्वारा किए जा रहे जन कल्याण कार्यों के बारे में उन्हें अवगत कराया। स्थानीय प्रधान कार्यालय,पटना के प्रांगण में उनके कर कमलो से पौधारोपण भी किया गया।
इस अवसर पर स्थानीय प्रधान कार्यालय परिसर में जन समर्थ पंजीकरण शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें एक ही पोर्टल के माध्यम से सरकार द्वारा प्रायोजित 13 योजनाओं के लिए लाभार्थी आवेदन कर सकते हैं।
चौधरी ने जन समर्थ शिविर का भी दौरा किया। तत्पश्चात विविध योजनाओं के तहत लाभार्थियों को ऋण – स्वीकृति पत्र प्रदान किए गए। जीविका के सीईओ राहुल कुमार, आई ए एस ने कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में सहभागिता की।
चौधरी ने अपने संबोधन में लाभार्थियों से अपील किया कि आप उचित मात्रा में ही ऋण लें एवं अपने कारेबार का लेखा –जोखा ठीक ढंग से रखें। अपने उद्यमों के रख-रखाव के लिए डिजिटल माध्यम का उपयोग करें। भारतीय स्टेट बैंक सदैव आपकी सहायता के लिए तैयार है।
इस अवसर पर जीविका दीदीयों ने भी अपनी सफलता की गाथा सुनाई एवं भारतीय स्टेट बैंक के प्रति प्रतिवद्धता व्यक्त की। जीविका के लिए 101 करोड़ का प्रतीकात्मक चेक जीविका के सीईओ श्री राहुल कुमार को प्रदान किया गया।
सीएसआर कार्यक्रम के अंतर्गत नोबा जीएसआर एनजीओ के माध्यम से 200 सेनेटरी पैड डिसपेंसर एवं इनसिनेरेटर(Incinerators) लगाने का प्रोजेक्ट कॉस्ट 36,54,000 का प्रतीकात्मक चेक भी प्रदान किया गया।
यह उल्लेखनीय है इस अवसर पर पटना मंडल के मुख्य महाप्रबंधक सुरेंदर राणा एवं एसबीआई पटना मंडल के महाप्रबंधकगण भी उपस्थित रहे।

उत्तर प्रदेश

हार्टफुलनेस ने आंतरिक शांति और संतुलन प्राप्ति के लिए कराया सामूहिक ध्यान

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लखनऊ। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अभिनव पहल के रूप में घोषित प्रथम अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर पर श्री रामचंद्र मिशन के आईआईएम रोड स्थित हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट में आंतरिक शांति और संतुलन प्राप्ति के लिए ध्यान एवं योग सत्र का आयोजन किया गया। योग व ध्यान का प्रकाश हर हृदय और हर घर पहुंचे, इसके लिए यहां कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रमुख सचिच संस्कृति एवं पर्यटन श्री मुकेश मेश्राम उपस्थिति रहें। उन्होंने कहा कि युवाओं को ध्यान से जोड़ने की जरुरत है, जिससे वे जीवन में उन्नति भी कर सकते हैं।

हार्टफुलनेस संस्था अपने ग्लोबल गाइड पद्मभूषण कमलेश जी पटेल दाजी के मार्गदर्शन में प्राचीन योग परम्परा एवं ध्यान द्वारा मानवीय मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाने हेतु दृढ़ संकल्पित है। संस्था द्वारा अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर प्राणाहुति आधारित ध्यान, प्राणायाम, आसन, मुद्रा एवं व्यक्ति के शारीरिक एवं मानसिक विकास से जुड़े सत्र प्रशिक्षित स्वयंसेवकों द्वारा प्रस्तुत किए गए। समारोह में नारकोटिक्स विभाग, उत्तर प्रदेश की सक्रिय भागीदारी रही। ड्रग व मादक पदार्थों के दुष्परिणामों व ध्यान के माध्यम से इनसे दूर रहने के उपायों को यहां बताया गया।

संस्था की जोनल कोऑर्डिनेटर शालिनी महरोत्रा ने बताया कि हार्टफुलनेस संस्था ध्यान के प्रति जन जागरूकता के लिए समर्पित है। ध्यान हमारी भावनाओं को संतुलित कर आधुनिक जीवन की आपाधापी के बीच शांति और स्थिरता प्रदान करता है। इसके महत्व को स्वीकार कर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस घोषित किया है। उन्होंने बताया कि हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट में नियमित प्रात: व शाम को ध्यान सत्र का आयोजन किया जाता है। हार्टफुलनेस संस्था द्वारा पिछले वर्ष 7 से 9 अप्रैल को भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में अलीगंज स्थित स्टेडियम में हर दिल ध्यान, हर दिन ध्यान का आयोजन किया था, जिसमें 10 हजार से अधिक लोगों ने एक साथ ध्यान व योग किया था।

अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस पर आलमबाग के फीनिक्स मॉल स्थित हार्टफुलनेस लॉन्ज में भी विशेष ध्यान सत्र का आयोजन किया गया। यहां हर दिन नि:शुल्क हार्टफुलनेस ध्यान सिखाया जाता है, जिसका लाभ युवाओं को विशेष रूप से मिलता है।

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