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सुप्रीम कोर्ट पहुंचा बिहार की जहरीली शराब का मामला, SIT जांच कराने की मांग

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Muslim side also got a blow from SC in Shri Krishna Janmabhoomi dispute

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नई दिल्ली/पटना। बिहार में सारण के मशरक प्रखंड के आधा दर्जन गांवों में जहरीली शराब के चलते हुई मौतों का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुँच गया है इसे लेकर शीर्ष अदालत में एक याचिका लगाई गई है। याचिका में मामले की जांच एसआईटी से करवाने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता ने मांग की है कि मामले की स्वतंत्र जांच की जाए। इसके साथ ही अवैध शराब के निर्माण, व्यापार और बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए एक्शन प्लान तैयार करने व पीड़ितों के परिवार को मुआवजा देने की भी मांग की गई है।

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क्या है पूरा मामला?

दरअसल, सारण के मशरक के आधा दर्जन गांवों में जहरीली शराब के चलते मंगलवार से शुरू हुआ मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार सुबह तक यहां जान गंवाने वालों का आंकड़ा 60 तक पहुंच गया है। इस बीच खबर है कि सीवान में भगवानपुर प्रखंड के सोधनी और ब्रह्मास्थान गांव में जहरीली शराब पीने से चार लोगों की मौत हो गई है।

नीतीश कुमार ने कहा जो पीएगा वो मरेगा

इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जहरीली शराब से मौतों पर अजीब प्रतिक्रिया देते हुए गुरुवार को कहा था कि जो पीएगा वो मरेगा। बिहार में शराब के सेवन पर रोक है। लोगों को समझाने की जरूरत है। उन्होंने कहा था कि जो गड़बड़ कर रहा, उसे पकड़िए। उसे अच्छा काम करने के लिए प्रेरित करिए। हम तो बापू और बिहार की महिलाओं की इच्छा से शराबबंदी लागू किए हैं।

भाजपा ने मांगा इस्तीफा

वहीं, केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने नीतीश पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से आज बिहार में जहरीली शराब से मौतें हो रही हैं, ये चिंता का विषय है। हमारे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आपा खो कर जनता पर बरस रहे हैं और कह रहे हैं कि जो पिएगा वो तो मरेगा ही। ऐसे लोगों पर FIR होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार बेअसरदार है। कोई पीछे से सरकार चला रहा है। नीतीश कुमार का साया अब समाप्त हो गया। नीतीश बाबू आप इस्तीफा दो। शराबबंदी के पीछे भ्रष्टाचार का बाजार गर्म है।

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दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने शुरू किया अभियान, 175 संदिग्ध लोगों की पहचान

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नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने अभियान शुरू कर दिया है। अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों खिलाफ अपने सत्यापन अभियान दिल्ली पुलिस ने ऐसे 175 संदिग्ध लोगों की पहचान की है। अधिकारियों ने रविवार को इस बात की जानकारी दी है। पुलिस ने शनिवार को शाम 6 बजे से बाहरी दिल्ली क्षेत्र में 12 घंटे का सत्यापन अभियान चलाया था।

दिल्ली पुलिस ने क्या बताया?

इस अभियान को लेकर दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा- “पुलिस ने वैध दस्तावेजों के बिना रहने वाले व्यक्तियों की पहचान करने और उन्हें हिरासत में लेने के अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। बाहरी दिल्ली में व्यापक सत्यापन अभियान के दौरान 175 व्यक्तियों की पहचान संदिग्ध अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के रूप में की गई है।

एलजी के आदेश पर कार्रवाई

दिल्ली पुलिस ने बीते 11 दिसंबर की तारीख से राजधानी में रह रहे अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पहचानने के लिए अभियान की शुरुआत की थी। इससे एक दिन पहले 10 दिसंबर को एलजी वीके सक्सेना के सचिवालय ने अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई का आदेश जारी किया था। इसके बाद से ही पुलिस ने अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पकड़ने का अभियान शुरू किया है।

इस तरीके से चल रहे अभियान

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, बिना दस्तावेज वाले प्रवासियों की बढ़ती संख्या से चिंता बढ़ती जा रही है। बाहरी जिला पुलिस ने अपने अधिकार में आने वाले विभिन्न क्षेत्रों में कार्रवाई शुरू की है। पुलिस के मुताबिक, स्थानीय थानों, जिला विदेशी प्रकोष्ठों और विशेष इकाइयों के कर्मियों समेत विशेष टीम को घर-घर जाकर जांच करने और संदिग्ध अवैध प्रवासियों के बारे में खुफिया जानकारी इकट्ठा करने का निर्देश दिया गया है।

 

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