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प्रादेशिक

5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की योजना तैयार करने के लिए अल्पसंख्यक मोर्चा आयोजित करेगा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक

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लखनऊ। पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों की योजना तैयार करने के लिए भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा 24 अक्टूबर को राष्ट्रीय राजधानी में अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित करेगा। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के एक पदाधिकारी ने कहा कि 23 अक्टूबर को पदाधिकारियों की बैठक होगी और अगले दिन (24 अक्टूबर) राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक यहां पार्टी मुख्यालय में होगी।

पांच राज्यों- उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर यह बैठक महत्वपूर्ण है। चुनाव अगले साल फरवरी-मार्च में होंगे। जानकारी के मुताबिक, भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा 24 अक्टूबर को भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित कर सकते हैं।

सूत्रों ने बताया कि बैठक में चुनाव वाले राज्यों में अल्पसंख्यकों तक पहुंचने की योजना पर चर्चा की जाएगी और विशेष अभियान को अंतिम रूप दिया जाएगा। पार्टी के एक नेता ने कहा, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की रणनीति पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश की आबादी में मुसलमानों की संख्या 20 प्रतिशत से कुछ ही कम है और अन्य अल्पसंख्यक लगभग एक प्रतिशत हैं।

राज्य की कई विधानसभा सीटों पर मुस्लिम निर्णायक भूमिका निभाते हैं। पार्टी के एक अन्य नेता ने कहा कि लोगों को यह समझाने की योजना पर भी चर्चा की जाएगी कि नरेंद्र मोदी सरकार के पिछले सात वर्षो में अल्पसंख्यकों को कैसे फायदा हुआ है। उन्होंने कहा, मोदी सरकार बिना किसी भेदभाव के अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए लगातार काम कर रही है।

भाजपा नेतृत्व ने अपने सभी मोर्चो को अक्टूबर तक राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठकें समाप्त करने को कहा है। अनुसूचित जाति (एससी) मोर्चा की दो दिवसीय कार्यकारिणी की बैठक वाराणसी में हुई और अनुसूचित जनजाति (एसटी) मोर्चा ने 23-24 सितंबर के बीच रांची में अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी का आयोजन किया। भाजपा महिला मोर्चा ने 26-27 सितंबर को देहरादून में अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी का आयोजन किया। पार्टी यूथ विंग ने हाल ही में 5 अक्टूबर को अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की थी।

उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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