प्रादेशिक
बिहार में जाति आधारित गणना शुरू, नीतीश ने कहा- सभी वर्गों को होगा लाभ
पटना। बिहार में 7 जनवरी यानी शनिवार से जाति आधारित गणना (caste census in bihar) के पहले चरण का काम शुरू हो रहा है। करीब 5.18 लाख से अधिक कर्मी दो करोड़ 58 लाख 90 हजार 497 परिवारों तक पहुंचेंगे। पहले चरण में सात से 21 जनवरी तक सभी आवासीय परिसर की गिनती होगी।
ये बिहार सरकार का एक बड़ा प्रोजेक्ट है। केंद्र सरकार के ना कहने के बाद नीतीश सरकार ने खुद के खर्चे पर जातीय जनगणना कराने का काम शुरू किया है। राजधानी पटना में डीएम चन्द्रशेखर सिंह ने इस काम की शुरुआत की है। किस तरह से जातीय जनगणना किया जाए इसके बारे में बताया भी गया है।
पहले फेज में मकानों की गिनती होगी और आज से कर्मी जनगणना करने पहुंचेंगे। वह अपने-अपने वार्डों में जाकर मकानों की गिनती करेंगे। इसके बाद अगले चरण में लोगों की जाति आधारित गणना होगी।
दो चरणों में गणना
बता दें कि बिहार में शनिवार से जाति आधारित गणना की कवायद शुरू हो जाएगी। सरकार दो चरणों में इस कवायद को अंजाम देगी। पहला चरण 21 जनवरी तक पूरा हो जाएगा, जिसमें राज्य के सभी घरों की संख्या की गणना की जाएगी। दूसरे चरण में मार्च से सभी जातियों, उप-जातियों और धर्मों के लोगों से संबंधित आंकड़ा एकत्र किया जाएगा।
यह पूरी कवायद मई, 2023 तक पूरी हो जाएगी। पहले यह कवायद फरवरी 2023 तक पूरी की जानी थी। राज्य सरकार इस कवायद के लिए अपने आकस्मिक कोष से 500 करोड़ रुपये खर्च करेगी। सर्वेक्षण के लिए सामान्य प्रशासन विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है।
एप के माध्यम से जुटाए जाएंगे आंकड़े
पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि सर्वेक्षण के तहत पंचायत से जिला स्तर तक आंकड़ों को एक मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से डिजिटल रूप से एकत्र किया जाएगा। ऐप में स्थान, जाति, परिवार में लोगों की संख्या, उनके पेशे और वार्षिक आय के बारे में प्रश्न होंगे। जनगणना कर्मियों में शिक्षक, आंगनवाड़ी, मनरेगा या जीविका कार्यकर्ता शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह कवायद पटना जिले के कुल 12,696 प्रखंडों में की जाएगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जाति आधारित गणना से समाज के सभी वर्गों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि इस कवायद का उद्देश्य वंचित लोगों के लिए विकास कार्य करना है। जाति की गणना सही ढंग से हो, इसको लेकर कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। गणना कार्य में लगे सभी कर्मचारी एक-एक घर में जाकर एक-एक चीज की जानकारी लेंगे।
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उत्तर प्रदेश
प्रयागराज महाकुम्भ में आस्था और आधुनिकता का अनोखा संगम, पहली बार आगंतुक ले सकेंगे डोम सिटी का आनंद
महाकुम्भ नगर से त्रिवेणी के तट पर आयोजित होने जा रहे महाकुम्भ को दिव्य भव्य और नव्य स्वरूप प्रदान करने का योगी सरकार का संकल्प है। इसे मूर्त रूप देने के लिए पर्यटन विभाग भी निजी संस्थाओं के साथ मिलकर नए प्रतिमान बना रहा है। महाकुम्भ नगर के अरैल क्षेत्र में तैयार हो रही डोम सिटी इसी की एक झलक देता है।
आस्था और आधुनिकता का अद्भुत मेल
संगम की रेती पर महाकुम्भ की शुरुआत के पूर्व ही आस्था और अध्यात्म की दुनिया आकार लेने लगी है। इस आयोजन के साक्षी बनने जा रहे करोड़ों पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए कुम्भ क्षेत्र आधुनिकता का एक ऐसा भव्य शहर तैयार हो रहा है जिसे देखकर हर किसी की आँखें चौंधिया जाए। आधुनिकता, भव्यता और अध्यात्म का यह अद्भुत मेल है डोम सिटी जिसे पर्यटन विभाग के सहयोग से एक निजी कंपनी ईवो लाइफ स्पेस प्रा. लि. तैयार कर रही है। कंपनी के निदेशक अमित जौहरी का कहना है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पर्यटन के नए कीर्तिमान स्थापित किए है। इसी श्रृंखला में उनकी यह कल्पना त्रिवेणी की रेत पर साकार हो रही है जिसके लिए पर्यटन विभाग की तरफ से सवा तीन हेक्टेयर जमीन उन्हें मिली है जिसमें देश की पहली डोम सिटी तैयार हो रही है।
महाकुम्भ में हिल स्टेशन का फील कराएगी डोम सिटी
यह पहला मौका होगा जब महाकुंभ में किसी स्थान पर स्टे करने के समय पर्यटक या श्रद्धालु किसी हिल स्टेशन की अनुभूति का अहसास कर सकेंगे। इस अनुभव का साक्षी बनने के लिए 51 करोड़ की लागत से तैयार हो रही है डोम सिटी। डोम सिटी बना रही ईवो लाइफ के डायरेक्टर अमित जौहरी के मुताबिक 15 से 18 फीट की ऊंचाई पर डोम सिटी बनाई जा रही है, जिसमें 32×32 के कुल 44 डोम बन रहे हैं। इसमें 360 डिग्री पोली कार्बन शीट के डोम हैं। ये पूरी तरह बुलेट प्रूफ और फायर प्रूफ हैं। पर्यटक इसमें अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ 24 घंटे रहकर कुम्भ का नजारा देख सकते हैं। इसका अनुभव किसी हिल स्टेशन से महाकुम्भ का अवलोकन करने जैसा है।
डोम के साथ लग्जरी कॉटेज का भी मिलेगा लुत्फ
इस पूरी डोम सिटी में 176 कॉटेज भी बनाए जा रहे हैं जहां ठहरने की सभी अत्याधुनिक सुविधाएं मौजूद रहेंगी। 16×16 की हर एक कॉटेज में एसी, गीजर और सात्विक आहार की व्यवस्था होगी। कॉटेज का किराया स्नान पर्व के दिन 81 हजार और सामान्य दिनों में 41 हजार होगा। इसी तरह डोम का किराया स्नान पर्व के दिन 1लाख 10 हजार और सामान्य दिनों के लिए 81 हजार रखा गया है। डोम की ऑनलाइन बुकिंग शुरू हो चुकी है। कॉटेज के वातावरण को आध्यात्मिक बनाने के लिए यहां धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजन की प्रस्तुतियों की भी व्यवस्था होगी। नव्यता का यह प्रयास महाकुम्भ में भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर की पर्यटन की सुविधाओं का एक कीर्तिमान बनाने की तरफ ले जाएगी। कंपनी के निदेशक अमित जौहरी का कहना कि 23 दिसंबर को महाकुम्भ की तैयारियों का निरीक्षण करने आ रहे यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ टेंट सिटी के निरीक्षण के समय डोम सिटी का भी निरीक्षण कर सकते हैं।
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