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लखनऊ: महारजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त विवेक जोशी ने किया डाटा सेंटर का उद्धाटन

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लखनऊ। जनगणना कार्य निदेशालय में शुक्रवार को भारत के महारजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त विवेक जोशी द्वारा आगामी जनगणना के लिए बनाए गए “डाटा सेंटर” का उद्घाटन किया गया जिसमें जनगणना कार्य निदेशालय के अधिकारियों व कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया।

इस अवसर पर विवेक जोशी ने अपने सम्बोधन में कहा कि “ आगामी जनगणना देश की पहली डिजिटल जनगणना है जिसमें मोबाईल एप के द्वारा भारत के नागरिकों की गणना की जाएगी। प्रगणक जनगणना हेतु विकसित एप का उपयोग कर डाटा एकत्रित करेंगे। इस डाटा के संकलन हेतु पूरे भारत में तीन राष्ट्रीय आंकड़ा केंद्र बनाए गए हैं जिसमें से उत्तर भारत का इकलौता केंद्र लखनऊ में स्थापित किया गया है जिसका आज शुभारंभ हो रहा है। अन्य दो केंद्र दिल्ली तथा बेंगलुरु में स्थापित किए गए हैं। यह आंकड़ा केंद्र भारत की जनगणना 2021 से संबंधित सम्पूर्ण आंकड़ों को संग्रहित करेगा। जनगणना 2021 भारत के ‘डिजिटल इंडिया’ मिशन को साकार रूप प्रदान करने में एक महत्वपूर्ण चरण होगी।

नरेन्द्र शंकर पाण्डेय,  निदेशक जनगणना कार्य उत्तर प्रदेश ने इस अवसर पर संक्षिप्त अभिभाषण देते हुए कहा कि “भारतीय जनगणना भारत के लोगों की विभिन्न विशेषताओं पर सांख्यिकीय जानकारी का सबसे बड़ा स्रोत है। भारत में पिछली जनगणना 2011 में हुई थी,  आगामी जनगणना देश की सोलहवीं तथा आजादी के बाद आठवीं जनगणना होगी। उन्होंने कहा कि भारत की पहली डिजिटल जनगणना के आंकड़ों के संधारण के लिए बनाए गए “राष्ट्रीय आंकड़ा केंद्र” के आपदा प्रतिपूर्ति स्थल की स्थापना लखनऊ में किया जाना राज्य के लिए गौरव का विषय है। यह केंद्र किसी भी आपदा की दशा में दिल्ली में स्थापित राष्ट्रीय आंकड़ा केंद्र को डाटा की प्रतिपूर्ति करेगा।

इस अवसर पर प्रदीप कुमार, उप महारजिस्ट्रार ने उत्तर भारत का इकलौता केंद्र लखनऊ में स्थापित करवाने के लिए भारत के महारजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त का आभार व्यक्त करते हुए यह आश्वस्त किया की यह राष्ट्रीय आंकड़ा केंद्र देश की आशाओं पर खरा उतरेगा।

इस अवसर पर संजय, अपर महारजिस्ट्रार, मोहन सिंह थापा, तकनीकी निदेशक, ए. एम. अंसारी, संयुक्त निदेशक, ए. के. राय, कार्यालय अध्यक्ष, अनुपम सिंह सोमवंशी, उप निदेशक, एस. एस. शर्मा, उप निदेशक, राममूर्ति, उप निदेशक, अरून कुमार, उप निदेशक, संतोष कुमार मिश्र, उप निदेशक आदि उपस्थिति थे।

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पत्नी, सास और सालियों से प्रताड़ित शख्स ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में लिखी ये बातें

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इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर से अतुल सुभाष जैसा मामला सामने आया है। यहां एक शख्स ने पत्नी और ससुराल वालों से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। मौत को गले लगाने से पहले युवक से एक सुसाइड नोट भी छोड़ा। सुसाइड नोट में मृतक ने अपनी पत्नी, सास और सालियों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। इसके अलावा मृतक ने भारत सरकार से भी कानून में बदलाव लाने की मांग की है। सुसाइड नोट में लिखा है कि अगर ये कानून नहीं बदला तो इसी तरह से महिलाएं इसका दुरुपयोग करती रहेंगे और रोज देश के युवा मरते रहेंगे और उनके परिवार उजड़ते रहेंगे। सुसाइड लेटर लिखने के बाद शख्स ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।

नितिन पडियार ने सुसाइड नोट में अपनी पत्नी हर्षा शर्मा, सास सीता शर्मा और अपनी दो साली मीनाक्षी,वर्षा शर्मा को इस कदम के लिए जिम्मेदार ठहराया है। नितिन ने लिखा है कि उसकी पत्नी से उसका तलाक भी हो चुका है जिसके बावजूद वो लगाकर उसे भरण-पोषण के नाम पर पैसों के लिए प्रताड़ित कर रही थी। इसमें उसका साथ मां और उसकी दो बहनें भी दे रही थी। सुसाइट नोट में नितिन ने सभी के नाम का भी जिक्र किया है।

वहीं, नितिन ने अपने सुसाइड नोट में भारत सरकार से भी निवेदन किया है की सरकार ने जो कानून बनाए हैं वह सिर्फ महिलाओं के लिए है और महिलाएं इसका दुरुपयोग कर रही है। अगर सरकार इस तरह के कानून नहीं बदलती है तो ऐसे कई परिवार उजड़ते रहेंगे। वहीं, नितिन ने युवाओं को भी एक संदेश देते हुए लिखा है कि वह शादी ना करें। अगर वह शादी करते हैं तो पहले एग्रीमेंट करें,उसके बाद शादी करें। साथ ही उसने अपनी मां और परिवार वालों से उसकी मौत पर आंसू नहीं बहाने को भी कहा है। नितिन ने सुसाइट नोट में अपनी मां से उसकी मौत पर आंसू नहीं बहाने की बात भी कही है। उसने लिखा है- मम्मी सुनो, मेरे जाने के बाद तुम रोना मत और ना किसी को रोने देना। अगर तुमलोग मेरे जाने के बाद आंसू बहाया तो मुझे मरने के बाद भी तकलीफ होगी। मम्मी मैं आऊंगा वापस तुम्हारा बेटा बनकर।

ये था विवाद

जानकारी के मुताबिक मृतक नितिन पडियार ने राजस्थान की रहने वाली हर्षा शर्मा से कुछ साल पहले लव मैरिज किया था। मगर शादी के कुछ दिन बाद ही दोनों के रिश्तों में खटास आने लगी। इसके बाद उसकी पत्नी मायके में रह रही थी और उसने तलाक के लिए याचिका लगाई थी। परिवार वालों का आरोप है कि नितिन के ससुराल वाले केस में समझौते को लेकर 30 लाख रुपए की डिमांड कर रहे थे। इसके चलते नितिन तनाव में था जिसके चलते उसने इतना बड़ा कदम उठा लिया।

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