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देश में अगले साल शुरू होगी जनगणना, आंकड़े 2026 में होंगे प्रकाशित
नई दिल्ली| भारत में हर 10 साल में होने वाली जनगणना को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है. दरअसल, देश में अगले साल से जनगणना शुरू हो सकती है. जनगणना एक साल यानी 2026 तक चलेगी. इसके बाद जनगणना अब देश में हर 10 साल में होगी और अगली जनगणना अब अगली बार 2035 में होगी. कोविड की वजह से इसका चक्र गड़बड़ हो गया था. पहले हर दशक पर जनगणना होती आई है. इससे पहले 1991, 2001, 2011 में हुई थी और इस तरह से इसे साल 2021 में होने वाली थी.
हर 10 साल बाद कराई जाती है जनगणना
बता दें कि भारत में जनगणना कराने की अवधि हर 10 साल बाद है. लेकिन अबकी बार 15 साल बाद जनगणना कराई जाएगी. आखिरी बार 2011 में देश की जनगणना कराई गई थी. इसके बाद 2021 में जनगणना होनी थी लेकिन कोरोना महामारी के चलते केंद्र ने इसे टाल दिया था, ऐसे में अब सरकार अगले साल से जनगणना की शुरुआत करा सकती है.
बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार इस बार 2025 में देश की जनगणना करा सकती है, लेकिन अभी तक इस बारे में तारीख सामने नहीं आई है कि आखिर केंद्र कब से जनगणना की शुरुआत करेगा. हालांकि महारजिस्ट्रार की तैयारियां चल रही हैं. ऐसा माना जा रहा है कि जनगणना में कम से कम 2 साल का समय लग सकता है. इसके साथ ही जनगणना को लेकर सरकार के स्तर पर भी कुछ नीतिगत फैसले लिए जाने हैं.
बताया जा रहा है कि लोकसभा सीटों का परिसीमन भी कराया जाना है. ऐसे में जनगणना का काम पूरा होने के बाद ही परिसीमन कराया जाएगा. ऐसा माना जा रहा है कि परिसीमन की ये प्रक्रिया 2028 तक पूरी करा ली जाएगी. वहीं कई विपक्षी दल जनगणना के दौरान जातिगत जनगणना की भी मांग कर सकते हैं, हालांकि अभी तक इसे लेकर फैसला नहीं लिया गया है.
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World Meditates With Gurudev कार्यक्रम ने रचा इतिहास, 180 से ज्यादा देशों के लोग हुए शामिल
बेंगलुरु। विश्व ध्यान दिवस पर आयोजित World Meditates With Gurudev कार्यक्रम ने इतिहास रच दिया है। आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने ऑन लाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से दुनिया भर के 85 लाख से ज्यादा लोगों को सामूहिक ध्यान कराया। इस कार्यक्रम ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और वर्ल्ड रिकॉर्ड्स यूनियन में जगह बनाते हुए पिछले सारे रिकॉर्ड्स तोड़ दिए। आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस ऐतिहासिक कार्यक्रम ने सामूहिक ध्यान के लिए दुनिया भर के लोगों को एक साथ जोड़ा।
180 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए
दरअसल, पूरी दुनिया ने 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के तौर पर मनाया। इसी क्रम में यह कार्यक्रम आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में 180 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए और इसके माध्यम से ध्यान की परिवर्तनकारी शक्ति को प्रदर्शित किया। श्री श्री रविशंकर संयुक्त राष्ट्र में विश्व ध्यान दिवस के उद्घाटन कार्यक्रम में भी शामिल हुए। संयुक्त राष्ट्र में उद्घाटन समारोह से शुरू होकर अपने समापन तक यह कार्यक्रम दुनिया के महाद्वीपों में ध्यान की लहर फैलाता चला गया।
ये रिकॉर्ड टूटे
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड
YouTube पर ध्यान के लाइव स्ट्रीम के सबसे ज़्यादा दर्शक
एशिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स
एक दिवसीय ध्यान में भारत के सभी राज्यों से अधिकतम भागीदारी
एक दिवसीय ध्यान में अधिकतम Nationalities ने हिस्सा लिया
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