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कोरोना को लेकर केंद्र सहित राज्य सरकारें भी सतर्क, उठाए गए यह एहतियाती कदम  

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नई दिल्ली। चीन समेत दुनिया के कई देशों में लगातार तेजी से बढ़ते कोरोना केसों के मद्देनजर भारत में सतर्कता बरती जा रही है। केंद्र सरकार ने कई एहतियाती कदम उठाए हैं। पीएम मोदी ने भी कोरोना को लेकर हाल ही समीक्षा बैठक की थी, जिसमें मास्क और सभी कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करवाने के निर्देश दिए गए।

केंद्र के साथ राज्य सरकारें भी एक्टिव मोड में आ गई हैं, आइए 10 प्वाइंट में जानें भारत में क्या-क्या एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं।

  1. सरकार ने टेस्ट बढ़ाने और नए साल को देखते हुए कोरोना को लेकर नई एडवाइजरी जारी की।
  2. एयरपोर्ट पर विदेश से आ रहे 2 फीसद लोगों के रैंडम कोरोना टेस्ट किए जाएंगे।
  3. केंद्र सरकार ने राज्यों को भी अलर्ट करते हुए टेस्टिंग बढ़ाने और नए कोरोना मरीजों के सैंपल जीनोम टेस्टिंग के लिए भेजने को कहा है।
  4. प्राइवेट अस्पतालों में 18 साल से ज्यादा की उम्र वाले लोगों को नेजल वैक्सीन लगाने की इजाजत
  5. 27 दिसंबर को सभी अस्पतालों में कोरोना को लेकर मॉक ड्रिल करने का फैसला किया है। कई राज्यों ने भी अपने अस्पतालों में मॉक ड्रिल करने का लिया निर्णय।
  6. राज्य सरकारें भी कोरोना को मात देने की तैयारी में जुटी।
  7. दिल्ली, महाराष्ट्र और कर्नाटक सरकार ने तैयारियों को लेकर एक समीक्षा बैठक की। तीनों राज्यों ने टेस्ट बढ़ाने और अस्पताल व्यवस्था बेहतर करने का दिया निर्देश।
  8. उप्र में अब सरकारी अस्पतालों में मास्क लगाना अनिवार्य।
  9. पुलिस कर्मियों को वैक्सीन की दोनों डोज लगाने का निर्देश।
  10. पंजाब सरकार ने कोरोना के टेस्ट बढ़ाने व अस्पतालों में व्यवस्था दुरुस्त करने के दिए निर्देश।

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नेशनल

शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।

ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।

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