नेशनल
लोकसभा में बदला नज़ारा, न शोर-शराबा न कोई तख्तियां; कांग्रेस सदस्यों का निलंबन वापस
नई दिल्ली। लोकसभा में शोर-शराबे के बाद सोमवार दोपहर दो बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई, तो नजारा बिल्कुल बदला हुआ था। न विपक्षी दलों की तरफ से कोई तख्तियां थीं, न ही शोर-शराबा। सभी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को ध्यान से सुन रहे थे।
इस बीच सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच सहमति बनने के बाद सोमवार को कांग्रेस के चार लोकसभा सदस्यों का निलंबन वापस ले लिया गया। इसके साथ ही मानसून सत्र में सदन के भीतर पिछले कई दिनों से चल रहा गतिरोध खत्म हो गया।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मणिकम टैगोर, टी एन प्रतापन, ज्योतिमणि और राम्या हरिदास का निलंबन वापस लेने का प्रस्ताव रखा जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दी। लोकसभा में विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के दौरान तख्तियां दिखाकर प्रदर्शन करने और आसन की अवमानना करने के मामले में गत 25 जुलाई को कांग्रेस के इन चार सदस्यों को चालू सत्र की शेष अवधि के लिए सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया था।
इसी के साथ संसद में कामकाज सामान्य रूप से चलने की उम्मीद अब जग गई है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सदन का कार्यवाही चलाने को लेकर सहमति बन गई है। लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने सांसदों को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले दिनों इस सदन में हुई घटनाओं ने हम सब को आहत किया है। मुझे भी आहत किया है और देश की जनता को भी इससे पीड़ा हुई है।
उन्होंने कहा कि देश की सर्वोच्च संस्था संसद है और इस संसदीय परंपरा पर सभी को गर्व है। संसद की प्रतिष्ठा संवाद, चर्चा, सकारात्मक बहस से स्थापित हुई है। सभी पूर्ववर्ती लोकसभा अध्यक्षों और नेताओं ने इसमें योगदान दिया है।
उन्होंने सभी सदस्यों से कहा कि इस सदन की रक्षा करना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। बिरला ने कहा विषयों पर असहमति और सहमति हो सकती है। बहस करते समय कई मुद्दों पर तीखे वाद-विवाद हुए हैं, लेकिन सदन की गरिमा हमें बनाकर रखनी है। मेरा आग्रह है कि मत की भिन्नता है तो बैठकर चर्चा की जाए। सदन चले, यह सभी सदस्य चाहते हैं। आज इस पर सहमति के बाद मिले हैं।
उत्तर प्रदेश
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और डॉ. कुमार विश्वास ने संगम में लगाई डुबकी, गौतम अदानी ने की श्रद्धालुओं की सेवा
महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ 2025 के तहत संगम घाट पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रख्यात कवि डॉ. कुमार विश्वास ने औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी के साथ संगम के पवित्र जल में पुण्य की डुबकी लगाई। वहीं, देश के शीर्ष उद्योगपति गौतम अदानी ने श्रद्धालुओं के लिए चल रहे भंडारे में सेवा की और फिर बड़े हनुमान मंदिर में पूजन अर्चन किया।
रामनाथ कोविंद ने सपरिवार किया स्नान
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी पत्नी और पुत्री के साथ संगम की पवित्र त्रिवेणी में स्नान किया। इस दौरान मंत्री नंदी ने स्वयं उनका हाथ पकड़कर स्नान में सहयोग किया। स्नान के बाद मंत्रोच्चार के बीच उन्होंने सपरिवार मां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की पूजा-अर्चना की। उन्होंने महाकुम्भ की भव्यता और दिव्यता की सराहना करते हुए कहा कि यह आयोजन भारत की आध्यात्मिक धरोहर और सांस्कृतिक समृद्धि का उत्कृष्ट उदाहरण है। पूर्व राष्ट्रपति ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ की अवधारणा को देश के आर्थिक विकास के लिए गेम चेंजर बताया। उन्होंने कहा कि इससे देश की जीडीपी और आर्थिक स्थिति में व्यापक सुधार होगा।
कुमार विश्वास बोले- सामाजिक समरसता का परिचायक है महाकुम्भ
डॉ. कुमार विश्वास ने मां गंगा का जयकारा लगाते हुए स्नान किया। उन्होंने गंगा के महात्म्य पर अपनी कविता से सबको मंत्रमुग्ध करते हुए कहा कि
“तपस्वी राम के चरणों चढ़ी उपहार तक आई,
हमारी मां हमारे लोक के स्वीकार तक आई।”
उन्होंने कहा कि महाकुम्भ का यह आयोजन 144 वर्षों के बाद आया दुर्लभ संयोग है, जो भारत को विश्व गुरु बनाने की दिशा में प्रेरणा देगा। उन्होंने सभी से राजनीतिक भेदभाव भूलकर इस सर्वसमावेशी आयोजन में भाग लेने का आह्वान किया। डॉ. कुमार विश्वास ने कहा कि गंगा केवल एक नदी नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति का सार है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक समरसता का परिचायक है, जो पूरे विश्व को एक नई दिशा देगा।
गौतम अदानी ने सेवा में तत्पर शासन-प्रशासन, सफाई कर्मियों और सुरक्षा बलों को कहा धन्यवाद
उद्योगपति गौतम अदानी ने इस्कॉन द्वारा संचालित इस्कॉन रसोई में सेवा की और श्रद्धालुओं को खाना खिलाया। उन्होंने महाकुम्भ को अद्भुत, अद्वितीय, एवं अलौकिक कहा। उन्होंने कहा कि प्रयागराज आकर ऐसा लगा मानो पूरी दुनिया की आस्था, सेवाभाव और संस्कृतियां यहीं मां गंगा की गोद में आकर समाहित हो गयी हैं। कुम्भ की भव्यता और दिव्यता सजीव बनाए रखने वाले सभी साधु, संत, कल्पवासी एवं श्रद्धालुओं की सेवा में तत्पर शासन-प्रशासन, सफाई कर्मियों और सुरक्षा बलों को मैं हृदय से धन्यवाद देता हूँ। मां गंगा का आशीर्वाद हम सभी पर बना रहे। गौतम अदानी संगम और हनुमान जी के दर्शन करते हुए शंकर विमान मंडपम पहुंचे, जहां मुख्य द्वार पर 21 वैदिक ब्राह्मणों ने ‘वैदिक वेलकम’ किया। उन्होंने विमान मंडपम मंदिर प्रांगण में मौजूद गीता प्रेस की आरती संग्रह पगोडा पर श्रद्धालुओं बातचीत भी की।
राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने दूसरे दिन भी किया पवित्र स्नान
उधर, राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुए तीन दिन तक पवित्र स्नान और तर्पण करने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा, “मैंने कल पवित्र स्नान किया, आज भी करूंगी और कल फिर करूंगी। मेरे नाना, नानी, दादा-दादी यहां नहीं आ सके, इसलिए उनकी ओर से तर्पण कर रही हूं। यह मेरे लिए गर्व और खुशी की बात है।” सुधा मूर्ति ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में किए गए कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा, “योगी जी और उनकी टीम ने यहां बहुत अच्छा काम किया है। मैं उनके लंबे जीवन की कामना करती हूं।”
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