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प्रादेशिक

नीतीश कुमार सत्ता के लालची, कुर्सी फिक्स होते ही पलट जाएंगे: चिराग पासवान

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पटना। बिहार में जारी सियासी उठापटक के बीच लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता जमुई के सांसद चिराग पासवान ने आज सोमवार को नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा। चिराग ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि नीतीश कुमार को बिहार से कोई लेना देना नहीं है, वो सत्ता के लालची हैं। जैसे ही दूसरी साइड इनकी कुर्सी फिक्स हो जाएगी, ये पलट जाएंगे।

उन्होंने कहा कि क्या नीतीश कुमार चाहते हैं कि इतिहास उन्हें पलटू राम के तौर पर याद करे। चिराग ने भविष्यवाणी करते हुए कहा कि चाहे किसी भी गठबंधन की सरकार बने, बिहार में मध्यावधि चुनाव होंगे। चिराग पासवान बोले मैं सत्ता का लालची नहीं हूं, मैं नीतीश कुमार नहीं हूं।

मुख्यमंत्री जी किसी के सगे नहीं

चिराग पासवान ने सीएम नीतीश पर वार करते हुए कहा, मुख्यमंत्री जी किसी के सगे नहीं है। कंस मामा की तरह एक-एक को मारते गए, मुख्यमंत्री का इतिहास लम्बा रहा है अपने ही नेताओं को प्रताड़ित किया है। बीजेपी को ये डर दिखाते रहते हैं। जनता को जंगलराज का डर दिखा कर सत्ता में आए थे। बीजेपी को कमजोर करने की हर कोशिश इन्होंने की। गठबंधन में इन्होंने कभी भी साझा कार्यक्रम नहीं शुरू किया, मैंने भी उस समय यही विरोध किया था।

जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष जवाब दें, चिराग मॉडल कौन तैयार कर रहा

चिराग पासवान ने निशाना साधते हुए कहा, ‘अपराध को चरम पर ले जाना, बेरोजगारी को चरम पर ले जाना क्या विकास है, पानी में चलने वाला जहाज कैसे दौड़ेगा ये बताएं जदयू के नीति निर्धारक। उपेंद्र कुशवाहा जी ने 2020 में क्या-क्या नही बोला था ये मुख्यमंत्री को याद नहीं है? जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष जवाब दें कि चिराग मॉडल कौन तैयार कर रहा है चिराग किसी का मॉडल है तो रामविलास पासवान का, उनके सपनों का।

चिराग पासवान ने कहा कि मुख्यमंत्री को न तो बिहार की चिंता है और न ही जनता के मुद्दे की चिंता है। वो बिहार में मुख्यमंत्री बने रहेंगे, राष्ट्रपति बनेंगे, उपराष्ट्रपति बनेंगे सिर्फ इसकी चर्चा हो रही है। कहा कि चिराग मॉडल तो विकास का है, चिराग मॉडल का समर्थन 32 लाख जनता ने किया। मुख्यमंत्री का क्या मॉडल है ये बताएं।

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उत्तर प्रदेश

लखनऊ में बाघ का आतंक : वन विभाग ने पकड़ने के लिए किए तरह – तरह के उपाय, नहीं आ रहा है हाथ

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लखनऊ। रहमानखेड़ा केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में बाघ ने एक और पड़वे (भैंस के बच्चे) का शिकार किया है। यह बाघ का 15वां शिकार है। बाघ ने वन विभाग को एक बार फिर चकमा देते हुए जंगल में उसी जगह शिकार किया जहां उसको फंसाने के लिए गड्ढा खोदा गया है। जंगल के जोन एक के बेल वाले ब्लॉक में वन विभाग ने 15 फीट गहरा गड्ढा खोद झाड़ियों से ढक दिया है ताकि बाघ शिकार करने का प्रयास करें तो गहरे गड्ढे में गिर जाए।

फिर उसे ट्रैंकुलाइज किया जा सके। यहीं एक पिंजरा भी लगाया गया है जिसमें पड़वे को बांधा गया था। हालांकि वन विभाग की सारी तरकीबें धरी रह गई हैं। मंगलवार भोर में बाघ ने पड़वा को अपना निवाला बनाया। न वो पिंजरे में फंसा न गड्ढे में गिरा। सुबह जानकारी पर जांच करने पहुंची टीम को पड़वे का क्षतविक्षत शव मिला। मौके से बाघ के पगचिह्न भी मिले।

विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ 24 घंटे के अंदर अपने शिकार का बचा हुआ मांस खाने के लिए दोबारा आ सकता है। वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश में मीठेनगर, उलरापुर और दुगौली के आसपास मौजूद जंगल में डायना और सुलोचना हथिनियों से कॉम्बिंग की लेकिन उसका पता नहीं लगा। शिकार की जानकारी पर अपर मुख्य वन संरक्षक रेणू सिंह ने टीम लीडर आकाशदीप बधावन व डीएफओ सितांशु पांडेय के साथ शिकार स्थल का जायजा लिया। यहां सक्रिय टीम को मृत पड़वे के पास निगरानी करने का निर्देश दिए।

तीन दर्जन से अधिक वाहनों की आवाजाही नो- गो- जोन में कर रही शोर गुल

वन विभाग ने रहमान खेड़ा में नो-गो जोन घोषित किया है। इसके बावजूद वन विभाग के ही 30 से ज्यादा वाहनों की हलचल यहां हर दिन रहती है। मंगलवार को दोपहर में अधिकारियों समेत वन विभाग टीम के करीब दो दर्जन चार पहिया वाहन कमांड ऑफिस के आस-पास खड़े थे। संस्थान के कर्मियों के वाहन व बसों की आवाजाही भी यहां रहती है। मचान व पिंजरों के पास भी वाहनों के साथ अधिकारी आ जा रहे हैं। इसी के चलते बाघ पकड़ में नहीं आ पा रहा है।

 

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