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उत्तर प्रदेश

पत्नी का इलाज़ कराने गया था बागेश्वर धाम, हो गई लापता; 6 महीने से परेशान है परिवार

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चित्रकूट से ज़ियाउल हक़ की रिपोर्ट

चित्रकूट। इन दिनों लगातार सुर्ख़ियों में चल रहे मप्र के छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम में हुई एक महिला की रहस्यमई मौत और पिछले 10 दिनों से लापता चल रहे युवक का जहां एक तरफ पता नहीं चला है तो वहीं दूसरी तरफ उप्र के चित्रकूट से बाबा के पास अपनी फरियाद लेकर के गई एक महिला पिछले 6 महीने से गायब चल रही है जिसका भी आज तक कोई सुराग नहीं मिला है।

गायब महिला का पति आज भी अपनी पत्नी और परिवार के वापस लौटने के इंतजार में नजरें टिकाये बैठा है। जिस दरबार में लाखों लोग अपनी मनोकामनाओ की पूर्ति के लिए अर्ज़ी लगाते हैं, जिस दर से बाबा भूत और भविष्य की मंच से घोषणा कर देते हैं, जिस दर से बिना कुछ जाने बाबा सब कुछ बता देते हैं या यूँ कहे कि बाबा मन की बात जान लेते हैं, उसी बाबा के दर पर एक परिवार खुशियों को बटोरने के लिए बागेश्वरधाम के संत धीरेन्द्र शास्त्री के दर पर पहुंचा लेकिन बदले में खुशियां नहीं बल्कि गम नसीब हुआ।

बता दें कि सोशल मीडिया में बागेश्वर धाम वाले बाबा धीरेन्द्र शास्त्री के हाथो लोगों के दुःख दर्द दूर होता देख चित्रकूट का एक किसान अपनी पत्नी के मानसिक रोग के इलाज और आराम के लिए छतरपुर में बाबा के आश्रम में अर्ज़ी लगाने पहुंचा, जहाँ परिक्रमा के दौरान उसकी पत्नी अचानक गायब हो गई।

चित्रकूट के कर्वी कोतवाली अंतर्गत खुटहा गांव निवासी किसान दुर्गा प्रसाद ने पत्नी को हर तरफ ढूंढा लेकिन उनकी पत्नी उन्हें कहीं नहीं मिली, किसान कई बार बाबा के दरबार में अर्ज़ी लगाने पहुंचा लेकिन कर्मचारियों ने उसे मिलने नहीं दिया, जैसे तैसे किसान ने बाबा के दरबार पर अपनी अर्ज़ी लगाई जिसमे बाबा धीरेन्द्र शास्त्री ने उन्हें आश्वस्त करते हुए कहा कि आधे घंटे में आपकी पत्नी मिल जायेगी लेकिन दुर्गा प्रसाद को उनकी पत्नी आजतक नहीं मिली।

दुर्गा प्रसाद ने कहा कि पत्नी को खोये अब 6 माह बीत गए लेकिन अभी तक उनकी पत्नी घर नहीं पहुंचीं, दुर्गा प्रसाद ने कहा कि सुना था कि बाबा के दरबार में हर किसी का दुःख दर्द दूर होता है लेकिन मेरी पत्नी का इलाज तो क्या मेरी पत्नी ही मेरे पास अभी नहीं रही।

पीड़ित किसान ने कहा कि हमें तो बाबा का सबकुछ ढोंग लगता है, हम जब हर जगह से हार गए तो धीरेन्द्र शास्त्री की माँ से भी मिले। उन्होंने भी हमें आश्वासन दिया लेकिन हमारी पत्नी मेड़िया कहीं नहीं मिली।

पीड़ित ने कहा कि उनकी माता जी ने कहा कि हम अपने लड़के से पूछकर बता देंगे कि तुम्हारी पत्नी कहा है। उनकी माता जी ने हमें 3-4 दिन परेशान किया, पीड़ित की भतीजी ने धीरेन्द्र शास्त्री की माँ से कहा कि माता जी अगर हमारे पास भी सवा पांच किलो सोने का गदा चढाने की अगर हमारी भी क्षमता होती तो तुम्हारा लड़का हमसे भी बिना अर्ज़ी के बात करता।

जिन्होंने गदा चढ़ाया उनसे आपका बेटा बिना अर्ज़ी के मिलता है। हम गरीबो की कोई नहीं सुनता है जो पैसे चढ़ाता है, जो सोने का गदा चढ़ाता है सिर्फ उनकी सुनवाई होती है। भावुक होकर पीड़ित पति बोले मेरी पत्नी ज़िंदा होगी तो भटक रही होगी या किसी के घर पर काम कर रही होगी।

पीड़ित ने कहा कि बाबा अगर इतने ही अन्तर्यामी होते तो बता देते कि मेरी पत्नी कहा है, सबकुछ बकवास है। पर्चा पढ़कर जो बता देते हैं बाबा वो सब मेरी नज़र में ढोंग है। मेरी आज तक बाबा से मुलाक़ात नहीं हो पाई, गया था पत्नी को दिखाने और पत्नी ही खो गई।

हमने छतरपुर के बमीठा थाने में गुमशुदगी दर्ज करवाई तो वहां थानेदार ने कहा कि अपनी शिकायत वापस ले लो तो तुम्हारी मदद करेंगे। पीड़ित ने कहा कि अगर हमारी पत्नी मिल जायेगी तो हम यक़ीन कर लेंगे कि बाबा सही है वरना सब ढोंग विद्या है।

अब चित्रकूट का यह परिवार पिछले 06 महीने से अपनी खोई पत्नी मेड़िया के घर वापस आने की आस में तस्वीरें निहारकर एक एक पल सौ साल की तरह बिता रहा है। देखना यह होगा कि जिस बाबा धीरेन्द्र शास्त्री के दर पर लोगो का भला होता है, उस दर से क्या एक वृद्ध किसान और पीड़ित पति को उसकी बुढ़ापे की हमराही वापस मिल पाएगी।

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि

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लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।

देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।

🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।

🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।

इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.

‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!

यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…

वनावरण

1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण

1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)

सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड

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