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प्रादेशिक

पिछली सरकारों पर सीएम योगी का तंज- पहले अराजकता, गुंडागर्दी का था बोलबाला

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछली सरकारों को प्रदेश के युवाओं के हितों के साथ खिलवाड़ करने का दोषी बताया है। उन्होंने कहा है कि बीते साढ़े चार वर्षों में सरकार ने साढ़े 04 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी है, लेकिन इनमें से बहुत से ऐसे भी हैं, जिन्हें 10-12 साल पहले ही नौकरी मिल जानी चाहिए थी। पिछली सरकारों ने युवाओं के साथ अनर्थ किया।

उनकी विसंगतियों का ही नतीजा है कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग विवादों का गढ़ बन गया था और हर भर्ती पर कोर्ट को रोक लगानी पड़ती थी। हमारी सरकार ने एक-एक कर सबका समाधान किया। एक ईमानदार, शुचितापूर्ण चयन प्रक्रिया लागू की और नतीजा यह कि साढ़े चार लाख में से एक भी युवा को न तो कहीं सिफारिश की जरूरत पड़ी न ही किसी प्रतिभावान का हक छिना।

सीएम योगी मंगलवार को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से चयनित जिला समाज कल्याण अधिकारियों एवं अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को नियुक्ति-पत्र वितरित कर रहे थे। सीएम ने कहा कि 2015-16 तक देश की छठवीं बड़ी अर्थव्यवस्था रहा उत्तर प्रदेश आज नम्बर दो पर है, ईज ऑफ़ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में 15वें-16वें पायदान से उठकर दूसरे नम्बर पर आया है तो यह सामूहिक प्रयास से संभव हुआ है। हमने रिफॉर्म किया और शासन, प्रशासन के साथ जनता-जनार्दन ने परफॉर्म किया तो आज हर क्षेत्र में यूपी आगे है। उज्ज्वला, सौभाग्य, पीएम किसान जैसी जीवन की सुगमता यानी ईज ऑफ़ लिविंग से जुड़ीं केंद्र सरकार की 44 योजनाओं में हमारा प्रदेश पहले नंबर पर है। आईपीएल में यूपी की टीम बनने पर खुशी जताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज संभावनाओं से परिपूर्ण नए यूपी की ओर हर कोई बड़ी उत्सुकता से देख रहा है।

सरकारी कोचिंग पाकर मिली सफलता, मिला योगी मंत्र:
मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित कार्यक्रम में कुल 33 जिला समाज कल्याण अधिकारियों और 07 जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को नियुक्ति पत्र मिला। इस मौके पर समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित आदर्श कोचिंग सेंटर लखनऊ की छात्रा रहीं प्रियंका, भागीदारी भवन, लखनऊ के विद्यार्थी अनुज कुमार और निजामपुर हापुड़ से सरकारी कोचिंग पाने वाली शालिनी रंजन ने मुख्यमंत्री से अपने मन की बात कही। यूपीपीसीएस में सफलता से उत्साहित इन युवाओं ने कहा कि यह समाज कल्याण विभाग की कोचिंग से शिक्षा पाकर इसी विभाग में नौकरी पाना जीवन का सुखद संयोग है। वहीं मुख्यमंत्री ने समाज कल्याण और अल्पसंख्यक कल्याण विभागों को अंत्योदय के संकल्प पूर्ति के सबसे बड़े सहायक बताते हुए नवचयनित युवाओं को शुभकामनाएं दीं। योगी ने कहा कि निराश्रित पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन, पूर्व दशम और दशमोत्तर छात्रवृत्ति, सामूहिक विवाह, शादी अनुदान जैसी अनेक ऐसी योजनाएं हैं जो समाज के कमजोर वर्ग को सम्बल देती हैं। इन सबका संचालन यही विभाग करते हैं। फील्ड में तैनाती के बाद यह योजनाएं सही व्यक्ति-वर्ग को लाभान्वित कर सकें, यह नवचयनित अधिकारियों की कर्मठता और कर्तव्यपरायणता पर निर्भर करेगी। सीएम ने युवाओं को ईमानदार व्यवस्था के माध्यम से चयन पाने पर बधाई दी तो जीवन भर ईमानदारी का भाव बनाए रखने की अपेक्षा भी जताई। कार्यक्रम में समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नंद गोपाल ‘नंदी’ ने भी नवचयनित अधिकारियों से संवाद किया।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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