प्रादेशिक
कोविड से बचाव के लिए टीका-कवर अति उपयोगी हैः सीएम योगी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने आज लोक भवन, लखनऊ में कोविड-19 के सम्बन्ध में गठित समितियों के अध्यक्षों के साथ बैठक की। मीटिंग में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को प्रदेश में बाढ़, अतिवृष्टि की स्थिति पर सतत नजर रखने के निर्देश दिए हैं।
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि प्रदेश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर पर प्रभावी नियंत्रण है। आज जनपद अलीगढ़, अमेठी, बदायूं, एटा, फिरोजाबाद, हाथरस, महोबा, पीलीभीत, प्रतापगढ़ और सीतापुर में कोविड का एक भी मरीज शेष नहीं है।
यह जनपद आज कोविड संक्रमण से मुक्त हैं। प्रदेश में औसतन प्रतिदिन ढाई लाख से अधिक टेस्ट हो रहे हैं। विगत 24 घंटों में हुई टेस्टिंग में 53 जिलों में संक्रमण का एक भी नया केस नहीं पाया गया, जबकि 22 जनपदों में इकाई अंक में मरीज पाए गए। वर्तमान में प्रदेश में एक्टिव कोविड केस की संख्या 619 है।
मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि ट्रेसिंग, टेस्टिंग व त्वरित ट्रीटमेंट की रणनीति के अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। अब तक 06 करोड़ 69 लाख 67 हजार 783 कोविड सैम्पल की जांच की जा चुकी है। बीते 24 घंटे में 02 लाख 50 हजार 39 कोविड सैम्पल की जांच की गई और 41 नए मरीजों की पुष्टि हुई है।
बैठक में सीएम योगी ने कहा कि कोविड से बचाव के लिए टीका-कवर अति उपयोगी है। 04 करोड़ 46 लाख से अधिक लोगों ने वैक्सीन की एक डोज प्राप्त कर ली है। सेकेंड डोज के लिए विशेष ध्यान दिया जाए, जिन लोगों को दूसरी डोज लगाई जानी है, उनसे संवाद कर यथाशीघ्र टीका-कवर दिया जाए। बाढ़/अतिवृष्टि की स्थिति पर सतत नजर रखी जाए। प्रभावित जनपदों की स्थिति के आकलन के लिए महेंद्र सिंह द्वारा आज ही प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया जाए।
सीएम योगी ने कहा कि नदियों के जलस्तर की सतत मॉनिटरिंग की जाए इटावा, औरैया सहित सभी प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ, SDRF तथा आपदा प्रबंधन टीमों को हर समय एक्टिव मोड में रखें। बाढ़/अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में देर न हो। प्रभावित परिवारों को हर जरूरी मदद तत्काल उपलब्ध कराई जाए।
उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण मृतकों के आश्रित सम्बन्धी देय प्रकरणों को प्रत्येक दशा में अधिकतम एक सप्ताह के अंदर निस्तारित किया जाए। मृतक आश्रित को नौकरी दी जानी हो अथवा आर्थिक सहायता अनुमन्य हो, एक सप्ताह में इन पर निर्णय ले लिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता से हितों को प्रभावित करने वाले मामलों, लोगों की शिकायतों के निस्तारण आदि बिंदुओं पर विस्तृत समीक्षा करते हुए एक सप्ताह के अंदर मुख्यमंत्री कार्यालय को रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए।
सीएम योगी ने कहा कि अपर मुख्य सचिव गृह एवं पुलिस महानिदेशक स्तर पर सभी सर्किल और थानों के तथा राजस्व विभाग द्वारा सभी तहसीलों की कार्यशैली की समीक्षा की जाए। केंद्र व प्रदेश सरकार के समन्वित प्रयासों से अब तक 552 में से 282 ऑक्सीजन प्लांट क्रियाशील हो चुके हैं। 15 अगस्त तक सभी प्लांट की स्थापना की कार्यवाही सम्पन्न कर ली जाए। टेक्निशियन का यथोचित प्रशिक्षण शीघ्र पूरा कराया जाए।
उत्तर प्रदेश
संकट में होती है व्यक्ति और संस्थान की पहचान, कोई बिखर तो कोई निखर जाता है: सीएम योगी
लखनऊ | संकट में हर व्यक्ति और संस्थान की पहचान होती है। जब अचानक कोई चुनौती आती है तो लोग बड़े-बड़े दावे करके मैदान छोड़ भाग जाते हैं। यह वह समय होता है, जब कोई बिखर जाता है और जो चुनौतियों का सामना करता है वो निखर जाता है। हमें बिखरना नहीं है। केजीएमयू के गौरव को बढ़ाना है। ध्यान रहे कि कोई भी मरीज निराश न जाए। सीएम ने कहा कि संस्थान नई-नई सेवाओं के साथ आगे बढ़ रहा है। वर्ष 1905 में जब मेडिकल कॉलेज खुलने की बात आई होगी तो उस समय रियासतों ने सहयोग किया होगा। 10 लाख 75 हजार 800 रुपये से मेडिकल कॉलेज शुरू हो गया। वहीं संस्थान आज अपनी शानदार यात्रा के साथ देश के सबसे बड़े मेडिकल संस्थान के रूप में अग्रणी चिकित्सा संस्थान के रूप में लगातार आगे बढ़ रहा है। आज केजीएमयू का दायरा लगभग 100 एकड़ के क्षेत्रफल में होने जा रहा है। यह शानदार सफर ऐसे ही आगे बढ़ता रहेगा।
यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहीं। उन्होंने शनिवार को केजीएमयू के 120वें स्थापना दिवस समारोह में 67 मेधावी छात्रों को मेडल और सर्टिफिकेट प्रदान कर सम्मानित किया।
संस्थान को अगले 100 वर्ष का गोल सेट करके आगे बढ़ना होगा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शासन ने संस्थान को सब कुछ दिया है। हमारे पास पैसों की कमी नहीं है। हमें सेवाओं को बेहतर बनाने के बारे में सोचना चाहिये। संस्थान को अगले 100 वर्ष का गोल सेट करके आगे बढ़ना होगा, ताकि संस्थान के गौरव को और आगे बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान केजीएमयू में मिसाल पेश की है। सीएम ने कहा कि एक मेडिकल कॉलेज के कुछ डॉक्टरों ने खुद को क्वारंटीन कर लिया था, लेकिन जांच में वह निगेटिव मिले। इस पर उन्हें निलंबित कर दिया गया जबकि केजीएमयू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरुप पूरी तत्परता से काम किया। परिणाम हम सभी के सामने हैं। उन्होंने कहा कि यहां मेडिकल की सबसे अधिक सीटें हैं, जहां पर छात्र पढ़ाई करके आने वाले समय में चिकित्सा संस्थान की उपलब्धियों को और भी आगे लेकर जाएंगे। सरकार ने भी संस्थान को आगे बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक मशीनों और लैब के लिए 300 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की है। इसके अलावा 377 करोड़ रुपये से सर्जरी डिपार्टमेंट की एक नई बिल्डिंग के लिए स्वीकृत की है। वहीं फायर सिक्योरिटी के लिए लगभग 46 करोड़, लारी कॉर्डियोलॉजी के विस्तार के लिए 70 करोड़ रुपये दिये हैं।
बीमारी चली जाती है, लेकिन व्यवहार याद रहता है, इसका ध्यान रखें डॉक्टर्स और स्टाफ
सीएम योगी ने संस्थान के चिकित्सकाें को मरीजों की स्क्रीनिंग, वर्चुअल आईसीयू, टेलीमेडिसिन की सुविधा शुरू करने पर विचार करने की अपील की। उन्होंने कहा कि उपचार के लिए पैसों की कोई कमी नहीं है, इलाज में पैसा समस्या नहीं है। दिनचर्या से आज मरीजों की भीड़ बढ़ रही है। दूसरी बीमारी स्मार्ट फोन बन गई है। इसके लिए मानसिक रोग विभाग का विस्तार किया जाना चाहिये। साथ ही इसे रोकने के लिए जागरुकता फैलानी होगी। सीएम ने कार्डियक सर्जरी, किडनी- आर्गन ट्रांसप्लांट के साथ डोनेशन पर तेजी के साथ विस्तार करने की अपील की। बोले-इसके बारे में लोगों के मन में एक चेतन को जागृत करने की आवश्यकता है। उन्हे बताने की आवश्यकता है कि कोई व्यक्ति अगर ब्रेन डेड हो गया है और उसके अंग अगर किसी दूसरे व्यक्ति की जान को बचा सकते हैं तो डोनेट करने में क्या बुराई है। इसे लेकर केजीएमयू को अवेयरनेस कैंप, विभिन्न कार्यक्रम, होर्डिंग और पंफलेट आदि के जरिये जागरुकता की ओर ध्यान देना चाहिये। सीएम ने कहा कि सेंटर फॉर एक्सीलेंस विभाग का पैसा खर्च नहीं हो पाता है। इस ओर ध्यान देना होगा। सीएम ने कहा कि डॉक्टरों के लिए सबसे बड़ी पूंजी उनकी संवेदना होती है। सबके निरोग होने की कल्पना के साथ डॉक्टर का व्यवहार ठीक होगा तो बाकी स्टाफ का काम और व्यवहार भी ठीक होगा। बीमारी चली जाती है, लेकिन व्यवहार याद रहता है। ऐसे में सेवा और शिक्षा दोनों फील्ड में यह मानक तय करने होंगे।
कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने सीएम योगी को स्मृति चिह्न भेंट किया। इस अवसर पर डिप्टी सीएम बृजेश पाठक, राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, निदेशक आईआईटी कानपुर प्राेफेसर मणिंद्र अग्रवाल, केजीएमयू की प्रतिकुलपति प्रो. अपजित कौर, डीन प्रो. अमिता जैन आदि की उपस्थिति रही।
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