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प्रादेशिक

सीएम योगी ने झांसी कलक्ट्रेट में इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर का किया निरीक्षण

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झांसी। उत्तरप्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने रविवार को झांसी कलक्ट्रेट में इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठ कर उन्हें अहम निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि झांसी जनपद में कोविड प्रबंधन के बेहतर परिणाम सामने आए हैं। पॉजिटिविटी दर घटी है, रिकवरी दर तेजी के साथ बढ़ी है। निगरानी समितियों ने बेहतर कार्य किया है। डोर-टु-डोर सर्वे करना, लक्षणयुक्त लोगों की पहचान कर RRT द्वारा टेस्ट कराने का कार्य किया गया है।

सीएम ने कहा कि पिछले 22 दिनों में 2.26 लाख से अधिक एक्टिस केस ठीक हुए हैं। प्रदेश में रिकवरी रेट इस समय 93 फीसदी से अधिक है। पॉजिटिविटी दर 02 फीसदी के आसपास है। देश में सर्वाधिक 4.67 करोड़ से अधिक टेस्ट उत्तर प्रदेश में किए गए हैं। प्रदेश में जब पॉजिटिविटी रेट अधिक था और रिकवरी रेट कम था, तब कुल एक्टिव केस की संख्या 3.10 लाख थी। आज प्रदेश में पॉजिटिव केस करीब 4,800 आए हैं। वहीं, कुल एक्टिव केस की संख्या घटकर 84,000 हो गई है:आज केन्द्र सरकार के सहयोग से यूपी सरकार के साथ तमाम संस्थाएं जुड़कर हर जनपद को ऑक्सीजन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का कार्य कर रही हैं।अकेले झांसी जनपद में 06 ऑक्सीजन प्लांट लग रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सेकंड वेव में संक्रमण तेज होने के कारण मेडिकल ऑक्सीजन मांग बढ़ी। हम केन्द्र सरकार के आभारी हैं, जिन्होंने ऑक्सीजन एक्सप्रेस उपलब्ध कराई, वायु सेना के विमान उपलब्ध कराए। प्रत्येक जनपद में ऑक्सीजन उपलब्ध कराने का कार्य किया गया। कोविड-19 की संभावित थर्ड वेव को लेकर अभी से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।हर मेडिकल कॉलेज एवं जिला अस्पताल में PICU के निर्माण की कार्यवाही प्रारंभ हो चुकी है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र के CHC पर भी फोकस किया जा रहा है।

सीएम ने कहा कि 01 जून से प्रदेश में कोविड वैक्सीनेशन अभियान को विस्तार दिया जा रहा है।अभी तक कमिश्नरी मुख्यालय और कुल 23 जनपदों में 18+ से 44 आयु वर्ग के लोगों का वैक्सीनेशन किया जा रहा है। 01 जून से सभी 75 जनपदों में वैक्सीनेशन का कार्य प्रारंभ होगा।

उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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