प्रादेशिक
सीएम योगी ने नवचयनित नायब तहसीलदारों को नियुक्ति-पत्र प्रदान किए
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के प्रति लोगों की धारणा बदली है। प्रदेश में सरकारी नौकरी में मेरिट के आधार पर योग्यता व क्षमता के अनुसार चयन किया जा रहा है। प्रदेश मेें चयन एवं पोस्टिंग की प्रक्रिया बिना सिफारिश के हो रही है। प्रदेश में 2017 से पूर्व की विसंगतियों को समाप्त करते हुए ईमानदार, स्वच्छ, पारदर्शी व्यवस्था से जोड़ने का कार्य हो रहा है। मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में सम्पन्न एक कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा-2019 के माध्यम से नायब तहसीलदार के पद पर चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति-पत्र प्रदान कर रहे थे। उन्होंने 15 नवचयनित नायब तहसीलदारों को नियुक्ति-पत्र प्रदान किए। कार्यक्रम में कुल 110 नायब तहसीलदारों को नियुक्ति-पत्र वितरित किए गए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उ0प्र0 लोक सेवा आयोग द्वारा 145 पदों हेतु नायब तहसीलदारों का चयन हुआ है। इनमें 110 चयनित अभ्यर्थियों की पुलिस वैरीफिकेशन आदि नियुक्ति सम्बन्धी औपचारिकताएं पूर्ण होने के पश्चात आज नियुक्ति पत्र प्रदान किया जा रहा है। शासन नवचयनित अभ्यर्थियों से अपेक्षा करता है कि वे ईमानदारी एवं पारदर्शिता के साथ अपने कार्य का निर्वहन करेंगे। प्रदेश के 24 करोड़ नागरिकों के जीवन में खुशहाली लाने में उनकी सकारात्मक भूमिका होगी। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि किसी भी लोक कल्याणकारी राज्य के सुशासन के लक्ष्य को प्राप्त करने में थाना व तहसील धुरी होते हैं। इन नवचयनित नायब तहसीलदारों की नियुक्ति से तहसील से सम्बन्धित मामलों के त्वरित निस्तारण में मदद मिलेगी। प्रदेश में विकास कार्याें एवं राजस्व से सम्बन्धित कार्याें के निस्तारण हेतु नायब तहसीलदार की कमी महसूस हो रही थी। प्रदेश सरकार ने इनकी नियुक्ति कर प्रदेश के विकास की गति को तीव्र करने का कार्य किया है। आज प्रदेश में 05 एक्सप्रेस-वे बन रहे हैं। नवचयनित नायब तहसीलदार की नियुक्ति से प्रदेश में विकास से जुड़े विभिन्न कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में गति मिलेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राजस्व सम्बन्धी लगभग 90 प्रतिशत विवाद छोटे-छोटे होते हैं। तहसील दिवस पर इन मामलों में भौतिक रूप से सर्वे एवं न्याय संगत कार्यवाही करके बड़े विवादों से बचा जा सकता है। इन सारी प्रक्रियाओं को आगे बढ़ाकर, सुशासन व विकास के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है, जिसमें नवचयनित नायब तहसीलदारों की बड़ी भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि नवचयनित नायब तहसीलदार पूरी ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा से कार्य करें, जनता के प्रति वह जितना संवेदनशील बन सकेंगे, उसका पुण्य उन्हें प्राप्त होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 के पूर्व योग्यता और प्रतिभा के बावजूद अभ्यर्थियों को चयन का अवसर नहीं मिल पाता था। वर्तमान सरकार के गठन के पश्चात पारदर्शी एवं भेदभाव रहित प्रक्रिया के माध्यम से योग्यता एवं आरक्षण के नियमों का पालन करते हुए आगे बढ़ने का अवसर प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विगत साढ़े चार वर्ष के दौरान वर्तमान सरकार ने साढ़े चार लाख नौजवानों को सफलतापूर्वक नियुक्ति पत्र प्रदान किए हैं। उनकी ऊर्जा व प्रतिभा का लाभ प्रदेश को मिल रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश देश में निवेश का सबसे आकर्षक गन्तव्य बनकर उभरा है। साथ ही, वर्तमान में प्रदेश ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस’ में दूसरे नम्बर पर है। वर्ष 2016 से पूर्व देश में इसका स्थान 15वां अथवा 16वां था। निवेश के इच्छुक देश और दुनिया के निवेशकों प्रदेश में निवेश करने को प्राथमिकता दी जाती है। उन्होंने कहा कि आजादी के समय उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्र की प्रति व्यक्ति के आय के बराबर थी, जो धीरे-धीरे कम होकर वर्ष 2017 तक देश की प्रति आय की तिहाई रह गयी। वर्तमान राज्य सरकार ने प्रति व्यक्ति आय को बढ़ाने में सफलता प्राप्त की है। विगत साढ़े चार वर्ष में प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय दोगुनी होने की ओर अग्रसर है। उन्हांेने कहा कि उत्तर प्रदेश देश की दूसरी अर्थव्यवस्था बनकर उभरा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जब सुरक्षा का वातावरण होता है, तब रोजगार व नौकरी की सम्भावना तेजी से आगे बढ़ती है।
राज्य सरकार द्वारा सरकारी व निजी क्षेत्रों में नौकरी की सम्भावनाओं को आगे बढ़ाया जा रहा है। इसका असर बाजार, प्रति व्यक्ति आय एवं विकास पर दिख रहा है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की 44 महत्वपूर्ण योजनाओें में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य में प्रधानमंत्री जी के सपनों व संकल्पों को आगे बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। चार वर्ष पूर्व, उत्तर प्रदेश देश की छठीं अर्थव्यवस्था थी, जो आज दूसरी अर्थव्यवस्था बन गयी है। उन्होंने कहा कि यह नया उत्तर प्रदेश है। वर्तमान राज्य सरकार का लक्ष्य है कि अगले 06 वर्ष में उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नम्बर एक अर्थव्यवस्था बनाया जाए। इसके लिए सरकार के साथ सभी को मिलकर कार्य करना होगा।
मुख्यमंत्री जी ने प्रसन्नता व्यक्त की कि राजस्व विभाग द्वारा विभिन्न प्रक्रियाओं का सरलीकरण किया गया है। राजस्व विभाग द्वारा रिकार्डाें की डिजिटलीकरण किया गया। वरासत दर्ज करने की प्रक्रिया को सरल बनाते हुए वरासत से सम्बन्धित 13 लाख मामलों का एक समय सीमा के अन्दर निस्तारण किया गया। उन्होंने कहा कि जब समय से काम नहीं होता है तो लोगों के मन में अविश्वास पैदा होता है। यह अविश्वास विवाद और भ्रष्टाचार को जन्म देता है। राजस्व से जुड़े मामलों के समयबद्ध निस्तारण से गांव व शहर के आधे से अधिक विवाद समाप्त हो जाएंगे।
मुख्यमंत्री जी ने प्रधानमंत्री जी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि गांवों में आबादी की भूमि से सम्बन्धित मामलों के निस्तारण करने के लिए घरौनी की व्यवस्था की गई है। ग्रामीण आबादी की मैपिंग ड्रोन से कराकर सम्बन्धित व्यक्ति का नाम राजस्व अभिलेख में दर्ज कराया जा रहा है। घरौनी से व्यक्ति अपनी भूमि पर बैंक से लोन आदि के माध्यम से कारोबार तथा आय को बढ़ा सकता है। उत्तर प्रदेश घरौनी के मामले में आज देश में नम्बर एक है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए राजस्व राज्यमंत्री श्री छत्रपाल सिंह गंगवार ने कहा कि नायब तहसीलदार राजस्व प्रशासन की रीढ़ होते हैं। यह जनता, कर्मचारियों एवं अधिकारियों के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी होती है।
नायब तहसीलदार के द्वारा भूमि सम्बन्धित विवाद, गरीब एवं भूमिहीन व्यक्तियों को भूमि का आवंटन, त्योहारों पर शांति व्यवस्था बनाये रखने से सम्बन्धित कार्य किये जाते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व व निर्देशन में प्रदेश के 31 वन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित कर विकास की मुख्यधारा में शामिल किया गया है। इससे वन ग्राम के निवासियों को सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है। कार्यक्रम को राजस्व परिषद के अध्यक्ष श्री मुकुल सिंघल ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एम0एस0एम0ई0 श्री नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव राजस्व श्री मनोज कुमार सिंह, राहत आयुक्त श्री रणवीर प्रसाद सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि
लखनऊ | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।
देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई
🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।
🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।
🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।
इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.
‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।
मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!
यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।
भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…
वनावरण
1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)
भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण
1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)
सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद
1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड
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