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प्रादेशिक

ग्रामीण क्षेत्रों में भी बड़ी संख्या में लोग करा रहे हैं वैक्सीनेशनः सीएम योगी

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अपने सरकारी आवास पर कोविड-19 के संबंध में गठित समितियों के अध्यक्षों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता, फॉगिंग, सैनिटाइजेशन के संबंध में जागरूकता बढ़ाने के निर्देश दिए। सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में अब तक 3.04 करोड़ से अधिक वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में भी बड़ी संख्या में लोग वैक्सीनेशन करा रहे हैं।

सीएम योगी ने कहा कि वर्तमान में कुल एक्टिव केस घटकर 3,046 रह गए हैं। 1,868 लोगों का इलाज होम आइसोलेशन में हो रहा है। प्रदेश में अब तक 5.73 करोड़ से अधिक कोविड टेस्ट संपन्न हो चुके हैं। बता दें कि देश में सबसे ज्यादा नमूनों की जांच करने वाला इकलौता राज्य यूपी है। यूपी में अब तक 5,73,48,462 नमूनों की जांच की जा चुकी है।

मुख्यमंत्री योगी को अवगत कराया गया कि बीते 24 घंटों में 2.63 लाख कोविड टेस्ट किए गए हैं। इसी अवधि में 190 नए केस सामने आए हैं और 261 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए हैं। दैनिक पॉजिटिविटी दर 0.1% से भी कम है, जबकि रिकवरी दर 98.5% है। इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि संचारी रोगों पर नियंत्रण के लिए 01 जुलाई से प्रदेशव्यापी अभियान शुरू हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता, फॉगिंग, सैनिटाइजेशन के संबंध में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है। अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए सभी जरूरी तैयारियां पूर्ण कर ली जाएं। उन्होंने कहा कि अध्ययन की यह रिपोर्ट ‘डेल्टा+’ वैरिएंट से बचाव के लिए प्रबंधन में सहायक होगी। कोरोना वायरस के गहन अध्ययन-परीक्षण के लिए प्रदेश में जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा को लगातार बढ़ाया जा रहा है। BHU, KGMU, CDRI, IGIB दिल्ली के सहयोग से जीनोम परीक्षण कराया जा रहा है।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में जल्द ही 11 नई RT-PCR टेस्ट प्रयोगशालाएं क्रियाशील हो जाएंगी। इसके साथ ही, प्रदेश के 45 जिलों में RT-PCR टेस्ट प्रयोगशालाएं हो जाएंगी। शेष 30 जनपदों में भी अगले 03-04 माह के भीतर ऐसी प्रयोगशालाएं स्थापित कराने की कार्यवाही की जाए। देश के 11 राज्यों में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ‘डेल्टा+’ से संक्रमित मरीज पाए जा रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार का वैरिएंट पहले की अपेक्षा अधिक खतरनाक है। विशेषज्ञों के परामर्श के अनुरूप बिना देर किए सभी जरूरी कदम उठायें जायें। कोविड की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए सभी जरूरी प्रयास यथाशीघ्र पूरे किए जाएं। मेडिकल कॉलेजों में अब PICU बेड्स की संख्या 5,900 से अधिक हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में भी PICU/NICU की स्थापना की कार्यवाही जारी है: कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण सबसे उत्तम सुरक्षा कवर है।

उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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