उत्तर प्रदेश
सीएम योगी का सख्त निर्देश- छूटने न पाए महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वाला
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को लोकभवन में उच्चस्तरीय बैठक में कोविड संक्रमण, लंपी वायरस से बचाव और महिला व बाल अपराधों की समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। महिला और बाल अपराधों पर सीएम योगी ने कहा महिला और बाल अपराधों के खिलाफ और तेज कार्रवाई की जरूरत है। ऐसे विषय संवेदनशील होते हैं, अतः प्राथमिकता के साथ निस्तारण कराया जाना जरूरी है।
सीएम ने कहा डीएम और पुलिस कप्तान महिला व बाल अपराध के लंबित मामलों की समीक्षा करें। अभियोजन प्रभावी हो, इसके लिए ठोस प्रयास करना होगा। एक भी अपराधी छूटना नहीं चाहिए। ट्रेस, टेस्ट और ट्रीटमेंट और टीकाकरण की रणनीति के सफल क्रियान्वयन से उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है। कोविड संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण के टीके की ‘अमृत डोज’ (बूस्टर/प्रिकॉशन डोज) दी जा रही है।
उन्होंने साप्ताहिक वृहद बूस्टर डोज अभियान का आयोजन सफल हो रहा है। पिछले रविवार 19 लाख से अधिक लोगों ने बूस्टर डोज का लाभ लिया। अब तक हमने 02 करोड़ से अधिक लोगों ने बूस्टर डोज लगवा लिया है। इसमें और तेजी की जरूरत है।
सीएम योगी ने कहा कोविड की दैनिक पॉजिटिविटी दर में गिरावट देखने को मिल रही है। एक सप्ताह पूर्व तक जो दैनिक पॉजिटिविटी दर 1.6% तक हो गई थी, विगत दिवस 0.8% दर्ज की गई। वर्तमान में कुल एक्टिव केस की संख्या 4463 है। इनमें 4101 लोग घर पर स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर रहे हैं। विगत 24 घंटों में 68 हजार से अधिक टेस्ट किए गए और 561 नए कोरोना मरीजों की पुष्टि हुई। इसी अवधि में 388 लोग उपचारित होकर कोरोना मुक्त भी हुए।
बरसात के इस मौसम में अनेक बीमारियों का प्रकोप बढ़ने की आशंका है। अस्पतालों में दैनिक ओपीडी के रिकार्ड बताते हैं कि वायरल/मौसमी बीमारियां बढ़ रही हैं। स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा तत्काल सभी सरकारी अस्पतालों, सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, मेडिकल कॉलेजों में दवाओं की उपलब्धता, डॉक्टरों की उपस्थिति, जांच उपकरणों की कार्यशीलता की जांच कर ली जाए। डॉक्टर समय से ओपीडी में बैठें। कहीं से भी कोई शिकायत मिले तो तत्काल संज्ञान लेते हुए कार्यवाही की जाए।
उन्होंने कहा हाल के दिनों में गोवंश पर लंपी वायरस का दुष्प्रभाव देखने को मिला है। इस संक्रमण के कारण कई राज्यों में व्यापक पशुधन हानि हुई है। प्रदेश में इसके प्रसार को रोकने के लिए हमें मिशन मोड में काम करना होगा। स्थिति सामान्य होने तक प्रदेश में पशुमेलों का आयोजन स्थगित रखा जाए। अंतरराज्यीय पशु परिवहन पर रोक लगाई जाए। पशुपालकों को संक्रमण के लक्षण और उपचार के बारे में पूरी जानकारी दी जाए। गोआश्रय स्थलों में अनावश्यक लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया जाए।
लंपी वायरस से सुरक्षा के लिए पशु टीकाकरण का विशेष अभियान चलाया जाना जरूरी है। टीके की उपलब्धता के लिए भारत सरकार से भी सहयोग प्राप्त होगा।
यह मक्खी और मच्छर से फैलने वाला वायरस है, ऐसे में ग्राम्य विकास, नगर विकास और पशुपालन विभाग परस्पर समन्वय से गांव व शहरों में विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जाए। संक्रमित पशु की मृत्यु की दशा में अंतिम क्रिया पूरे मेडिकल प्रोटोकॉल का साथ कराया जाए। किसी भी दशा में संक्रमण का प्रसार न हो।
उत्तर प्रदेश
लखनऊ में बाघ का आतंक, तमाम उपायों के बाद भी नहीं आ रहा हाथ, कई क्षेत्रों में डर का माहौल
लखनऊ। रहमानखेड़ा केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में बाघ ने एक और पड़वे (भैंस के बच्चे) का शिकार किया है। यह बाघ का 15वां शिकार है। बाघ ने वन विभाग को एक बार फिर चकमा देते हुए जंगल में उसी जगह शिकार किया जहां उसको फंसाने के लिए गड्ढा खोदा गया है। जंगल के जोन एक के बेल वाले ब्लॉक में वन विभाग ने 15 फीट गहरा गड्ढा खोद झाड़ियों से ढक दिया है ताकि बाघ शिकार करने का प्रयास करें तो गहरे गड्ढे में गिर जाए।
फिर उसे ट्रैंकुलाइज किया जा सके। यहीं एक पिंजरा भी लगाया गया है जिसमें पड़वे को बांधा गया था। हालांकि वन विभाग की सारी तरकीबें धरी रह गई हैं। मंगलवार भोर में बाघ ने पड़वा को अपना निवाला बनाया। न वो पिंजरे में फंसा न गड्ढे में गिरा। सुबह जानकारी पर जांच करने पहुंची टीम को पड़वे का क्षतविक्षत शव मिला। मौके से बाघ के पगचिह्न भी मिले।
विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ 24 घंटे के अंदर अपने शिकार का बचा हुआ मांस खाने के लिए दोबारा आ सकता है। वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश में मीठेनगर, उलरापुर और दुगौली के आसपास मौजूद जंगल में डायना और सुलोचना हथिनियों से कॉम्बिंग की लेकिन उसका पता नहीं लगा। शिकार की जानकारी पर अपर मुख्य वन संरक्षक रेणू सिंह ने टीम लीडर आकाशदीप बधावन व डीएफओ सितांशु पांडेय के साथ शिकार स्थल का जायजा लिया। यहां सक्रिय टीम को मृत पड़वे के पास निगरानी करने का निर्देश दिए।
तीन दर्जन से अधिक वाहनों की आवाजाही नो- गो- जोन में कर रही शोर गुल
वन विभाग ने रहमान खेड़ा में नो-गो जोन घोषित किया है। इसके बावजूद वन विभाग के ही 30 से ज्यादा वाहनों की हलचल यहां हर दिन रहती है। मंगलवार को दोपहर में अधिकारियों समेत वन विभाग टीम के करीब दो दर्जन चार पहिया वाहन कमांड ऑफिस के आस-पास खड़े थे। संस्थान के कर्मियों के वाहन व बसों की आवाजाही भी यहां रहती है। मचान व पिंजरों के पास भी वाहनों के साथ अधिकारी आ जा रहे हैं। इसी के चलते बाघ पकड़ में नहीं आ पा रहा है।
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