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प्रादेशिक

यूपीः सीएम योगी ने कोरोना वैक्सीनेशन महाअभियान का किया शुभारंभ

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को लखनऊ के के.डी. सिंह बाबू स्टेडियम में कोविड टीकाकरण के महाअभियान का शुभारंभ किया।

इस महाअभियान के तहत योगी सरकार ने जून में प्रदेश के 1 करोड़ लोगों को कोरोना का टीका लगाने का लक्ष्य तय किया है। बता दें कि उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में आज से 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के सभी लोगों के लिए प्रदेश सरकार की तरफ से नि:शुल्क कोरोना वैक्सीन लगवाई जाएगी। इसके लिए सरकार ने छह हजार वैक्सीनेशन सेंटर बनाए हैं।

इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ देश की लड़ाई एक निर्णायक स्थिति में आ चुकी है। आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में देश के प्रत्येक नागरिक को सुरक्षा कवच देने के लिए वैक्सीनेशन का कार्यक्रम युद्धस्तर पर चल रहा है।16 जनवरी से अब तक देश में 21 करोड़ से अधिक वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी हैं। यह कार्यक्रम और तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है।

सीएम योगी ने कहा कि 15 जून से स्ट्रीट वेंडर, दूध एवं सब्जी बेचने वाले या जिनका आमजन से सीधा संपर्क होता है, उनको स्पेशल बूथ के माध्यम से वैक्सीनेट करने की तैयारी की जा रही है। यह वैक्सीनेशन कार्यक्रम युद्धस्तर पर आगे बढ़ाया जाएगा।

 

उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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