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कोरोना से जंग जीतने के करीब पहुंचा भारत, एक्टिव केस बचे हैं इतने

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नई दिल्ली। लंबे समय से कोरोना वायरस से जंग लड़ रहा भारत अब इस महामारी को हराने के बहुत करीब पहुंच गया है। देश में बीते 24 घंटे में केवल 12,689 केस मिले और 137 मरीजों की जान गई।

वहीं, 13,320 लोगों ने इस बीमारी को मात दी। बीते दिन के ये आंकड़े केंद्र सरकार की ओर से जारी किए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक देश में अब एक्टिव केस की संख्या घटकर 1,76,498 हो गई है।

लगातार कम हो रहे एक्टिव केस इस ओर संकेत कर रहे हैं कि भारत जल्द कोरोना महामारी से जंग जीतने की ओर है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी किए गए ताजा आंकड़ो के मुताबिक देश में अब तक कुल 1,06,89,527 लोग संक्रमित हो चुके हैं, जबकि 1,03,59,305 लोग कोविड-19 से जंग जीत चुके हैं।

वहीं, 1,53,724 लोगों ने इस वायरस से जान गंवा दी है। गौरतलबै है कि देश में कोरोना वायरस पर फतह हासिल करने के लिए दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान 16 जनवरी से शुरू हो चुका है। मंत्रालय के मुताबिक अब तक 20,29,480 को अब तक कोरोना का टीका लग चुका है।

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शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।

ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।

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