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कोरोना वायरस की स्पीड हुई तेज, 24 घंटे में मौत का आंकड़ा भी बढ़ा

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नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस की रफ्तार लगातार तेज हो रही है। भारत में बीते दिन 72 हजार से अधिक कोरोना के मामले सामने आए। यह इस साल का सबसे बड़ा आंकड़ा है। तेजी से फैल रहे संक्रमण के बाद अब देश में रोजाना हो रही मौतों का आंकड़ा भी बढ़ने लगा है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार बीते 24 घंटे में कोरोना के 72,330 नए केस सामने आए हैं। वहीं इस अवधि में 459 लोगों की जान गई है। मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी हुए आंकड़ों के बाद एक बार फिर देश में कोरोना को लेकर लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं। जारी हुए ताजा के मुताबिक देश में अब कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 1,22,21,665 हो गई है। कोविड से मरने वालों की संख्या 1,62,927 हो गई।

गौरतलब है कि देश में इस समय टीकाकरण का अभियान तेजी से चल रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश भर में अभी 6,51,17,896 लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है।

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शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।

ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।

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