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प्रादेशिक

कोरोना का कहरः दिल्ली के बाद अब पंजाब में 30 अप्रैल तक लगा नाइट कर्फ्यू

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नई दिल्ली। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते अब पंजाब सरकार ने राज्य में नाइट कर्फ्यू लगाने का फैसला किया है। ये नाइट कर्फ्यू सभी जिलों में 30 अप्रैल तक लागू रहेगा।

राज्य सरकार की ओर से जारी किए गए नए आदेश के मुताबिक रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक लोगों के घरों से निकले की पाबंदी रहेगी। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में हुई समीक्षा बैठक में ये फैसला लिया गया।

नए आदेश में राजनीतिक आयोजनों पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। इसके अलावा किसी आउटडोर इवेंट में अधिकतम 100 लोग और इंडोर आयोजन में 50 लोग ही शामिल हो सकेंगे। पंजाब में बढ़ते कोरोना के केसों को लेकर केंद्र सरकार ने भी चिंता जताई है और कहा है कि राज्य में मिलने वाले 80 फीसदी केस यूके वैरिएंट के हैं, जो पहले से ज्यादा खतरनाक है और युवाओं को भी चपेट में ले रहा है।

उत्तर भारत में पंजाब लगातार चिंता की वजह बना हुआ है। कहा जा रहा है कि प्रदेश में विदेशों से आने वाले लोगों की संख्या अधिक है और इसके चलते भी कोरोना का संक्रमण पैर पसार रहा है।

उत्तर प्रदेश

लखनऊ में बाघ का आतंक, तमाम उपायों के बाद भी नहीं आ रहा हाथ, कई क्षेत्रों में डर का माहौल

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लखनऊ। रहमानखेड़ा केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में बाघ ने एक और पड़वे (भैंस के बच्चे) का शिकार किया है। यह बाघ का 15वां शिकार है। बाघ ने वन विभाग को एक बार फिर चकमा देते हुए जंगल में उसी जगह शिकार किया जहां उसको फंसाने के लिए गड्ढा खोदा गया है। जंगल के जोन एक के बेल वाले ब्लॉक में वन विभाग ने 15 फीट गहरा गड्ढा खोद झाड़ियों से ढक दिया है ताकि बाघ शिकार करने का प्रयास करें तो गहरे गड्ढे में गिर जाए।

फिर उसे ट्रैंकुलाइज किया जा सके। यहीं एक पिंजरा भी लगाया गया है जिसमें पड़वे को बांधा गया था। हालांकि वन विभाग की सारी तरकीबें धरी रह गई हैं। मंगलवार भोर में बाघ ने पड़वा को अपना निवाला बनाया। न वो पिंजरे में फंसा न गड्ढे में गिरा। सुबह जानकारी पर जांच करने पहुंची टीम को पड़वे का क्षतविक्षत शव मिला। मौके से बाघ के पगचिह्न भी मिले।

विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ 24 घंटे के अंदर अपने शिकार का बचा हुआ मांस खाने के लिए दोबारा आ सकता है। वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश में मीठेनगर, उलरापुर और दुगौली के आसपास मौजूद जंगल में डायना और सुलोचना हथिनियों से कॉम्बिंग की लेकिन उसका पता नहीं लगा। शिकार की जानकारी पर अपर मुख्य वन संरक्षक रेणू सिंह ने टीम लीडर आकाशदीप बधावन व डीएफओ सितांशु पांडेय के साथ शिकार स्थल का जायजा लिया। यहां सक्रिय टीम को मृत पड़वे के पास निगरानी करने का निर्देश दिए।

तीन दर्जन से अधिक वाहनों की आवाजाही नो- गो- जोन में कर रही शोर गुल

वन विभाग ने रहमान खेड़ा में नो-गो जोन घोषित किया है। इसके बावजूद वन विभाग के ही 30 से ज्यादा वाहनों की हलचल यहां हर दिन रहती है। मंगलवार को दोपहर में अधिकारियों समेत वन विभाग टीम के करीब दो दर्जन चार पहिया वाहन कमांड ऑफिस के आस-पास खड़े थे। संस्थान के कर्मियों के वाहन व बसों की आवाजाही भी यहां रहती है। मचान व पिंजरों के पास भी वाहनों के साथ अधिकारी आ जा रहे हैं। इसी के चलते बाघ पकड़ में नहीं आ पा रहा है।

 

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