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प्रादेशिक

कोरोना से जंग में जीत के करीब पहुंचा यूपी, प्रदेश में बचे हैं केवल 85 एक्टिव केस

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लखनऊ। 24 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में कोरोना के मात्र 85 एक्टिव केस ही शेष बचे हैं, जबकि 16,87,085 लोग संक्रमण से ठीक हो चुके हैं। ताजा स्थिति के मुताबिक 44 जिलों में कोविड का भी मरीज नहीं है, तो 18 जिलों में 01-01 मरीज ही शेष हैं।

बीते 24 घंटों में 01 लाख 78 हजार 229 नमूनों की जांच हुई जहां, केवल लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर और आजमगढ़ में 01-01 नए संक्रमित पाए गए और 23 मरीज कोरोना मुक्त भी हुए। देश के दूसरे राज्यों की तुलना में यूपी की बेहतर स्थिति पर संतोष जताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने त्योहारों के दृष्टिगत भीड़भाड़ को लेकर सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं।

शुक्रवार को उच्चस्तरीय टीम-09 के साथ समीक्षा करते हुए सीएम ने कहा कि इसी प्रदेश में बीते 30 अप्रैल को 3,10,786 कोरोना मरीज थे, लेकिन लगातार कोशिशों से आज यह संख्या महज 85 बची है। यह ट्रेस, टेस्ट और ट्रीटमेंट के साथ-साथ तेज टीकाकरण की नीति के सही क्रियान्वयन का नतीजा है। सीएम ने टीकाकरण को और तेज करने के निर्देश भी दिए हैं।

अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य, अमित मोहन प्रसाद ने मुख्यमंत्री को बताया कि प्रदेश की कोविड रिकवरी दर 98.7 फीसदी है तो पॉजिटिविटी दर 0.01 फीसदी से भी कम हो चली है। उन्होंने बताया कि कोविड टेस्ट और टीकाकरण की देशव्यापी स्थिति में यूपी पहले पायदान पर बना हुआ है।

यहां अब तक 12 करोड़ 32 लाख से अधिक वैक्सीन डोज लगाए जा चुके हैं। 09 करोड़ 48 लाख से अधिक लोगों ने टीके की पहली डोज प्राप्त कर ली है। यह टीकाकरण के लिए पात्र प्रदेश की कुल आबादी के 64.35 फीसदी से ज्यादा है। 02 करोड़ 83 लाख से अधिक लोगों ने टीके की दोनों डोज ले ली है।

महाराष्ट्र-केरल में जारी है कोरोना का कहर:

दूसरे राज्यों के हालात पर नजर डालें तो महाराष्ट्र, केरल और तमिलनाडु में कोरोना का कहर अब भी जारी है। केरल में 82 हजार एक्टिव केस हैं तो महाराष्ट्र में 25 हजार और तमिलनाडु में 13700 से अधिक कोरोना संक्रमित उपचाराधीन हैं। केरल में टेस्ट पॉजिटिविटी दर आज भी 10.3% है तो महाराष्ट्र में 2.1% और तमिलनाडु और कर्नाटक में 1.3% है।

इन जिलों में एक भी कोरोना मरीज नहीं:

जनपद अलीगढ़, अमरोहा, औरैया, बदायूं, बागपत, बलिया, बलरामपुर, बाराबंकी, बस्ती, बहराइच, बिजनौर, चित्रकूट, देवरिया, एटा, इटावा, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, फिरोजाबाद, गोंडा, हमीरपुर, हरदोई, हाथरस, झांसी, कानपुर नगर, कानपुर देहात, कासगंज, कौशाम्बी, कुशीनगर, लखीमपुर-खीरी, ललितपुर, महराजगंज, महोबा, मैनपुरी, मीरजापुर, मुरादाबाद, प्रतापगढ़, रायबरेली, सीतापुर, रामपुर, संतकबीरनगर, शामली, श्रावस्ती, सोनभद्र और उन्नाव में कोविड का एक भी मरीज शेष नहीं है। यह जनपद आज कोविड संक्रमण से मुक्त हैं।

उत्तर प्रदेश

लखनऊ में बाघ का आतंक : वन विभाग ने पकड़ने के लिए किए तरह – तरह के उपाय, नहीं आ रहा है हाथ

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लखनऊ। रहमानखेड़ा केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में बाघ ने एक और पड़वे (भैंस के बच्चे) का शिकार किया है। यह बाघ का 15वां शिकार है। बाघ ने वन विभाग को एक बार फिर चकमा देते हुए जंगल में उसी जगह शिकार किया जहां उसको फंसाने के लिए गड्ढा खोदा गया है। जंगल के जोन एक के बेल वाले ब्लॉक में वन विभाग ने 15 फीट गहरा गड्ढा खोद झाड़ियों से ढक दिया है ताकि बाघ शिकार करने का प्रयास करें तो गहरे गड्ढे में गिर जाए।

फिर उसे ट्रैंकुलाइज किया जा सके। यहीं एक पिंजरा भी लगाया गया है जिसमें पड़वे को बांधा गया था। हालांकि वन विभाग की सारी तरकीबें धरी रह गई हैं। मंगलवार भोर में बाघ ने पड़वा को अपना निवाला बनाया। न वो पिंजरे में फंसा न गड्ढे में गिरा। सुबह जानकारी पर जांच करने पहुंची टीम को पड़वे का क्षतविक्षत शव मिला। मौके से बाघ के पगचिह्न भी मिले।

विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ 24 घंटे के अंदर अपने शिकार का बचा हुआ मांस खाने के लिए दोबारा आ सकता है। वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश में मीठेनगर, उलरापुर और दुगौली के आसपास मौजूद जंगल में डायना और सुलोचना हथिनियों से कॉम्बिंग की लेकिन उसका पता नहीं लगा। शिकार की जानकारी पर अपर मुख्य वन संरक्षक रेणू सिंह ने टीम लीडर आकाशदीप बधावन व डीएफओ सितांशु पांडेय के साथ शिकार स्थल का जायजा लिया। यहां सक्रिय टीम को मृत पड़वे के पास निगरानी करने का निर्देश दिए।

तीन दर्जन से अधिक वाहनों की आवाजाही नो- गो- जोन में कर रही शोर गुल

वन विभाग ने रहमान खेड़ा में नो-गो जोन घोषित किया है। इसके बावजूद वन विभाग के ही 30 से ज्यादा वाहनों की हलचल यहां हर दिन रहती है। मंगलवार को दोपहर में अधिकारियों समेत वन विभाग टीम के करीब दो दर्जन चार पहिया वाहन कमांड ऑफिस के आस-पास खड़े थे। संस्थान के कर्मियों के वाहन व बसों की आवाजाही भी यहां रहती है। मचान व पिंजरों के पास भी वाहनों के साथ अधिकारी आ जा रहे हैं। इसी के चलते बाघ पकड़ में नहीं आ पा रहा है।

 

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