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प्रादेशिक

कोविड टेस्टिंग और टीकाकरण में उत्तर प्रदेश पूरे देश में शीर्ष स्थान परः सीएम योगी

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अपने सरकारी आवास पर कोविड-19 के संबंध में गठित समितियों के अध्यक्षों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री योगी ने बैठक में अधिकारियों को कोविड महामारी की प्रभावी रोकथाम व टीकाकरण संबंधी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि 10 करोड़ 46 लाख लोगों ने टीके की पहली डोज प्राप्त कर ली है। इस प्रकार प्रदेश में अब तक 14 करोड़ 67 लाख से अधिक कोविड वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी हैं। कोविड टेस्टिंग और टीकाकरण में उत्तर प्रदेश पूरे देश में शीर्ष स्थान पर है।

मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि कोविड टीके की दोनों खुराक पाने वालों की संख्या सबसे अधिक उत्तर प्रदेश में है। यहां 04 करोड़ 13 लाख से अधिक लोगों को टीके की दोनों डोज देकर कोविड का सुरक्षा कवर प्रदान कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने निश्चित समयावधि के बावजूद दूसरी डोज नहीं लगवाई है उनकी पृथक सूची बनाई जाए।

दिव्यांग, अक्षम, निराश्रित, वृद्धजनों से संपर्क कर उनका टीकाकरण कराएं। सीएमओ स्तर से ग्राम प्रधानों, पार्षदों का सहयोग लिया जाए। कोविड टीकाकरण को और तेज करने के लिए ठोस प्रयास की जरूरत है। इस संबंध में घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया जाए। अब तक पहली डोज न लगवाने वालों की अलग सूची तैयार की जाए।

मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि कोविड से बचाव के लिए ट्रेसिंग, टेस्टिंग, ट्रीटमेंट और टीकाकरण की नीति के सही क्रियान्वयन से प्रदेश में महामारी पूरी तरह नियंत्रित है। बीते 24 घंटों में हुई 01 लाख 27 हजार 461 सैम्पल की जांच में कुल 07 संक्रमितों की पुष्टि हुई है।मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि जीका वायरस की टेस्ट पॉजिटिविटी दर में लगातार गिरावट दर्ज हो रही है।

वर्तमान में जीका वायरस प्रभावित कुल मरीजों की संख्या 43 है। 103 लोग उपचारित होकर स्वस्थ हो चुके हैं। लोगों के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हो रहा है।मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि प्रदेश में ऑक्सीजन प्लांट स्थापना अभियान स्वरूप की जा रही है। इस तरह अब तक विभिन्न जिलों में कुल 518 ऑक्सीजन प्लांट क्रियाशील किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री जी ने शेष प्लांट की स्थापना का कार्य यथाशीघ्र पूर्ण करने हेतु निर्देशित किया है।

IANS News

महाकुंभ मेला क्षेत्र के सभी सेक्टरों में नियुक्त किए गए सेक्टर मजिस्ट्रेट

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प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को लेकर प्रयागराज में तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है। सीएम योगी के दिव्य भव्य महाकुंभ की योजना के मुताबिक महाकुंभ नगरी ने संगम तट पर आकार लेना शुरू कर दिया है। महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं, कल्पवासियों और साधु-संन्यासियों के रहने और स्नान के लिए घाटों, अस्थाई सड़कों व टेंट सिटी का निर्माण शुरू हो गया है। प्रयागराज मेला प्रधिकरण ने योजना के मुताबिक पूरे मेला क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा हैं। सेक्टर और कार्य के मुताबिक सेक्टर मजिस्ट्रेटों की नियुक्ति कर दी गई है। सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट अपने – अपने सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था के लिए जिम्मेदार रहेंगे। महाकुंभ के दौरान सेक्टर मजिस्ट्रेट आम जनता और प्रशासन के बीच कड़ी का कार्य करेंगे।

विभागीय समन्वय का करेंगे कार्य

महाकुंभ 2025 में लगभग 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने और लगभग 1 लाख से अधिक लोगों के कल्पवास करने की संभावना है। इसके साथ ही हजारों की संख्या में साधु-संन्यासियों और मेला प्रशासन के लोग महाकुंभ के दौरान मेला क्षेत्र में रहेंगे। इन सबके रहने के लिए टेंट सिटी व स्नान के लिए घाटों और मार्गों का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। पूर्व योजना के मुताबिक प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने पूरे महाकुंभ क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा है। 4000 हेक्टेयर और 25 सेक्टरों में बंटा महाकुंभ मेला क्षेत्र इससे पहले के किसी भी महाकुंभ मेले से सबसे बड़ा क्षेत्र है। मेला प्राधिकरण ने प्रत्येक सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था और विभागीय समन्वय के लिए उप जिलाधिकारियों को सेक्टर मजिस्ट्रेट के तौर पर नियुक्ति किया है। ये सेक्टर मजिस्ट्रेट पूरे महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर, कार्य विभाग और विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे।

अधिकांश ने ग्रहण किया कार्यभार

प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने सेक्टर वाईज सेक्टर मजिस्ट्रेट की लिस्ट जारी कर दी है। इस सबंध में एसडीएम मेला अभिनव पाठक ने बताया कि अधिकांश सेक्टर मजिस्ट्रेटों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। शेष अपनी विभागीय जिम्मेदारियों से मुक्त होकर जल्द ही मेला क्षेत्र में अपना कार्यभार ग्रहण कर लेंगे। जो कि महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर की प्रशासन व्यवस्था व विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे। प्रत्येक सेक्टर में भूमि आवंटन की प्रगति और लोगों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण में ये सेक्टर मजिस्ट्रेट मददगार होंगे।

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