उत्तर प्रदेश
अतीक-अशरफ हत्याकांड का क्राइम सीन रिक्रिएट, गोलियां दागते ही दबोचे गए हमलावर
प्रयागराज। गत 15 अप्रैल को प्रयागराज के काल्विन अस्पताल के गेट पर माफिया अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ की हत्या का सीन आज गुरुवार को दोहराया गया। मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने पूरे सीन को फिर से तैयार किया, अतीक और हमलावरों के बीच की दूरी को फीते से नापा।
इसके बाद यह भी देखा कि पुलिस की प्रतिक्रिया में कितना समय लगा। इस दौरान अस्पताल के आस-पास पुलिस फोर्स को तैनात किया गया था। एसआइटी की टीम ने एक-एक सेकेंड का हिसाब-किताब नोट किया है।
न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) अरविंद कुमार त्रिपाठी की अध्यक्षता में गठित आयोग पूर्व डीजीपी सुबेश कुमार सिंह व पूर्व जज बृजेश कुमार सोनी जांच के सिलसिले में आज गुरुवार को प्रयागराज पहुंचे। जांच के दौरान आयोग पुलिसकर्मियों से भी पूछताछ करेगा। 2 महीने में इस केस की जांच पूरी कर रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी। काल्विन अस्पताल में बिना आईडी कार्ड के मीडियाकर्मियों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा था।
15 अप्रैल को हुई थी अतीक-अशरफ की हत्या
अतीक-अशरफ को उमेश पाल हत्याकांड मामले में पुलिस ने रिमांड पर लिया गया। हत्या वाले दिन दोनों पुलिस के साथ निशानदेही के लिए गए थे। वापसी में उनका मेडिकल काल्विन अस्पताल में हुआ था। वहां से निकलने के बाद मीडिया कर्मियों के वेश में आए अरुण मौर्य, लवलेश तिवारी और सनी ने मौका पाते ही अतीक-अशरफ को गोलियों से भून दिया था।
बता दें कि 24 फरवरी को प्रयागराज में विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह रहे उमेश पाल और उसके दो सरकारी गनर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
उत्तर प्रदेश
शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज
गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।
इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।
शुरू में उन्हें करनाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।
बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्पेक्टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्पेक्टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।
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