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प्रादेशिक

धक्का-मुक्की में सोफे पर गिरे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गुस्से में माला पहनने से किया इनकार

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पंजाब सहित अन्य पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। इसी क्रम में गुरुवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पंजाब के फरीदकोट में एक जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे। कार्यक्रम के दौरान मंच पर उन्हें माला पहनाया जाना था, लेकिन हार पहनाने की होड़ में लोग राजनाथ सिंह को ही भूल गए। मंच पर समर्थकों की भीड़ और धक्का-मुक्की के चलते राजनाथ सिंह सोफे पर गिर पड़े, जिसके बाद उन्होंने माला पहनने से ही इनकार कर दिया।

इस पूरे घटनाक्रम का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें देखा जा सकता है कि सोफे पर गिरने के बाद राजनाथ सिंह काफी भड़क गए और समर्थकों को मंच से जाने के लिए कहा। वहीं, हार पहनने से इनकार करने के बाद उनके सुरक्षाकर्मियों ने माला समेत लोगों को मंच से उतारने की कोशिश की। बीते कई दिनों से राजनाथ सिंह पंजाब में हैं और बीजेपी के लिए चुनावी रैलियों में भाग ले रहे हैं। वह मंगलवार को पहली बार फरीदकोट आए थे।

जैसे ही राजनाथ सिंह मंच पर पहुंचे, उनके समर्थक भी स्टेज पर आ गए। इस दौरान रक्षा मंत्री को सम्मानित करने के लिए कई फीट लंबा फूलों का हार बनवाया गया था। मंच पर जब लोग हार लेकर पहुंचे तो उनकी संख्या धीरे-धीरे बढ़ती गई। राजनाथ को उनके समर्थकों ने घेर लिया और खुद रक्षा मंत्री को ही खड़े होने की जगह नहीं मिली। वीडियो में देखा जा सकता है कि राजनाथ सिंह के पीछे सोफा रखा हुआ है, बड़ी मुश्किल से वो भीड़ के बीच खड़े हो पा रहे हैं। तभी अचानक वह धक्का लगने से सोफे पर गिर पड़े। अगर पीछे सोफा नहीं होता तो राजनाथ सिंह मंच से भी गिर सकते थे और गंभीर चोट भी आ सकती थी।

उत्तर प्रदेश

लखनऊ में बाघ का आतंक : वन विभाग ने पकड़ने के लिए किए तरह – तरह के उपाय, नहीं आ रहा है हाथ

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लखनऊ। रहमानखेड़ा केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में बाघ ने एक और पड़वे (भैंस के बच्चे) का शिकार किया है। यह बाघ का 15वां शिकार है। बाघ ने वन विभाग को एक बार फिर चकमा देते हुए जंगल में उसी जगह शिकार किया जहां उसको फंसाने के लिए गड्ढा खोदा गया है। जंगल के जोन एक के बेल वाले ब्लॉक में वन विभाग ने 15 फीट गहरा गड्ढा खोद झाड़ियों से ढक दिया है ताकि बाघ शिकार करने का प्रयास करें तो गहरे गड्ढे में गिर जाए।

फिर उसे ट्रैंकुलाइज किया जा सके। यहीं एक पिंजरा भी लगाया गया है जिसमें पड़वे को बांधा गया था। हालांकि वन विभाग की सारी तरकीबें धरी रह गई हैं। मंगलवार भोर में बाघ ने पड़वा को अपना निवाला बनाया। न वो पिंजरे में फंसा न गड्ढे में गिरा। सुबह जानकारी पर जांच करने पहुंची टीम को पड़वे का क्षतविक्षत शव मिला। मौके से बाघ के पगचिह्न भी मिले।

विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ 24 घंटे के अंदर अपने शिकार का बचा हुआ मांस खाने के लिए दोबारा आ सकता है। वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश में मीठेनगर, उलरापुर और दुगौली के आसपास मौजूद जंगल में डायना और सुलोचना हथिनियों से कॉम्बिंग की लेकिन उसका पता नहीं लगा। शिकार की जानकारी पर अपर मुख्य वन संरक्षक रेणू सिंह ने टीम लीडर आकाशदीप बधावन व डीएफओ सितांशु पांडेय के साथ शिकार स्थल का जायजा लिया। यहां सक्रिय टीम को मृत पड़वे के पास निगरानी करने का निर्देश दिए।

तीन दर्जन से अधिक वाहनों की आवाजाही नो- गो- जोन में कर रही शोर गुल

वन विभाग ने रहमान खेड़ा में नो-गो जोन घोषित किया है। इसके बावजूद वन विभाग के ही 30 से ज्यादा वाहनों की हलचल यहां हर दिन रहती है। मंगलवार को दोपहर में अधिकारियों समेत वन विभाग टीम के करीब दो दर्जन चार पहिया वाहन कमांड ऑफिस के आस-पास खड़े थे। संस्थान के कर्मियों के वाहन व बसों की आवाजाही भी यहां रहती है। मचान व पिंजरों के पास भी वाहनों के साथ अधिकारी आ जा रहे हैं। इसी के चलते बाघ पकड़ में नहीं आ पा रहा है।

 

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