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प्रादेशिक

अपनी बारी आने पर टीका अवश्य लगवायें व अन्य लोगों को भी प्रेरित करेंः केशव प्रसाद मौर्य

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि 01 मई से तीसरे चरण के लिए कोरोना वैक्सीनेशन अभियान को अपना महत्वपूर्ण योगदान देकर सफल बनाएं। तीसरे चरण के लिए कोविड वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन प्रारंभ हो गया है। 18 वर्ष से ऊपर सभी का टीकाकरण होगा। टीकाकरण हेतु रजिस्ट्रेशन के लिए cowin.gov.in पर विजिट करें।

उप मुख्यमंत्री ने कहा है कि सभी नागरिक अपनी बारी आने पर  टीका अवश्य लगवायें तथा अन्य  लोगों  को भी इसके लिए  प्रेरित करें। कोरोना के विरुद्ध सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलने वाला  है। इसके लिए व्यापक स्तर पर व्यवस्थाएं की जा रही हैं।

डिप्टी सीएम ने अपनी मार्मिक अपील मे कहा कि आम जनमानस के सहयोग एवं भागीदारी से ही कोरोना से जंग जीती जा सकेगी। उन्होंने कहा है कि सभी लोग टीका अवश्य लगाएं और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें।

उन्होने कहा है कि स्वच्छता, सैनिटाइजेशन एवं फागिंग नियमित रूप से सरकार के प्रयासों से कराई जा रही है ,इसमें भी जनता का सहयोग अपेक्षित है और जरूरी है सभी लोग स्वयं भी सफाई रखें, सैनिटाइजेशन व फागिग आदि करके जनता व समाज के हित के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान दें।

उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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