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Dhanteras 2024 : जानें धनतेरस पूजा का मुहूर्त, क्या खरीदना होगा शुभ

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नई दिल्ली। आज 29 अक्टूबर 2024 (मंगलवार) को धनयतेरस मनाया जाएगा जो भारतीय परंपरा में धन और समृद्धि का प्रतीक है. इस दिन लोग विशेष रूप से सोना और चांदी खरीदने के लिए उत्सुक रहते हैं क्योंकि इसे शुभ माना जाता है. धनतेरस पूजा का मुहूर्त शाम 7:00 बजे से 8:49 बजे तक रहेगा, जो लगभग एक घंटे 50 मिनट का है.

इस दौरान भक्त यम दीपम का आयोजन भी कर सकते हैं, जिसमें मृत्यु के देवता यमराज के लिए दीप जलाने की परंपरा है, ताकि सुरक्षा और आशीर्वाद प्राप्त हो सके. धनतेरस के अवसर पर लोग केवल सोना और चांदी ही नहीं, बल्कि तांबे, पीतल और चांदी के बर्तन भी खरीदते हैं. इन बर्तनों में घर में प्रवेश करने से पहले भोजन या पानी भरकर रखने की परंपरा है. इसके साथ ही, मिट्टी या धातु से बनी लक्ष्मी और गणेश की मूर्तियों की खरीदारी भी इस दिन शुभ मानी जाती है। सोने चांदी का सामान

धनतेरस पर धातु की वस्तुएं खरीदना काफी शुभ माना जाता है. इस दिन आप खासतौर पर चांदी के बर्तन, चांदी के आभूषण और चांदी के सिक्के खरीद सकते हैं. इस दिन आप सोने का सामान भी खरीद सकते हैं. इस दिन खरीदी गई वस्तुओं को दिवाली की पूजा के दौरान साथ में रखना चाहिए.

कुबेर यंत्र

धनतेरस पर कुबेर यंत्र और महालक्ष्मी यंत्र खरीदना भी काफी शुभ माना जाता है. कुबेर यंत्र खरीदने के बाद घर पर उसकी पूजा करने से परिवार पर धन के देवता कुबेर की कृपा बनी रहती है. वहीं, महालक्ष्मी यंत्र को पूजा के बाद दुकान या घर की तिजोरी में रख देना चाहिए.

झाड़ू

झाड़ू मां लक्ष्मी का प्रतीक कही जाती है. धनतेरस के दिन झाड़ू (Broom) खरीदना काफी शुभ माना जाता है क्योंकि झाड़ू को घर लाकर आप मां लक्ष्मी को आमंत्रित कर रहे हैं.

धनिए के बीज

धनिए के बीज मां लक्ष्मी के प्रतीक कहे गए हैं. मान्यता है कि धनिए के बीज धन को अपनी ओर खींचते हैं. धनतेरस के दिन धनिए के बीज खरीद कर घर लाने चाहिए. इन बीजों को दिवाली की पूजा के दौरान लक्ष्मी गणेश की मूर्तियों के पास रखना चाहिए. पूजा के बाद आप धनिए के बीजों को तिजोरी में भी रख सकते हैं.

 

 

 

उत्तर प्रदेश

संभल में 46 साल बाद खुले मंदिर के कुएं से निकली माता पार्वती की खंडित मूर्ति

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में बिजली चोरी के खिलाफ अभियान चला रहे प्रशासन को बीते दिनों करीब 46 साल से बंद पड़ा मंदिर मिला था। यह मंदिर उसी इलाके में है, जहां हिंसा हुई थी और लंबे समय से बंद था। इस हिंदू मंदिर में पहले महादेव की मूर्ति निकली।

उसके बाद मंदिर के प्रांगण में स्थित कुएं की खुदाई की गई। इसके बाद इस मंदिर से मां पार्वती की खंडित प्रतिमा बरामद की गई है। फिलहाल पुलिस ने इस प्रतिमा को अपने कब्जे में ले लिया है और जांच-पड़ताल शुरू कर दी है। हालातों को देखते हुए इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है।

बता दें कि संभल के नखासा थाना इलाके के मोहल्ला ख़ग्गू सराय में स्थित शिव मंदिर के कपाट खुलने के बाद खुद पुलिसकर्मियों ने मूर्तियों की सफाई की थी। इस दौरान हर-हर महादेव के जयकारों से पूरा आसमान गूंज उठा था। 46 साल बाद खुले मंदिर में पूजा शुरू कर दी गई है। आज भी बड़ी संख्या में भक्त जलाभिषेक करने पहुंचे थे।

ये शिव मंदिर सपा सांसद ज़ियाउर्रहमान बर्क के घर से कुछ ही दूरी पर स्थित है। इस शिव मंदिर पर प्राचीन महादेव मंदिर लिख दिया गया है और मंदिर परिसर में मिले कुएं की खुदाई भी की जा रही है।

बताया जा रहा है कि प्रशासन अब इस मंदिर की कार्बन डेटिंग कराएगा. इसके लिए जिला प्रशासन ने भस्म शंकर मंदिर, शिवलिंग और वहां मिले कुएं की कार्बन डेटिंग कराने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को एक पत्र लिखा है. इस जांच के जरिए प्रशासन इस बात की जानकारी प्राप्त करेगा कि ये मंदिर और इसकी मूर्ति कितनी पुरानी हैं.

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