बिजनेस
अमेरिकी बैंक गोल्डमैन सैश पर ECB ने लगाया $ 7.2 मिलियन का जुर्माना, जानें वजह
वाशिंगटन। यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ECB) की ओर से अमेरिका के बड़े बैंकों में एक गोल्डमैन सैश पर 6.63 मिलियन यूरो (7.2 मिलियन डॉलर) का जुर्माना लगाया गया है। ये बैंक की यूरोपीय शाखा पर कैपिटल की जरूरतों को गलत तरीके से बताने को लेकर है। ईसीबी की ओर से ये जुर्माना ऐसे समय पर लगाया गया है। जब अमेरिका में ब्याज दर बढ़ने के कारण तीन बैंक डूब चुके हैं।
ईसीबी द्वारा बताया गया कि उन्होंने पाया है कि गोल्डमैन सैश बैंक यूरोप ने 2019, 2020, 2021 के दौरान क्रेडिट रिस्क रिपोर्टिंग रूल्स को तोड़ा है। बैंक की ओर से लगातार आठ तिमाही क्रेडिट रिस्क के मुकाबले कम वैटेज वाली एसेट्स को रिपोर्ट किया गया।
कॉरपोरेट एक्सपोजर को गलत वर्ग में दिखाया
आगे बयान में बताया गया कि गोल्डमैन सैश ने कॉरपोरेट एक्सपोजर का गलत प्रारूप में वर्गीकरण किया था। इन कारणों की वजह से बैंक भविष्य में समय पर किसी गलत को नहीं पकड़ पाएगा।
बता दें, कैपिटल रेश्यो एक बहुत महत्वपूर्व सूचकांक होता है जो कि बैंक की मजबूती और नुकसान झेलने की क्षमता को दिखाता है। इससे पहले जुलाई 2017 में ईसीबी ईटली के बैंक Banca Popolare di Vicenza पर 8.7 मिलियन यूरो का जुर्माना वार्षिक और तिमाही रिपोर्ट में सही जानकारी नहीं देने को लेकर लगा चुका है।
अमेरिका में डूब रहे हैं बैंक
बता दें, मार्च से लेकर अभी तक अमेरिका में सिलिकॉन वैली बैंक, सिग्नेचर बैंक और फर्स्ट रिपब्लिक बैंक डूब चुके हैं। इसके पीछे की वजह ब्याज दर को बढ़ना बताया जा रहा है। अमेरिका में बैंकिंग क्राइसिस का असर यूरोपीय बैंकों पर भी देखने को मिल रहा है। यूरोप में भी क्रेडिट सुईस लगभग डूब गया था, जिसका अधिग्रहण यूबीएस बैंक की ओर से किया गया था।
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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