उत्तर प्रदेश
उप्र: स्कालरशिप स्कैम को लेकर ED की छापेमारी, निशाने पर एजुकेशनल व मेडिकल इंस्टिट्यूट
लखनऊ। स्कालरशिप स्कैम को लेकर उप्र के कई जिलों में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम की छापेमारी की कार्रवाई आज सुबह से जारी है। यह छापेमारी हरदोई, बाराबंकी, लखनऊ, फर्रूखाबाद आदि जिलों में चल रही है। इस स्कालरशिप स्कैम में ED के निशाने पर कई एजुकेशनल व मेडिकल इंस्टिट्यूट भी हैं।
फर्रुखाबाद में चिकित्सक के घर व प्रतिष्ठानों पर छापा
फर्रुखाबाद के मोहल्ला जोगराज स्ट्रीट निवासी डा. ओमप्रकाश गुप्ता के घर, अल्ट्रासाउंड सेंटर पर लखनऊ से आई टीम ने आज तड़के छापा मारा। टीम के साथ आए पुलिस बल ने किसी के भी आने जाने पर रोक लगा दी है। जांच पड़ताल कर रहे अधिकारी ईडी के बताए जा रहे हैं।
एक टीम इटावा-बरेली हाईवे पर स्थित ओमप्रकाश गुप्ता के नर्सिंग कालेज पर भी एक टीम छानबीन कर रही है। डा.प्रभात गुप्ता के माडर्न अल्ट्रासाउंड सेंटर पर भी छापेमारी चल रही है। यहां केंद्रीय बल के जवानों को तैनात किया गया है।
हरदोई में फार्मेसी कालेज में ईडी ने मारा छापा
हरदोई में ईडी ने लखनऊ की सीमा के पास अतरौली क्षेत्र के जीविका कालेज आफ फार्मेसी, कुकरा में छापा मारा। यह छापा छात्रवृत्ति के मामले में प्रदेश के कुछ स्थानों पर चल रही कार्रवाई में शामिल है। यह कॉलेज गांव के ही रामगोपाल का है, उनकी मां ग्राम प्रधान भी हैं। टीम अभिलेखों की जांच कर रही है।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में डीजीपी की नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव पर समाजवादी पार्टी के मुखिया ने उठाया सवाल, जानें अब कैसे चुने जाएंगे डीजीपी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में डीजीपी की नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने सवाल उठाया है। अखिलेश यादव ने कहा कि यह जो नियम बना है उससे साबित हो रहा है कि लखनऊ और दिल्ली में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। कहीं ये दिल्ली के हाथ से लगाम अपने हाथ में लेने की कोशिश तो नहीं है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि सपा नेता ने कहा कि सरकार के इस फैसले से कई सीनियर आईपीएस अधिकारी निराश हैं।
क्या है पूरा मामला
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने डीजीपी पद पर तैनाती के लिए नई नियमावली बना दी है. इस प्रत्सव पर सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में मुहर भी लग गई. इसके लागू होते ही राज्य सरकार अपने स्तर से ही डीजीपी की तैनाती कर सकेगी. इससे पहले राज्य सरकार नामों का पैनल यूपीएससी को भेजती थी, जहां से मुहर लगती थी. हालांकि योगी सरकार के इस फैसले पर सियासत के साथ ही पुलिस महकमे में भी तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं.
क्या है नया नियम
नई नियमावली के तहत पे मैट्रिक्स 16 लेवल के सभी अधिकारी डीजीपी बनने के लिए अब क्वालीफाई कर सकेंगे, जिनकी छह महीने की नौकरी बची हो. आमतौर पर डीजी स्तर के सभी अधिकारी इस लेवल पर होते हैं. अभी तक यूपीएससी गाइडलाइंस के तहत डीजी स्तर के सभी अफसरों का नाम प्रदेश सरकार यूपीएससी को भेजती है, यूपीएससी इनमें से सीनियर मोस्ट तीन अफसरों के नाम प्रदेश सरकार को वापस भेजती थी. इनमें से ही किसी एक को ही विजिलेंस क्लियरेंस के बाद डीजीपी बनाना होता है. सितंबर 2006 में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को एक पुलिस एक्ट बनाने के लिए कहा था, जिससे डीजीपी के चयन की व्यवस्था को दबाव से मुक्त रखा जाए, लेकिन तब से अब तक चयन के लिए यूपी ने कोई अलग व्यवस्था नहीं की थी. अब यूपी में डीजीपी के चयन की अपनी नियमावली कैबिनेट से पास करके बना ली है.
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