Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

शिवसेना के नाम व चुनाव चिह्न के इस्तेमाल पर चुनाव आयोग ने लगाई रोक

Published

on

शिवसेना

Loading

नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुटों को अंधेरी पूर्व विधानसभा उपचुनाव में पार्टी के नाम और उसके चुनाव चिह्न का इस्तेमाल करने से रोक दिया है। मूल शिवसेना का चुनाव चिह्न धनुष बाण है, जिस पर दोनों गुट दावा कर रहे हैं।

आयोग ने एक अंतरिम आदेश में संगठन पर नियंत्रण के लिए दावा कर रहे दोनों प्रतिद्वंद्वी गुटों से अपने-अपने गुट के लिए सोमवार यानी 10 अक्टूबर तक तीन-तीन नामों के विकल्प और साथ ही नए चुनाव चिह्न का सुझाव देने के लिए कहा है।

प्रस्तुत विकल्पों में से आयोग दोनों गुटों को नाम और चिह्न आवंटित कर सकता है। अब सवाल यह है कि एकनाथ शिंदे और ठाकरे गुट कौन सा नया चिन्ह चुनेगा। शिंदे गुट की दशहरा रैली में स्टेज पर तलवार रखी गई थी। तलवार पूजा से ही रैली शुरू हुई थी।

शिवसेना विधायक ने सीएम शिंदे को 12 फुट की चांदी की तलवार भेंट भी की थी। अगर सांकेतिक रूप से यह मानें कि शिंदे गुट तलवार चिन्ह लेने की कोशिश करेगा तो जवाब यह है कि चुनाव आयोग की लिस्ट में जितने चुनाव चिन्ह हैं, उनमें तलवार नहीं है।

अब उद्धव ठाकरे गुट की बात करें तो उद्धव के करीबी मिलिंद नार्वेकर ने आज एक ट्वीट किया, जिसमें एक बाघ का फोटो डालकर कैप्शन में लिखा है- आमचं चिन्ह- श्री उद्धव बालासाहेब ठाकरे। यहां भी सवाल जस का तस बना हुआ है कि चुनाव आयोग जिन तीन चुनाव चिन्हों में से एक विकल्प को चुनने का विकल्प देगा, उस लिस्ट में बाघ का चुनाव चिन्ह भी नहीं है। ऐसे में सवाल उठता है कि दोनों पार्टियां कौन सा चुनाव चिन्ह लेना चाहेगी?

चुनाव आयोग के सामने फिर खड़ी होगी समस्या

पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह दोनों का ही इस्तेमाल अब न शिंदे गुट कर पाएगा और न ही ठाकरे गुट। इस पर आज शरद पवार ने कहा है कि जब कांग्रेस टूटी थी तो इंदिरा गांधी वाले गुट ने ‘कांग्रेस इंदिरा’ नाम को चुना था। इसी तरह ‘शिवसेना बालासाहेब ठाकरे’ नाम एक ऑप्शन हो सकता है।

यह भी पढ़ें

केजरीवाल को अपने घर ‘डिनर’ कराने वाला बोला- हम तो मोदी साहब के आशिक

नासिक में ट्रक की भिड़ंत के बाद बस बनी आग का गोला, 11 की मौत, 38 घायल

यहां भी पेंच यह है कि दोनों ही गुट यह नाम लेना चाह रहा है। ऐसे में चुनाव आयोग के सामने फिर एक जटिल सवाल खड़ा हो जाएगा। ऐसे में हो सकता है चुनाव आयोग ऐसे नामों का कोई सुझाव दे- शिवसेना ठाकरे, शिवसेना शिंदे लेकिन शिंदे गुट शिवसेना बालासाहेब ठाकरे नाम पर से अपना दावा हटाकर शिवसेना शिंदे नाम पर सहमत हो जाए, इसकी संभावना कम है। ऐसे में मुश्किलें अभी और भी भारी-भरकम हैं।

दोनों गुटों के नेताओं की बैठक

चुनाव आयोग के शिवसेना के सिंबल पर रोक लगाए जाने के बाद दोनों गुटों में हलचल पैदा हो गई है। इसके लेकर रविवार 9 अक्टूबर दोपहर उद्धव ठाकरे अपने नेताओं के साथ मातोश्री में बैठक करेंगे। वहीं एकनाथ शिंदे अपने गुट के मंत्री और सांसदों के साथ वर्षा बंगलो पर शाम 7 बजे बैठक करेंगे। बताया जा रहा है कि दोनों गुटों में आगे की रणनीति तैयार करने के साथ ही नए नाम और सिंबल को लेकर भी चर्चा की जाएगी।

क्या था पूरा विवाद

बता दें कि एकनाथ शिंदे ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन करने के लिए ठाकरे के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक दिया था। शिवसेना के 55 में से 40 से अधिक विधायकों ने शिंदे का समर्थन किया था, जिसके कारण ठाकरे को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

शिंदे ने ठाकरे गुट से अलग होने के बाद बागी विधायकों की मदद से बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली थी। इस सरकार में एकनाथ शिंदे को सीएम और देवेंद्र फडणवीस को डिप्टी सीएम बनाया गया था। महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के बाद भी राजनीतिक गतिरोध खत्म नहीं हुआ था। शिंदे गुट खुद को असली शिवसेना बताता है और पार्टी सिंबल धनुष-तीर पर अपना दावा कर रहा है।

नेशनल

जम्मू कश्मीर के बडगाम में गैर कश्मीरियों पर आतंकी हमला, दो मजदूरों को मारी गोली

Published

on

Loading

जम्मू। जम्मू कश्मीर के बडगाम जिले में आतंकियों ने गैर-कश्मीरी नागरिकों को निशाना बनाया है. घायल दो मजदूर उत्तर प्रदेश के रहने वाले बताए जा रहे हैं. पिछले 30 दिनों में घाटी में गैर-स्थानीय मजदूरों पर यह तीसरा हमला है.

घायल मजदूरों को आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मजदूरों को गोली मारी जाने की घटना के बाद पूरे बडगाम इलाके में हड़कंप मच गया. घटनास्थल पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात हैं.

सूत्रों ने बताया, जम्मू और कश्मीर (जेके) के बडगाम जिले में शुक्रवार शाम आतंकवादियों की गोलीबारी में दो गैर-स्थानीय लोग घायल हो गए. दोनों घायलों को तुरंत इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया. उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है. समय रहते इलाज कर डॉक्टरों ने घायल मजदूरों की जान बचाई. उनके प्रयासों की हर कोई सराहना कर रहा है. उन्होंने बताया कि यह घटना जिले के मगाम इलाके के पास माझामा गांव में हुई.

मिली सूचना के अनुसार, हमले के बाद सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी और हमलावरों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान शुरू कर दिया. हालांकि आतंकी अभी सुरक्षा बलों की गिरफ्त से बाहर हैं. सुरक्षा बल उनकी तलाश के लिए चप्पे-चप्पे में जुटे हुए हैं. बडगाम के हर इलाके में आतंकियों को लेकर अलर्ट जारी किया गया है.

Continue Reading

Trending