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सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक वीडियो और फोटो डालने की वजह से, मशहूर सिंगर नेहा कक्कड़ और उनके पति को मिली धमकी

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नई दिल्ली। मशहूर सिंगर नेहा कक्कड़ अक्सर चर्चा में रहती हैं. अब सिंगर एक बार फिर सुर्खियों में आ गई हैं. दरअसल, नेहा कक्कड़ और उनके रोहनप्रीत सिंह को धमकी मिली है. कपल को ये धमकी निहंग बुड्ढा दल से ताल्लुक रखने वाले निहंग मान सिंह की तरफ से दी गई. उन्होंने कपल को सोशल मीडिया पर ‘आपत्तिजनक कंटेंट’ के लिए चेतावनी दी है.

सोशल मीडिया पर मिली धमकी

सोशल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, निहंग मान सिंह ने अपने लाइव पर कहा कि जो लोग ऑनलाइन अश्लील कंटेंट पोस्ट करते हैं, उन्हें पहले प्यार से समझाया जाएगा कि ऐसा न करें. हालांकि, दूसरी बार ऐसा करने पर उन्हें ‘सबक सिखाया जाएगा’. निहंग मान सिंह ने कपल को धमकी देते हुए कहा कि नेहा कक्कड़ लोगों के सामने पति संग आपत्तिजनक हरकतें करती हैं, वो सब बंद कर दें, नहीं माने तो सबक सिखाएंगे. वो इसके लिए जेल भी जाएंगे, लेकिन समाज में किसी भी तरह की गंदगी नहीं होने देंगे.

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शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।

ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।

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