Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

किसानों ने दिल्ली की ओर कूच करने की कोशिश, जमकर हुआ बवाल

Published

on

Loading

नई दिल्ली। पिछले 8 महीनों से किसानों का प्रदर्शन शंभू बॉर्डर पर जारी था। इन किसानों ने दिल्ली की ओर कूच करने की कोशिश की, तो हरियाणा पुलिस की इनसे भिड़ंत हो गई। किसानों ने पुलिस द्वारा बनाया गया सुरक्षा घेरा तोड़ दिया। गुस्से में किसानों ने सारी बैरिकेडिंग तोड़कर टीन की छत पर चढ़ गए और उन्हें पीछे खदेड़ने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े।

दरअसल, किसानों और पुलिस के बीच हुए टकराव चलते शंभू बॉर्डर पर तनावपूर्ण स्थिति बन गई। पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। वहीं प्रशासन ने स्कूल बंद कर दिए और इंटरनेट की सर्विसेज भी ठप कर दी हैं, जिसके बाद किसान नेता पंढेर का बातचीत वाला बयान सामने आया।

केंद्र सरकार से बातचीत को तैयार किसान

शंभू बॉर्डर पर किसानों और पुलिस के बीच हुए टकराव को लेकर किसान नेता सरवन सिंह पंढ़ेर ने कहा कि वे नहीं चाहते कि स्कूल या इंटरनेट बंद हो, इसलिए वे केंद्र सरकार से बातचीत के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार की तरफ से बातचीत में कृषि मंत्री हों।

किसान आंदोलन में क्या-क्या हुआ?

किसान नेता ने कहा कि केंद्र सरकार को कल यानी शनिवार तक का समय दिया गया है। इसके बाद रविवार से फिर दिल्ली कूच की कोशिश शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि पुलिस के साथ टकराव में 8 लोग घायल हुए हैं और दो लोग गंभीर रूप से घायल हैं।

किसानों के साथ दुश्मन जैसा व्यवहार क्यों? – पंढ़ेर

किसान नेता ने कहा कि भारत सरकार ने हमें रोकने के लिए बल का प्रयोग किया, हम निहत्थे थे। हमने अनुशासन के साथ 101 लोगों का अपना प्रतिनिधिमंडल भेजा। पंढ़ेर ने कहा कि हमें पता था कि हम बैरिकेडिंग पार नहीं कर पाएंगे, लेकिन फिर भी हमने अपना मार्च शुरू किया। उन्होंने कहा कि वे पीएम मोदी से ये पूछना चाहते हैं कि हमारे साथ दुश्मन जैसा व्यवहार क्यों किया जा रहा है।

कृषि मंत्री ने याद दिलाई सरकार की गारंटी

किसानों और पुलिस के बीच टकराव के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यसभा में कहा कि सरकार किसानों की हितैषी है। उन्होंने कहा कि किसानों की सभी फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत ही खरीदा जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों का हित मोदी सरकार की गारंटी है।

 

नेशनल

शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी

Published

on

Loading

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।

ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।

Continue Reading

Trending