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उत्तर प्रदेश

पिता ने अपने 5 साल के बच्चे को कुल्हाड़ी से काटा, जानें क्या है मामला ?

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चित्रकूट। उत्तर प्रदेश में बांदा से सटे चित्रकूट जिले से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक पिता ने अपने 5 साल के मासूम बच्चे की गला काट कर हत्या कर दी है। जानकारी के मुताबिक, पिता इसलिए भड़क गया था क्योंकि रात को बच्चे के रोने से उसकी नींद में खलल पड़ गई थी। नींद में खलल पड़ने से नाराज पिता ने अपने ही बेटे का गला कुल्हाड़ी से काट दिया। पुलिस ने बताया है कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।

जानें पूरा मामला ?

जानकारी के मुताबिक, दुवारी गांव निवासी राजकुमार (35) के चार बच्चे हैं। रविवार रात को रोज की तरह अपने परिवार के साथ सो गया। रात तीन बजे अचानक राजकुमार की नींद खुली और पत्नी-बच्चों को घर से भगाने लगा। पत्नी ने मना किया तो राजकुमार गुस्सा गया। पत्नी और तीन बच्चे घर से बाहर निकल गए। छोटा बेटा सत्यम (5) घर में था। राजकुमार ने घर की लाइट बुझाई। घर के अंदर से ताला बंद कर लिया।

पुलिस जांच में जुटी

मऊ थाना पुलिस का कहना कि आरोपी ने हत्या क्यों की अभी इसका पता नहीं चल पाया है। मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। आरोपी के परिजनों का कहना है कि राजकुमार राक्षस है। उसने मासूम की हत्या कर दी।

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उत्तर प्रदेश

लखनऊ में बाघ का आतंक : वन विभाग ने पकड़ने के लिए किए तरह – तरह के उपाय, नहीं आ रहा है हाथ

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लखनऊ। रहमानखेड़ा केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में बाघ ने एक और पड़वे (भैंस के बच्चे) का शिकार किया है। यह बाघ का 15वां शिकार है। बाघ ने वन विभाग को एक बार फिर चकमा देते हुए जंगल में उसी जगह शिकार किया जहां उसको फंसाने के लिए गड्ढा खोदा गया है। जंगल के जोन एक के बेल वाले ब्लॉक में वन विभाग ने 15 फीट गहरा गड्ढा खोद झाड़ियों से ढक दिया है ताकि बाघ शिकार करने का प्रयास करें तो गहरे गड्ढे में गिर जाए।

फिर उसे ट्रैंकुलाइज किया जा सके। यहीं एक पिंजरा भी लगाया गया है जिसमें पड़वे को बांधा गया था। हालांकि वन विभाग की सारी तरकीबें धरी रह गई हैं। मंगलवार भोर में बाघ ने पड़वा को अपना निवाला बनाया। न वो पिंजरे में फंसा न गड्ढे में गिरा। सुबह जानकारी पर जांच करने पहुंची टीम को पड़वे का क्षतविक्षत शव मिला। मौके से बाघ के पगचिह्न भी मिले।

विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ 24 घंटे के अंदर अपने शिकार का बचा हुआ मांस खाने के लिए दोबारा आ सकता है। वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश में मीठेनगर, उलरापुर और दुगौली के आसपास मौजूद जंगल में डायना और सुलोचना हथिनियों से कॉम्बिंग की लेकिन उसका पता नहीं लगा। शिकार की जानकारी पर अपर मुख्य वन संरक्षक रेणू सिंह ने टीम लीडर आकाशदीप बधावन व डीएफओ सितांशु पांडेय के साथ शिकार स्थल का जायजा लिया। यहां सक्रिय टीम को मृत पड़वे के पास निगरानी करने का निर्देश दिए।

तीन दर्जन से अधिक वाहनों की आवाजाही नो- गो- जोन में कर रही शोर गुल

वन विभाग ने रहमान खेड़ा में नो-गो जोन घोषित किया है। इसके बावजूद वन विभाग के ही 30 से ज्यादा वाहनों की हलचल यहां हर दिन रहती है। मंगलवार को दोपहर में अधिकारियों समेत वन विभाग टीम के करीब दो दर्जन चार पहिया वाहन कमांड ऑफिस के आस-पास खड़े थे। संस्थान के कर्मियों के वाहन व बसों की आवाजाही भी यहां रहती है। मचान व पिंजरों के पास भी वाहनों के साथ अधिकारी आ जा रहे हैं। इसी के चलते बाघ पकड़ में नहीं आ पा रहा है।

 

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